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जानें, गर्भावस्था के पहले महीने में क्या खाएं और क्या नहीं
गर्भ धारण करने के बाद, शुरूआत के तीन महीने बहुत ही सर्तकता के साथ बिताने चाहिए। इसमें चूक होने पर आपको ताउम्र खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
गर्भावस्था का पहला महीना, लगभग हर औरत के लिए अनजाना ही होता है। कई बार वो पहला महीना आधा बीत जाने पर ही जान पाती है कि उनकी कोख में एक जान पलने लगी है। ये जानकारी मासिक धर्म न होने के बाद ही पक्का हो पाती है लेकिन तब तक महिला, 2 से 2.5 हफ्ते की गर्भवती हो चुकी होती है।
गर्भावस्था के दौरान पेट में गैस को दूर करने के उपाय
गर्भ धारण करने के बाद, शुरूआत के तीन महीने बहुत ही सर्तकता के साथ बिताने चाहिए। इसमें चूक होने पर आपको ताउम्र खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। चूँकि इस दौरान मतली, चक्कर आना और थकान होना स्वाभाविक लक्षण होते हैं तो महिला को कुछ अलग और हटकर खाने का मन होता है। हर महिला का ज़ायका बिलकुल बदल जाता है।
कैसे पता लगाएं कि पेट में लड़की है
लेकिन इन दिनों में ज़ायके पर ध्यान न देकर स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। गर्भवती होने पर पहले महीने में आपको कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन अवश्य करना चाहिए और कुछ का बिल्कुल नहीं। इस बारे में विस्तारपूर्वक पढ़ें:
1. फोलेट से भरपूर आहार -
गर्भवती होने पर आप तुंरत डॉक्टर से सम्पर्क करती हैं और डॉक्टर भी बतलाता है कि आपको फॉलिक एसिड से युक्त आहार का सेवन अवश्य करना होगा ताकि भ्रूण का विकास अच्छी तरह हो पाएं। आपको बता दें कि अगर आप फॉलिक एसिड युक्त आहार नहीं लेंगी तो बच्चे के ब्रेन का विकास बिलकुल नहीं होता है और कई मामलों में वो अपंग पैदा होता है।
2. विटामिन बी6 -
गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में विटामिन बी6 सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। ये साबूत अनाजों, सॉल्मन, मूंगफली और पीनट बटर में पाया जाता है। इसका सबसे अच्छा स्त्रोत केला होता है।
3. फल -
फल अवश्य खाएं। लेकिन कुछ प्रकार के फलों जैसे पपीता, अनानास से बचें। फलों में विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं जिससे शरीर का ऊर्जा और शक्ति मिलती रहती है। साथ ही शुरूआती अवस्था में कमजोरी भी नहीं आती है।
4. दूध के उत्पाद-
गर्भावस्था के पहले महीने में दूध के पदार्थों का सेवन अवश्य करें। अगर आप दूध पसंद नहीं करती हैं तो उसमें इलायची या अन्य फ्लेवर को एड करके पी लें। लेकिन दूध पीने में कोताही न बरतें। दही, चीज़, पनीर या टोफू का सेवन करें। इससे आपके शरीर में जिन पोषक तत्वों की कमी होगी, वो पूरे हो जाएंगे। गर्भवती महिला को हर दिन 1 लीटर दूध का सेवन कम से कम करना चाहिए।
5. मीट -
अगर आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं तो मीट का सेवन इन दिनों में करना सही रहेगा। लेकिन आप ध्यान रखें कि ताजा मीट ही खाएं और वो सही से पका हो। मीट के कई पोषक तत्व, भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर को एकदम से बूस्ट कर देते हैं।
6. आयरन से भरपूर फूड्स -
शरीर में आयरन की मात्रा पर्याप्त होने पर रक्त का संचरण सही से होता है। इसलिए गर्भवती होने के बाद, आपको आयरन की जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है, खासकर पहले महीने में, ताकि बच्चे और आपके शरीर में रक्त का संचरण और शुद्धि सही से हो। इसके लिए, चुकंदर, ब्रान, दलिया, पालक, टुना फिश, ड्राई फ्रूट्स आदि का सेवन करें।
7. शुगरी फूड्स -
गर्भावस्था के शुरूआती पहले महीने में शरीर में अचानक से कमजोरी आ जाती है और शरीर को बूस्ट होने के लिए ज्यादा सुगर की जरूरत होती है ऐसे में आप सुगरी फूड का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
1. गर्भपात कर सकने वाले फूड्स-
कभी भी ऐसे फूड्स का सेवन न करें जो आपके पेट में दर्द या ऐंठन पैदा कर सकते हों और उनकी वजह से आपका गर्भपात होने की संभावना हो। अनानास, पपीता, लीकोराइस आदि का सेवन इन दिनों में करना वर्जित होता है।
2. सी फूड्स -
शुरूआती महीने में कभी भी सा फूड्स का सेवन न करें। ये बच्चे के ब्रेन के विकास पर असर डालता है और उसके कमजोर बना देता है। बस आप सिर्फ कुछ मछलियों को ही खा सकते हैं।
3. सॉफ्ट चीज़ -
गर्भवती होने पर पहले महीने में आप हार्ड चीज़ खाएं लेकिन सॉफ्ट नहीं। ये अनपाश्चुराइज्ड़ मिल्क से बनता है जो फूड प्वाइंजनिंग का कारण बन सकता है और कई अन्य बैक्टीरिया भी शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। साथ ही इसके सेवन से गैस भी हो सकती है।
4. पैकेज़्ड या प्रोसेस्ड फूड -
पहले महीने में बेबी का विकास होना शुरू हो जाता है ऐसे में कैमिकल के साथ संरक्षित चीजों का सेवन करने से विकास पर बुरा असर पड़ने लगता है। बेहतर होगा कि घर पर बने जूस का सेवन करें। दही भी घर पर ही जमाएं।