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डायरिया होने पर क्या खाए और क्या नहीं खाए, इन तरीकों से करें बचाव
कहने को तो डायरिया की समस्या सामान्य होती है, लेकिन इससे शरीर में जबरदस्त कमजोरी आ जाती है। वैसे देखा जाए तो डायरिया पाचन तंत्र संबंधित एक डिसऑर्डर है। जिसमें मल पानी की तरह पतला होता है। आंत से संबंधित यह रोग मुख्य रूप से रोटावायरस के कारण होता है। यहां हम आपको डायरिया के कारण, लक्षण और इसकी रोकथाम के अलावा डायरिया में क्या खाए और क्या ना खाए इसकी जानकारी भी देंगे।
डायरिया के कारण
डायरिया होने का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। हालांकि, डायरिया होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि:
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी): आईबीडी आंतों में होने वाली एक समस्या है, जिसमें मल में खून आना जैसे दस्त के लक्षण पैदा कर सकता है। इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण आपकी बड़ी आंत और मलाशय के सबसे भीतरी लाइनिंग में अल्सर का कारण बनती है।
मालएब्जॉर्प्श: जब आपका पाचन तंत्र भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में विफल हो जाता है, तो आपको डायरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं।
दवाएं: लैक्सेटिव्स और अन्य दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स के सेवन से भी डायरिया हो सकता है।
हार्मोनल विकार: हार्मोन से संबंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर इर्रेगुलर बाउल मूवमेंट और अन्य डायरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, जिन लोगों को एडिसन्स रोग होता है, उनमें हार्मोन स्टेरॉयड का लेवल अपर्याप्त होता है। ऐसे में इन्हें डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है।
डायरिया के लक्षण
- जी मिचलाना
- पेट दर्द
- लूज मोशन
- सूजन
- डिहाइड्रेशन
- बुखार
- मल में खून आना
डायरिया में क्या खाए
डायरिया के बाद शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखना बहुत जरूरी है। जिसके के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और जूस का सेवन करें। इसके अलावा सूप, केला, छिलके रहित आलू के अलावा चावल, उबली सब्जियां, मछली, बीफ, और चिकन जैसी चीजे डिहाईड्रेशन की समस्या से उभरने में मददगार साबित हो सकती है।
डायरिया में क्या ना खाए
आप जो कुछ भी खाते हैं, वह डायरिया के लक्षणों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि, इस समस्या के होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए खुद को जितना हो सके हाइड्रेटेड रखें। इसके अलावा, डायरिया होने पर डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से बचें, क्योंकि इसे पचाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। फाइबर से भरपूर सब्जियां जैसे गोभी और बीन्स का सेवन ना करें, क्योंकि इससे पेट फूल सकता है। डायरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा, चाय और कॉफी भूलकर भी ना लें।
डायरिया की रोकथाम कैसे करें
गुड हाइजीन: टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को 30 सेकेंड तक साबुन और पानी से धोएं। इसके अलावा, खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में भी अपने हाथों को साफ करना कभी ना भूलें।
टीका लगवाएं: डायरिया होने का मुख्य कारण है रोटावायरस। रोटावायरस वैक्सीन के जरिए डायरिया से बचा जा सकता है। यह वैक्सीन एक साल के बच्चों को विभिन्न खुराकों के रूप में दिया जाता है।
भोजन को सही तरीके से स्टोर करें: बचे हुए भोजन और अन्य खाने-पीने की चीजों को फ्रिज में रखें। खाने और पकाने से पहले कच्चे फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से पानी से धोएं। ऐसी कोई भी चीज न खाएं, जो खराब हो गई हो।
अपने खानपान के प्रति सावधान रहें: स्ट्रीट फूड्स और नल का पानी कीटाणुओं का मुख्य केंद्र होता है, जो डायरिया का कारण बन सकता है। अगर आप बाहर खाने जा रहे हैं, तो किसी हाइजिनिक जगह पर ही जाए। जहां पानी या तो साथ ले जाए या फिर बॉटल का पानी ही पिएं। इसके अलावा गंदे पानी की समस्या से बचने के लिए घर पर वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।