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फल ही नहीं दवाई भी है सीताफल
सीताफल एक बड़ा ही स्वादिष्ट फल है लेकिन लोग इसके बारे में थोड़ा कम जानकारी रखते हैं। सीताफल अगस्त से नवम्बर के आस-पास अर्थात् आश्विन से माघ मास के बीच आने वाला फल है। अगर आयुर्वेद की बात माने तो सीताफल शरीर को शीतलता पहुंचाता है। यह पित्तशामक, तृषाशामक, उलटी बंद करने वाला, पौष्टिक, तृप्तिकर्ता, कफ एवं वीर्यवर्धक, मांस एवं रक्तवर्धक, बलवर्धक, वातदोषशामक एवं हृदय के लिए बहुत ही लाभदायी होता है।
अमरूद के स्वास्थ्यवर्धक गुण
लोग सीताफल को भगवन राम एवं माता सीता से जोड़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि सीता ने वनवास के समय जो वन फल राम को भेंट किया, उसी का नाम सीताफल पड़ा। अगर आप दिन में एक सीताफल का सेवन करते हैं, तो आपको अनेको बीमारियों से निजात मिलेगा। आइये जानते हैं सीताफल खाने से हम किन-किन बीमारियों से निजात पा सकते हैं।
गांठ का इलाज
पके हुए सीताफल का गूदा कूटकर पोटली बांधने पर सांघातिक गांठ फूट जाते हैं।
गंजापन दूर करे
इसके बीज को बकरी के दूध के साथ पीसकर लेप करने से सिर के उड़े हुए बाल शीघ्र ही उग आते हैं और मस्तिष्क में ठंढक पहुंचती है।
जूं का उपचार
सीताफल के बीजों को महीन चूर्ण बनाकर पानी से लेप तैयार कर रात को सिर में लगाएं एवं सबेरे धो लें। दो तीन रात ऐसा करने से जुएं समाप्त हो जाती हैं। चूंकि बीज से निकलने वाला तेल विषला होता है, इसलिए बालों में इसका लेप लगाते समय आंख को बचाकर रखना चाहिये।
मजबूत हृदय के लिये
जिनका हृदय कमजोर हो, हृदय का स्पंदन खूब ज्यादा हो, घबराहट होती हो, उच्च रक्तचाप हो ऐसे रोगियों के लिए भी सीताफल का सेवन लाभप्रद है।
शरीर का ताप कम करे
वे लोग जिनका शरीर हर वक्त जलता रहता है और गर्म रहता है, उन्हें नियमित रूप से सीताफल का सेवन करना चाहिये।
त्वचा बनाए खूबसूरत
शरीफा में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता है जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। यह त्वचा पर आने वाले एजिंग के निशानों से भी बचाता है।
पेट के लिये
इसमें घुलनशील रेशे होते हैं, जो कि पाचक्रिया के लिये बेहतरीन होते हैं।
आंख, बाल और त्वचा के लिये
इसमे खूब सारा विटामिन ए होता है, जो कि हमारे बालों, आंखों और त्वचा के लिये बहुत ही फायदेमंद होता है।
डायरिया में लाभकारी
जब फल कच्चा हो तब उसे काट कर सुखा दें और पीस कर रोगी को खिलाएं। इससे डायरिया की समस्या सही हो जाएगी।