Just In
- 29 min ago नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
- 2 hrs ago Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
- 2 hrs ago Happy Birthday Mukesh Ambani: बुलंदियों पर पहुंचकर भी जड़ों को न भूलने वाले मुकेश अंबानी को दें जन्मदिन की बधाई
- 3 hrs ago Kamada Ekadashi 2024 Wishes: श्रीहरि विष्णु की कृपा के साथ प्रियजनों को भेजें कामदा एकादशी की शुभकामनाएं
Don't Miss
- Finance Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के दिन क्या बंद रहेंगे बैंक, यहां से जाने डीटेल
- News Israle-Iran Live: इजराइल ने ईरान पर मिसाइलों से किया जोरदार हमला, परमाणु ठिकाने वाले शहर में धमाके
- Movies दिव्यांका त्रिपाठी का एक्सीडेंट, टूट गईं इस जगह की हड्डियां, पति ने रद्द किए सारे इवेंट्स!
- Technology Youtube, UPI पेमेंट सपोर्ट के साथ Itel ने भारत में नया फीचर फोन किया लॉन्च, दाम 1800 रुपये से कम
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Automobiles टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
फूड प्वॉइजनिंग से भी हो सकता है गर्भपात, जाने इससे बचने के लिए क्या करें?
एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए बैलेंस्ड और पौष्टिक डाइट पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता है। एक सही पौष्टिक तत्व न सिर्फ आपको गर्भावस्था के दौरान आपको हेल्दी रखता है, इसके साथ ही ये आपके गर्भ में पल रहे शिशु तक पोषण पहुंचाता है। प्रेगनेंसी के दौरान मेटाबॉलिज्म और सर्कुलेशन में बदलाव आने की वजह से आपको फूड प्वाइजनिंग होने की ज्यादा आशंका रहती है। इस दौरान आपको अपना डाइट चुनते हुए बहुत सर्तक होने की जरुरत है क्योंकि गलत तरह की डाइट से आपको फूड प्वाइजनिंग हो सकती है, जो प्रेगनेंसी में दिक्कतें बढ़ा सकती है।
अगर फूड प्वाइजनिंग की समस्या का सही समय में इलाज नहीं हुआ तो इस वजह से डिहाइड्रेशन, मिसकैरिज या प्रीमैच्योर डिलीवरी की समस्या हो सकती है। इसलिए प्रेगनेंसी में फूड प्वाइजनिंग की समस्या होते ही डॉक्टर से मिलें। आइए पढ़िए और किन सूरतों में प्रेगनेंसी में फूड प्वाइजनिंग घातक हो सकती है।
कैसे होती है फूड प्वॉइजनिंग?
फूड प्वॉइजनिंग तब होती है, जब कोई दूषित या खराब खाना खाने से या पेय पदार्थ पीने से बीमार हो जाते हैं। प्वाइजनिंग दो तरीके से होता है। एक विषैले एंजेंट के माध्यम से और एक संक्रमण एंजेंट के माध्यम से। ऐसा तब होता है जब भोजन में फूड बैक्टरिया या अन्य सूक्ष्म जीव होते हैं। ऐसे भोजन करने के बाद यह शरीर में संक्रमण फैला देते हैं। किसी भी फूड से नशा होने का मतलब भोजन का विषाक्त होना है। इसमें बैक्टीरियल उत्पादित एक्सोटॉक्सिन्स शामिल होते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान फूड प्वाइजनिंग के लक्षण
फूड प्वाइजनिंग सामान्यता पेट और आंतों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। ये अक्सर पेट दर्द, बुखार और बदन दर्द के साथ उभरकर सामने आता है। आइए जानते है इसके सामान्य लक्षण
- डायरिया
- उल्टी
- पेट में मरोड़े आना।
इसके अलावा आपकी इम्यून सिस्टम पर ये चीज निर्भर करती है कि वो इन विषाक्त विषाणुओं के खिलाफ कैसे लड़ता है। कुछ मामलों में, ये लक्षण हो सकता है आपका हल्के या मामूली से लगे लेकिन ये आपको अपने अजन्मे बच्चे को जोखिम में डाल सकते हैं।
प्रेगनेंसी में इन फूड को खाने से बचें
प्रेगनेंसी के दौरान एक अच्छी डाइट आपके लिए बेहद जरुरी होती है। जो आपको और आपके बच्चों को पौषण के साथ ऊर्जा भी देती है। इसलिए अगर आप सावधानी बरतते है तो आप इस फूड इंफेक्शन से बच सकते है। आइए जानते है कि प्रेगनेंसी के दौरान कैसे फूड की करें जांच।
- पेश्चराइज्ड दूध और ऐसेडेयरी प्रॉडक्ट का यूज करने से बचे जो सॉफ्ट चीज से बने हुए होते है।
- फ्रेश अंकुरित अनाज को खाना से बचें।
- कच्चे मांस, मछली और अंडे को खाने से बचें।
- सी फूड न ही खाएं
- जूस और साइडर के सेवन सेबचें।
- सब्जियों का सेवन करने से पहले उन्हें साफ और अच्छे पानी से धोएं।
खाना बनने के बाद फ्रेश और गर्म खाना खाएं।
- मीट और दूध से बने उत्पाद को 40 डिग्री कूलिंग टेम्परेचर पर फ्रीज में रखें।
- डेमेज पैकिंग फूड खाने से बचें।
- एक्सपायरी और ज्यादा पुराने प्रॉडक्ट को खरीदने से बचें।
- खाने बनाने और खाते समय हाथ धोना न भूलें।
- बचे हुए खाने को एक बार गर्म करके खाएं, क्योंकि फ्रीज खाने में बैक्टीरियों को बढ़ने से नहीं रोकता है।
Most Read : कहीं आपका बच्चा ट्रांसजेंडर तो नहीं!, इन इशारों से समझे
फूड प्वाइजनिंग का प्रेगनेंसी और शिशु पर असर
विषाक्त भोजन खाने के वजह से सूक्ष्मजीव या कोई भारी धातु या रसायन प्लेसेंटा के अंदर प्रवेश करके शिशु के विकास को प्रभावित कर सकता है। हालांकि जन्म से पहले ये इंफेक्शन बच्चें को गर्भ में कमजोर बना सकता है क्योंकि उसका प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता है। जिसके परिणामस्वरुप नवजात बच्चें को कई तरह के हेल्थ इश्यूज घेर लेते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान फूड प्वाइजनिंग से बचने के तरीके
ये जानना थोड़ा मुश्किल होता है कि प्रेगनेंसी में फूड प्वाइजनिंग होने पर क्या करें? इस दौरना अपने डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
हाइड्रेड रहें
प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी और डायरिया होने के वजह डिहाइड्रेशन होने का खतरा रहता है। इस समय पानी, सूप, और ओआरएस पर ध्यान देने की जरुरत होती है। रोजाना पानी की अच्छी खुराक से आपका शरीर हाइड्रेड रहता है और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करता है।
लक्षणों को पहचानें
टेस्ट के जरिए आप फूड प्वाइजनिंग के कारणों को जान सकते है।
Most Read :गर्भ में जुड़वा बच्चों में से अगर एक की हो जाए मौत, जानें क्या होता है दूसरे के साथ
ट्रीटमेंट लें
एक बार कारण समझ में आ जाएं तो एंटीबॉयोटिक लेना शुरु करें ताकि मां को इस इंफेक्शन से बचाकर शिशु तक इस इंफेक्शन को पहुंचने से रोका जा सकें।
घरेलू उपाय
एक बार इंफेक्शन होने के बारे में मालूम होने पर आप कुछ घरेलू उपायों से भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
- रिकवरी होने तक अच्छे से आराम करें
- जब तक शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ नहीं निकल जाते है जितना हो सकें उतना पानी पीएं।
- आपको आसानी से पचने वाले फूड खाने चाहिए। जैसे ही आप बेहतर महसूस होने लगे वैसे आप अपनी पुरानी डाइट पर लौट सकते हैं।
- इस दौरान आपको दूध को पूरी तरह अवॉइड करना चाहिए।
इसके अलावा जरुरी है कि आप स्वच्छता पर पूरा ध्यान दें।