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गर्भावस्था से संबंधित समस्याओं को आसान बनाने के लिए सप्लीमेंट्स
जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसे कई कठिन परिस्थितियों से गुज़रना पड़ता है। कई महिलाओं को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती जबकि कुछ महिलाओं को पूरे नौ महीने तक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इन लक्षणों में ऐंठन और दर्द, मॉर्निंग सिकनेस तथा अन्य समस्याएं शामिल हैं। हालाँकि कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे इन विपरीत परिस्थितियों का सामना किया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान त्वचा में होने वाले चार प्रकार के परिर्वतन
गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान लगभग अस्सी प्रतिशत महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए महिलाओं को दिन में तीन से चार बार लगभग 10 से 25 मिग्रा. विटामिन बी6 का सेवन करना चाहिए।
कुछ महिलाओं को हमेशा थकान महसूस होती है। ऐसा उनके आहार में आयरन (लोह तत्व) की कमी होने के कारण होता है। कुछ महिलाओं में पहले से ही आयरन की कमी होती है क्योंकि बच्चा मां के शरीर से सारा आयरन अवशोषित कर लेता है। अत: उर्जा की इस कमी को दूर करने के लिए आयरन सप्लीमेंट्स लेना आवश्यक होता है।
कई महिलाओं को अपचन, हार्ट बर्न, पेट फूलना, उबकाई आना आदि समस्या होती है। यदि आप मसालेदार या एसीडिक पदार्थ खाना टालें तो इस समस्या से बच सकते हैं।
बहुत सारा पानी पीयें तथा थोड़ी थोड़ी देर में उच्च फाइबर युक्त आहार लेते रहें। ताज़े फल और सब्जियां खाएं। हालाँकि यदि फिर भी लक्षण बने रहें तो आप डाईजेस्टिव एंजाइम्स का उपयोग कर सकते हैं।
गर्भधारण करने से पहले करवाएं ये जरुरी टेस्ट
इसके
अलावा
आपको
कब्ज़
की
समस्या
भी
हो
सकती
है।
ऐसा
गर्भावस्था
के
हार्मोंस
और
आयरन
युक्त
आहार
लेने
के
कारण
हो
सकता
है।
ताज़े
फल
और
सब्जियां
खाएं।
यदि
इनका
भी
कुछ
असर
न
हो
तो
लेक्सेटिव
का
उपयोग
करें।
इसके
अलावा
विटामिन
सी
सप्लीमेंट्स
(संपूरक)
लें।
कई महिलाओं को पीठ दर्द या पूरे शरीर में दर्द की समस्या हो सकती है। इससे छुटकारा पाने के लिए मैग्नीशियम को अपने आहार में शामिल करें। इसके अलावा आप नहाने के टब में गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर सिंकाई भी कर सकती हैं।