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फरहान ने कैसे बनाई अपनी मिल्खा जैसी बॉडी?
कभी दुबले पतले से दिखने वाले फरहान अखतर आज देखने में एक खिलाड़ी जैसे हष्ट पुष्ट लगते हैं। फरहान की बॉडी में अचानक ऐसा बदलाव क्यूं हुआ ये तो हम सब जानते हैं पर ये बदलाव आया कैसे, फरहान ने अपनी बॉडी ऐसी मजबूत बनाने के लिये क्या-क्या महनत कि इसका अंदाजा शायद ही हम लगा सकते हैं।
भाग मिल्खा भाग के डायरेक्टर की बात करें, तो उन्हें इस मूवी के लिये फरहान को एक खिलाड़ी की तरह दिखाना था न कि एक बॉडी बिल्डर के जैसे। इसलिये उन्होने फरहान के ट्रेनर को सलाह दी कि फरहान के शरीर को बिल्कुल ब्रैड पिट की उस बॉडी की तरह ढालों जैसा वह अपनी मूवी फाइट क्लब में दिख रहा था।
फरहान के कोच ने बताया कि, इसके पीछे उनका विचार था कि फरहान का शरीर एक खिलाड़ी की तरह फिल्म में नजर आए न कि गजनी जैसे भारी भरकम शरीर की तरह। फरहान ने अपनी ट्रेनिंग नवमंबर 2011 में शुरु कर दी। पहले तो इन्होने धीरे-धीरे हफ्ते में 1 घंटा कसरत करना आरंभ किया और फिर इसे बढा कर हफ्ते के 6 दिन में 6 घंटे तक पहुंचा दिया। आइये और जानते हैं कि फरहान ने अपने शरीर को मिल्खा सिंह के शरीर में ढालने के लिये कितनी कड़ी महनत की।
वर्कआउट प्लान
फिल्म में मैं ने दो रोल किय हैं, एक तो भारी भरकम सैनिक का और दूसरा पतले दुबले खिलाड़ी का। यहीं पर मुझे वेट को किसी तरह से मैनेज करना था। पहले तो मुझे अपना वजन बढाना बड़ा और फिल्म के दूसरे हाफ के लिये मुझे अपना वजन 10 किलो तक घटाना पड़ा।
दिन का रूटीन
सबसे पहले तो मुझे अपने सोने का समय सुधारना पड़ा। लेट नाइट पार्टी बिल्कुल बंद कर दी और रात 10 बजे तक मैं अपने बेड पर होता था। फिर सुबह 5.30am पर उठना और दिन में दो-दो घंटे के लिये तीन बार कसरत करना, मेरे रूटीन में शामिल हो गया।
एथलेटिक प्रशिक्षण
सुबह 6.30am बजे उठ कर मैं अपने कोच के साथ मुंबई में प्रियदर्शिनी पार्क पहुंच कर स्प्रिंट और शरीर में लचीलापन लाने वाली एक्सरसाइज करता। मुझे बिल्कुल प्रोफेशनल की तरह दौड़ना सिखाया गया यानी की मैने रनिंग की पूरी ABC सीख ली।
मिल्खा कि तरह दौड़ना सीखा
जब मिल्खा दौड़ते थे, तब उनका हाथ अंदर की ओर मुड़ता था और मेरे कोच ने मुझे यह करना सही तरीके से बताया।
कार्यात्मक प्रशिक्षण
6 घंटे तक आराम करने के बाद, अब समय होता था कार्यात्मक प्रशिक्ष्ज्ञण करने का यानी कि अपने बॉडी वेट के साथ गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ काम करने की बारी। रस्सी पर चढ़ना या हाइट से लटकना और 1.5 एब्स एक्सरसाइज करना। मैं 12 सेट्स एब्स क्रंच करता था, जिसमें से 1 सेट में कुल 200 रिपीटीशन्स होते थे, जिसका साफ मतलब होता है कि मैं एक बार में 2,500 रिपीटीशन्स करता था।
वेट ट्रेनिंग
शाम को 6 बजे मैं दो घंटे हाइपरट्रोपी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और तबाता करता था। ये केवल पहले छे महीने तक चला। हाइपरट्रोपी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से कम समय में मसल्स बनाने में आसानी होती है वो भी बगैर कोई स्टेरॉयड लिये हुए।
वेट ट्रेनिंग
हर दिन मैं अपने पैरों, पीठ, सीने, बाहों, बाइसेप और ट्राइसेप्स का व्यायाम करता था। ये सब 12 हफ्ते का प्रोग्राम था, मेरा शरीर भारी होता चला गया और फिर मुझे रिपीटीशन्स कम करने पडे़। तीन महीने बाद मैने तबाता करना शुरु किया। इसमें मुझे दिये गए समय के आधार पर ज्यादा से ज्यादा रिपीटीशन्स करने पड़ते थे। मैं एक बार में 10 सेट्स करता था जो कि 90 सेकेंड तक होता था।
फरहान की डाइट
मैने चावल, रोटी और ब्रेड खाना बंद कर दिया। इसके बदले मैं अपना कार्ब फलों और सब्जियों दृारा प्राप्त करता था। फिल्म के पहले लुक (सिपाही) के लिये मैं दिन भर में 3,500 कैलोरी और 5 लीटर पानी पीता था। फिर दूसरे लुक के लिये (खिलाड़ी) मेरी डाइट वही थी पर इसको मैं दिन में थोड़ा थोड़ा कर के खाता था। यानी की मेरी कैलोरी गिर कर 1800 हो गई थी।
ब्रेकफास्ट
मैं नाश्ते में 6 अंडो का ऑमलेट, मशरूम और ऑरेंज जूस लेता था। मेरा आहार बहुत सिंपल होता था, जिसमें बिल्कुल भी नमक नहीं मिला होता था क्योंकि नमक से शरीर में पानी की मात्रा बढ जाती है जो कि मुझे सूजा हुआ दिखाती। 2 घंटे बाद मैं आधा कप स्किम्ड मिल्क के साथ ओटमील खाता था। आधा घंटे बाद नारियल पानी पीता था।
लंच
लंच में ब्रॉकली, पत्ता गोभी, गिल्ल चिकन को ऑलिव ऑयल में पका कर खाता था। दो घंटे बाद प्रोटीन शेक। फल के रूप में बैरी खाता था क्योंकि यह मोटापा नहीं बढाती और एंटीऑक्सीडेंट में ज्यादा होती है। शाम को उबले चने या मूंग सलाद को खीरे और टमाटर के साथ मिला कर खाता था।
डिनर
मेरा डिनर भी लंच की ही तरह होता था बस चिकन की जगह पर सालमन मछली खाता था। बेड पर सोने से पहले मैं प्रोटीन शेक पीता था।
भूख लगने पर
मुझे आइसक्रीम और गुलाब जामुन बहुत पसंद हैं। ट्रेनिंग के समय मैंने छुपा कर बड़ी गिलास लस्सी पी है।
फरहान की सलाह
आप खुद का एक लक्ष्य बनाइये। वही आपको अपने मकसद तक पहुंचने में मदद करेगा।