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क्या प्रेग्नेंसी में जामुन खाना सुरक्षित है?
हाँ
प्रिग्नेंसी
में
जामुन
खाना
स्वास्थ्य
के
लिए
सही
है।
बहुत
सी
महिलाएं
गर्भावस्था
में
जामुन
खाने
की
इच्छा
रखती
हैं,
क्यों
कि
यह
रसीला
और
खट्टा
फल
है!
इसके
स्वाद
के
साथ
ही
यह
स्वास्थ्य
के
लिए
भी
लाभप्रद
है।
फिर भी, क्या यह पूरी तरह सुरक्षित है और इसके साइड-इफेक्ट हैं या नहीं? यदि आपकी भी इस दौरान जामुन खाने की इच्छा होती है, तो आप यह पोस्ट ज़रूर पढ़ें।

हम
आपको
बताते
हैं
कि
प्रिग्नेंसी
के
दौरान
जामुन
खाना
कितना
सुरक्षित
है
और
यह
स्वास्थ्य
के
लिए
किस
तरह
फायदेमंद
है।
क्या
प्रिग्नेंसी
में
जामुन
खाना
सही
है?
आपको
कई
जगह
से
ऐसी
जानकारी
मिलेगी
कि
प्रिग्नेंसी
में
जामुन
खाने
से
आपके
होने
वाले
बच्चे
की
स्किन
पर
काले
दाग
पड़
जाते
हैं,
लेकिन
इसका
कोई
मेडिकल
प्रमाण
नहीं
है।
इसलिए, गर्भावस्था के दौरान सही मात्रा में जामुन खाना स्वस्थ प्रिग्नेंसी के लिए ठीक है। जामुन में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और पोषक तत्व आपके गर्भ की रक्षा करते हैं और गर्भ की ग्रोथ में मददगार हैं।

1. हड्डियों को मज़बूत करती है:
जामुन में कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन और पोटेशियम की अधिकता होती है जिससे हड्डियाँ मज़बूत होती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा, इस फल के पोषक तत्व बच्चे की ग्रोथ में भी मददगार हैं।

2. पाचन को बढ़ाता है
डायरिया और पेट के अल्सर को ठीक करने में जामुन एक प्रभावी औषधि है। इसलिए प्रिग्नेंसी के दौरान जामुन खाने से पाचन से संबंधी समस्याएँ व अल्सर, कब्ज आदि दूर होते हैं, और पाचन क्रिया सुचारु होती है।

3. डायबिटीज़ को ठीक करती है
जामुन अपने लो ग्लाइकेमिक इंडेक्स के लिए जानी जाती है इसलिए यह ब्लड शुगर के लेवल को नियमित करती है। जामुन का एंटी-डायबिटीज़ इफेक्ट आपके ब्लड ग्लूकोज के लेवल को 30% कम करता है और डायबिटीज़ के जोखिम को कम करता है।

4. कैंसर को दूर करता है
कई मेडिकल स्टडीज़ से पता चला है कि जामुन में केमोप्रोटेक्टिव और रेडियोप्रोटेक्टिव तत्व होते हैं जो कि कैंसर पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स जैसे रेडिएशन को बढ़ने से रोकते हैं। इसलिए प्रिग्नेंसी में पर्याप्त मात्रा में जामुन खाना कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए सही है।

5. इन्फेक्शन को दूर करता है
जामुन के पौधे के कई हिस्से जैसे पत्तियाँ, बीज और छाल, हानिकारक बैक्टीरिया के इन्फेक्शन को दूर करते हैं। जामुन में ऑक्लिक एसिड, मैलिक एसिड, टैनिन, और गैलिक एसिड होते हैं जो कि एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-मैरलियल और गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव फायदे पहुंचाते हैं और प्रिग्नेंसी में कई तरह के हानिकारक इन्फेक्शन को दूर रखते हैं।

6. मुंह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
जामुन के एंटी-बैक्टीरियल तत्व मुंह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। इसलिए, प्रिग्नेंसी के दौरान जामुन खाने से दांतों से जुड़ी समस्याएँ और अन्य ओरल प्रोब्लंस दूर रहती हैं।

7. एनीमिया को दूर करता है
जामुन में आयरन और विटामिन सी की अधिकता होती है, जिससे यह गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से एनीमिया या थकान जैसी समस्याएँ नहीं होती हैं।

8. दिल को स्वस्थ रखता है
जामुन में पोटेशियम भी प्रचूर मात्रा में होता है, 100 ग्राम जामुन में 55 एमजी पोटेशियम होता है। यह पोटेशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। साथ ही, एलेगिक एसिड, एन्थोकायनिदिन और एंथोकायनिन जैसे पोषक तत्व एंटी-इंफलामेटरी और एंटी-ओक्सीडेंट्स के रूप में फायदा करते हैं जिससे कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण कम होता है और दिल स्वस्थ रहता है।