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जानिए आपकी राशि अनुसार क्‍या है आपका पॉवर चक्र

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ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार राशि की सहायता से व्‍यक्‍ति के व्‍यवहार और स्‍वभाव के बारे में जाना जा सकता है। राशि के अनुसार किसी व्‍यक्‍ति की शारीरिक जरूरतों और अन्‍य जानकारी के बारे में पता लगा सकते हैं।

आपके जन्‍म की तारीख के अनुसार आपके लिए क्‍या चीज़ें भाग्‍यशाली होती हैं।

चक्र एक संस्‍कृत शब्‍द है जिसका अर्थ ऊर्जा का चक्र होता है। माना जाता है कि ये चक्र शारीरिक शक्‍ति, बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य, शक्‍ति और जीवनशक्‍ति को रेखांकित करता है। ये चक्र मनुष्‍य की मानसिकता, मन और आत्मा को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करते हैं। इन चक्रों के बारे में जानना महत्‍वपूर्ण होता है। आइए जानते हैं कि आपकी राशि अनुसार आपका चक्र क्‍या है।

मेष :

मेष :

ज्‍योतिष के अनुसार मेष राशि का तीसरा चक्र सोलर प्‍लेक्‍सस चक्र होता है जोकि इनकी शक्‍ति का मुख्‍य केंद्र होता है। ये चक्र इनकी नाभि के ऊपर होता है और ये पूर्वानुमान से जुड़ा होता है।

वृषभ :

वृषभ :

इस राशि का चौथा चक्र है। चौथा चक्र अत्‍यधिक प्रभावशाली होता है। इस चक्र को ह्रदय चक्र के नाम से भी जाना जाता है। ह्रदय और बैल दोनों पर ही शुक्र की कृपा बरसती है इसलिए ये चक्र अत्‍यंत प्रभावशाली होता है। इस चक्र वाले लोग अपने साथी की सहानुभूति रखते हैं और प्रेम के मामले में गहरे संबंध बनाते हैं। इन्‍हें आर्थिक लाभ भी होता है।

मिथुन :

मिथुन :

मिथनु राशि का पांचवा चक्र है और इसका स्‍वामी बुध है इसलिए ये ऊर्जा का प्रमुख स्रोत माने जाते हैं। इनमें भरपूर आत्‍मविश्‍वास होता है और ये अपने विचारों और योजनाओं से कई लोगों को प्रभावित करते हैं।

कर्क :

कर्क :

कर्क राशि का छठा चक्र होता है और ये चक्र मनुष्‍य की आत्‍मा का तीसरा नेत्र चक्र माना जाता है। चंद्रमा के प्रभाव में होने के कारण ये बिना झुके अपने कार्य को पूरा करने में सफल हो पाते हैं।

सिंह :

सिंह :

इस राशि का सातवां चक्र है जिसे क्राउन चक्र के नाम से भी जाना जाता है। इस वक्र पर सूर्य का प्रभाव होता है। इनके माथे के ऊपर वाली जगह इनके शरीर का सबसे शक्‍तिशाली चक्र माना जाता है। इसकी सहायता से ये बड़ी आसानी से समस्‍याओं को समझ और उनका हल निकाल पाते हैं।

कन्‍या :

कन्‍या :

इस राशि का पांचवा चक्र है जिसे थ्रोट चक्र भी कहा जाता है। गले के सही होने पर इस राशि के लोग बेहतर महसूस करते हैं। ये उचित तथ्‍यों को सामने लाते हैं और पब्‍लिक स्‍पीकिंग में काम करते हैं।

तुला :

तुला :

इस राशि का भी चौथा चक्र है जिस पर शुक्र की कृपा रहती है और ये ह्रदय को नियंत्रित करना है जिससे व्‍यक्‍ति अपने जीवनसाथी से बेहद प्‍यार करता है और वे इनके प्रति आकर्षित रहते हैं।

वृश्चिक :

वृश्चिक :

इस राशि का चक्र तीसरा है और इसे सोलर प्‍लेक्‍सस चक्र के नाम से भी जाना जाता है। ये इनकी शक्‍ति का मुख्‍य केंद्र होता है। ये चक्र इनकी नाभि के ऊपर होता है और ये पूर्वानुमान से जुड़ा होता है।

धनु :

धनु :

इस राशि का चक्र दूसर होता है और इसे सैक्रल चक्र के नाम से भी जानते हैं। ये नाभि के ठीक ऊपर स्थित होता है और इस पर गुरु की कृपा रहती है। ये आशावादी रहते हैं। यौन उत्तेजना और गर्भावस्था के रूप में भी इस चक्र को देखा जा सकता है।

मकर :

मकर :

मकर राशि का पहला चक्र होता है। यह ग्रह सबसे अधिक साफ दिखाई देता है। पहले चक्र को रूट चक्र भी कहते हैं। शक्‍ति का केंद्र होने के कारण ये अत्‍यंत प्रभावशाली होता है। इसमें व्‍यक्‍ति कठिन परिस्थिति में भी संतुलित रहता है और सही कदम उठाता है।

कुंभ :

कुंभ :

इस राशि का पहला चक्र होता है। यह ग्रह सबसे अधिक साफ दिखाई देता है। पहले चक्र को रूट चक्र भी कहते हैं। ये परिस्थिति को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं जिस वजह से इन्‍हें व्‍यक्‍तिगत लाभ होता है।

मीन :

मीन :

इस राशि का दूसरा चक्र होता है और इसे सैक्रल चक्र भी कहते हैं। ये नाभि पर स्थित होता है। ये चक्र मीन राशि वालों को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करता है। ये आशावादी भी बनाता है।

English summary

What’s Your Power Chakra According To Your Zodiac Sign?

Learn about the various chakras that will blow your mind, which are based as per your zodiac sign…
Story first published: Tuesday, November 7, 2017, 13:08 [IST]
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