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क्‍यूं, पुरुषों और महिलाओं का सेक्‍स क्‍लॉक होता है अलग-अलग?

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सेक्‍स हर रिश्‍ते का हेल्‍दी बनाएं रखने में सबसे ज्‍यादा अहम भूमिका निभाता है, मूड फ्रेश करना हो या पार्टनर के साथ आत्‍मीय जुड़ाव की बात है। सेक्‍स हर लिहाज से हर कपल के रिश्‍ते में प्‍यार की मिठास घोल देता है। लेकिन यह जरुरी नहीं है कि एक ही समय में पुरुष और महिला का सेक्‍स करने का मन हो, कई बार होता है कि जब महिलाएं सेक्‍स को लेकर उतेजित महसूस करती हैं, उस समय हो सकता है पुरुष सेक्‍स के लिए तैयार न हों।

वहीं अक्‍सर होता है कि जहां पुरुष सुबह के समय सेक्‍स को लेकर उतेजित होती हैं, वहीं महिलाएं रात के समय मूड में होती हैं। दरअसल महिलाओं और पुरुष के मूड उनके हार्मोन्‍स पर निर्भर करते हैं। इन 6 गलतियों की वजह से सेक्‍स लगने लगता है बोरिंग

आइए जानते है कि आखिर महिलाओं और पुरुषों का सेक्‍स क्‍लॉक क्‍यों अलग अलग टाइम पर चलता है।

सुबह के समय टेस्‍टोस्‍टेरॉन होता उच्‍च स्‍तर पर

सुबह के समय टेस्‍टोस्‍टेरॉन होता उच्‍च स्‍तर पर

पुरुषों के सुबह सोकर उठने से पहले उनके टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर अपने उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच जाता है। यह स्‍तर 25 से 50 तक पहुंच जाता है। दिन भर में यह कभी भी इस अंक तक नहीं पहुंचता। असल में इसके पीछे पुरुषों की पिटूटेरी ग्रंथि उत्‍तरदायी होती है। यह ग्रंथि पुरुषों में सेक्‍स हॉर्मोन उत्‍पादित करती है। रात में यह सक्रिय हो जाती है और भोर तक अपनी उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच जाती है।ALERT... इन 11 जगहों को छूने पर मर्दों में जागती है सेक्‍स की तलब

रिसर्च में भी हुआ खुलासा

रिसर्च में भी हुआ खुलासा

एक शोध में यह भी प्रमाणित हुआ है कि पुरुष जितना अधिक और गहरी नींद सोते हैं उनके टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर उतना ही अधिक होता है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल के मुताबिक पांच घंटे से अधिक सोना पुरुषों में इस हार्मोन का स्‍तर 15 फीसदी तक बढ़ा सकता हैं।

दिल की बीमारी से बचाव

दिल की बीमारी से बचाव

जब सुबह के समय आप सेक्स करते हैं तो शरीर से एनर्जी भी खर्च होती है। इससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है। एक रिसर्च के अनुसार, हफ्ते में कम से कम 3 बार सेक्स करने से दिल की बीमारी या दिल के दौरे से बचा जा सकता है।

इरेक्‍टाइल डिसफंक्‍शन के लिए फायदें

इरेक्‍टाइल डिसफंक्‍शन के लिए फायदें

जिन पुरुषों को एरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होती है उनके शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरॉन हॉरमोन की कमी होती है। सुबह के समय पुरुषों में टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्तर अधिक होता है। इसलिए सुबह के समय सेक्स करने से उनको कम परेशानी होती है।

बीमारियां नहीं होती है

बीमारियां नहीं होती है

सुबह के समय सेक्स करने से शरीर में हॉर्मोन्स का संतुलन बना रहता है जिससे बीमारियों से बचाने वाली रोग प्रतिरोधक शक्ति बेहतर हो जाती है और आपको आसानी से कोई बीमारी या संक्रमण नहीं होता है।

महिलाओं में टेस्‍टोस्‍टेरॉन

महिलाओं में टेस्‍टोस्‍टेरॉन

महिलाओं में भी टेस्‍टेस्‍टेरॉन होता है, लेकिन उनमें इसका निर्माण बहुत कम होता है, और वह भी रात के समय। इसके साथ ही ऑस्‍टे्रोजेन और प्रोगेस्‍ट्रेरॉन के जरिये इसे संतुलित भी रखा जाता है। पुरुषों को उतेजित करने के लिए टेस्‍टोस्‍ट्रेरॉन की थोड़ी सी मात्रा ही काफी होती है। सुबह के समय इसकी मात्रा अधिक होने का अर्थ यह है कि पुरुष सप्‍ताह में दो तीन बार स्‍तंभन के साथ उठेंगे।

थकान मिटाने के लिए

थकान मिटाने के लिए

महिलाएं रात में थकने के बाद अपनी थकावट उतारने के लिए सेक्‍स का सहारा लेती हैं। उन्‍हें रात में सेक्‍स काफी रिलेक्‍स करता है। और उससे आराम महसूस होता हैं। महिलाओं को सेक्‍स के बाद अपनी पार्टनर के साथ कुछ क्षण बिताना बहुत अच्‍छा लगता हैं।

English summary

Why do men like to lovemaking in morning and women at night

Why is it that a man feels at his sexiest when he wakes up in the morning And why, late at night, when a woman is in the mood for love, is her man just lying there, snoring? It all comes down to hormones. Here’s why our sex clocks don’t always tick in time.
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