Just In
- 1 hr ago नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
- 3 hrs ago ये शख्स हैं चलता-फिरता शराबखाना, इस अनोखी बीमारी की वजह से पेट में बनती है शराब
- 4 hrs ago Suhana Khan Beauty Tips : खुल गया सुहाना खान की खूबसूरती का राज, बेदाग त्वचा के लिए रखती हैं ऐसे ख्याल
- 7 hrs ago गर्मी में पेट को शांत रखता है यूपी-बिहार का सन्नाटा रायता, ये हैं फायदे और बनाने का तरीका
Don't Miss
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Education UPSC CSE Result 2023: यूपीएससी सीएसई रिजल्ट में कितने मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए, देखें सूची
- News चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, आंध्र प्रदेश के डीजीपी इंटेलिजेंस का किया तबादला
- Automobiles KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
इंटरमिटेंट फास्टिंग और टाइप 2 डायबिटीज: मधुमेह रोगियों के लिए यह डाइट प्लान कितना सेफ है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने के लिए दुनियाभर में एक फेमस डाइट प्लान बन गया है। क्योंकि कई मशहूर हस्तियां इस फास्टिंग पैटर्न का समर्थन करते हुए नजर आए है। लोग अपना वजन कम करने और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए पारंपरिक उपवास पद्धति के इस संशोधित संस्करण को फॉलो कर रहे हैं। कई लोग इस डाइट पैटर्न करने लगे हैं। आमतौर पर अधिकांश के लिए ये पैटर्न प्रैक्टिस के तौर पर सुरक्षित है। केवल जब टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों की बात आती है, तो इस डाइट पैटर्न के बारे में सोचने की आवश्यकता है, आइए जानते हैं कि डायबिटीज मरीजों के लिए ये डाइट प्लान कितना सुरक्षित है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग की समस्या
जो लोग अपने रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए दवाएं या इंसुलिन लेते है, उन्हें अपने शर्करा के स्तर को संतुलित करने के लिए नियमित अंतराल पर कुछ खाना जरुरी होता है। इसलिए उन्हें अपने ग्लूकोज स्तर को संतुलित करने के लिए पूरे दिन अपने भोजन के समय को अलग रखने की सलाह दी जाती है। इस स्थिति से पीड़ित होने पर उपवास करने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है (रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से कम हो जाता है), जिससे व्यक्ति थका हुआ, चिंतित, पीला, भूखा और चिड़चिड़ा महसूस करता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में तय घंटों के लिए खाने से बचना होता है और बचे हुए घंटों में सभी कैलोरी का सेवन करना होता है। उपवास की अवधि 10 घंटे, 16 घंटे या एक दिन की हो सकती है, जो आपके द्वारा चुने गए
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर निर्भर करता है।
इस खाने के पैटर्न से बचने के अन्य कारण
इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ एक और समस्या यह है कि इससे हाइपरग्लेसेमिया (रक्त शर्करा का स्तर बढ़ा हुआ) हो सकता है। ऐसा तब होता है जब आप सभी कैलोरी का बार-बार सेवन करते हैं, ज्यादातर समय आप फास्टिंग तोड़ते समय और जब आप भूखे होते हैं। रक्त शर्करा के स्तर में यह अचानक वृद्धि मधुमेह से संबंधित जटिलताओं जैसे तंत्रिका क्षति, दृष्टि हानि, गुर्दे की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकती है।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग से बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा?
शोध बताते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने, शरीर को अंदर से ठीक करने, उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने और यहां तक कि टाइप 2 मधुमेह सहित पुरानी बीमारियों के विकास के जोखिम को कम करने में प्रभावी है। लेकिन कुछ शोधकर्ता यह भी सुझाव देते हैं कि लंबे समय तक इस जीवनशैली का पालन करने से टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा भी बढ़ सकता है। रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि और गिरावट अग्न्याशय पर दबाव डाल सकती है और कोशिकाओं को इंसुलिन प्रतिरोधी बना सकती है। हालांकि इससे जुड़ी ज्यादा रिसर्च नहीं हैं।
सुझाव
इंटरमिटेंट फास्टिंग विभिन्न प्रकार के होते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए प्रभावी और सुरक्षित नहीं है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो खाने का कोई और तरीका आजमाएं। किसी भी आहार और नियमित खाने की कोशिश करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा है। वे आपकी स्थिति के आधार पर आपको कुछ सुरक्षित सुझाव दे सकते हैं।
- क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग से ब्लड शुगर प्रभावित होता है?
उपवास की अवधि के बाद, इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ जाती है, और इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप उपवास के दौरान और खाने के तुरंत बाद रक्त शर्करा के स्तर में सुधार होता है।
- क्या पूर्व मधुमेह रोगियों को रुक-रुक कर उपवास करना चाहिए?
दिन के पहले आठ से 10 घंटों के दौरान ही भोजन करना - इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक रूप जिसे "शुरुआती समय-प्रतिबंधित भोजन" (early time-restricted feeding) के रूप में जाना जाता है - आपके शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। यदि आपको पूर्व-मधुमेह या उच्च रक्तचाप की सीमा रेखा है, तो आपका रक्त शर्करा का स्तर और रक्तचाप सामान्य हो जाएगा।
- मधुमेह रोगी को कितने घंटे उपवास रखना चाहिए?
सबसे आम प्रकार के उपवास को 16:8 विधि के रूप में जाना जाता है, जिसमें 16 घंटे का उपवास और खाने की खिड़की को घटाकर केवल 8 घंटे करना शामिल है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति लगभग 7 बजे रात का भोजन कर सकता है, अगले दिन नाश्ता छोड़ सकता है और लगभग 11 बजे दोपहर का भोजन कर सकता है।