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क्या ऑर्गेनिक फूड नॉन-ऑर्गेनिक से ज्यादा सेहतमंद और सुरक्षित हैं ? जानें दोनों के फायदे और नुकसान
आपको अपने और और अपनी फैमली के लिए ऑर्गेनिक फूड को खरीदना और उसका सेवन करना ऐसा लगता है कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। लेकिन चाहे आप ऑर्गेनिक या ट्रेडिशनल तरीके से उगाए गए भोजन का चयन करें, ये आपकी व्यक्तिगत पसंद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कॉन्सेप्ट के कोई सबूत नहीं है कि ऑर्गेनिक फूड नॉन ऑर्गेनिक फूड की तुलना में अधिक पौष्टिक और खाने के लिए सुरक्षित है ? आइए देखते है कि क्या ऑर्गेनिक फूड वास्तव में ट्रेडिशनल फूड से बेहतर और स्वास्थ्यवर्धक है।
पहले जानते हैं कि ऑर्गेनिक फूड क्या होता है-
जबकि आप में से कई लोगों ने किराने की दुकान या फिर सुपर मार्केट में खरीदारी करते समय ऑर्गेनिक और ट्रेडिशनल फूड के वहां काउंटर पर लगे देखे होंगे और आप ने इसे अच्छे स्वास्थ्य के मद्देनजर खरीदा होगा। लेकिन आप क्या वास्तव में जानते है कि इनमें अंतर क्या है। ज़रूर, ऑर्गेनिक शब्द स्वस्थ लगता है, लेकिन ऑर्गेनिक का वास्तव में क्या मतलब है ? ऑर्गेनिक तरीके से उगाई जाने वाली फसलें पौधों की वृद्धि में सुधार के लिए खाद जैसे प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग करती हैं। जैविक रूप से पाले गए जानवरों को एंटीबायोटिक्स या हार्मोन नहीं दिए जाते हैं। जैविक खेती से मिट्टी की गुणवत्ता और ग्राउंड वॉटर में सुधार होता है। ये प्रदूषण को भी कम करता है और पर्यावरण के लिए बेहतर हो सकता है।
सबसे अधिक खरीदे जाने वाले जैविक खाद्य पदार्थ फल, सब्जियां, अनाज, डेयरी उत्पाद और मांस हैं। प्रोसेस्ड ऑर्गेनिक प्रोडक्ट भी उपलब्ध हैं, जैसे सोडा, कुकीज़ और मांस के विकल्प।
ऑर्गेनिक बनाम इन ऑर्गेनिक फूड या प्रोडक्ट्स के बीच का अंतर ये है कि पारंपरिक सिंथेटिक चीजों को मिला कर पैदा किया जाता है और जेनिटिक वेरियंट से रिवाइज्ड फसलों के यूज करने की अनुमति देता है।
क्या न्यूट्रिशन वैल्यू में कोई अंतर है?
कई अध्ययनों से पता चला है कि ऑर्गेनिक और ट्रेडिशनल रूप से खेती किए गए भोजन के न्यूट्रिशन वैल्यू में कोई अंतर नहीं है। स्टैनफोर्ड के शोधकर्ताओं ने लगभग 250 अध्ययनों को एनालिस किया और रिजल्ट निकाला कि "ऑर्गेनिक और ट्रेडिशनल फूड स्टफ के बीच बहुत अंतर नहीं है"। हालांकि ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स पर कीटनाशक थोड़ा कम पाए गये, लेकिन दोनों तरह के भोजन में अपनाना एक सीमा के भीतर सही है।
खेती के पारंपरिक तरीकों के क्या लाभ हैं?
कीटनाशकों और प्लान्ट ब्रीडिंग इनोवेशन से आपको, किसान और हमारे पर्यावरण को महत्वपूर्ण लाभ हुए हैं। हर बार जब आप किराने का सामान खरीदते हैं तो आप एग्रीकल्चर साइंस का आपको फायदा मिलता है। कई तरह के हाई क्वालिटी वाले फूड स्टफ सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हों।
ऑर्गेनिक तरीके से उगाई जाने वाली फसलों में अधिक एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन होते हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि ऑर्गेनिक फूड स्टफ्स में आम तौर पर उच्च स्तर के एंटीऑक्सिडेंट और कुछ माइक्रो न्यूट्रिशियंस होते हैं, जैसे कि विटामिन सी, जिंक और आयरन।
खाद्य और कृषि संगठन की रिसर्च
वास्तव में, इन खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट का स्तर 69% तक अधिक हो सकता है।
2003 के संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के एक अध्ययन में पाया गया कि जैविक रूप से उगाए गए जामुन और मकई में 58% अधिक एंटीऑक्सिडेंट और 52% अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है।
इसके अलावा, एक अध्ययन में बताया गया है कि नियमित फल, सब्जियां और अनाज को ऑर्गेनिक वर्जन से बदलने से आपके आहार में अतिरिक्त एंटीऑक्सीडेंट मिल सकते हैं। यह रोजाना फल और सब्जियों के 1-2 एक्स्ट्रा हिस्सा खाने के बराबर था।
ऑर्गेनिक डेयरी और मीट में फैटी एसिड अधिक हो सकता है
ऑर्गेनिक मिल्क और डेयरी प्रोडक्ट्स में ओमेगा -3 फैटी एसिड के उच्च स्तर और थोड़ी अधिक मात्रा में आयरन, विटामिन ई और कुछ कैरोटेनॉयड्स हो सकते हैं।
हालांकि, ऑर्गेनिक मिलिक में इन ऑर्गेनिक मिल्क की तुलना में कम सेलेनियम और आयोडीन हो सकता है। ये दो खनिज हैं जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
खाद्य और कृषि संगठन अध्ययनों की समीक्षा में पाया गया कि ऑर्गेनिक मीट ट्रेडिशनल मीट की तुलना में ओमेगा -3 फैटी एसिड का उच्च स्तर और सेचुरेटेड फैट का स्तर थोड़ा कम होता है।
सभी ऑर्गेनिक फूड पौष्टिक नहीं होते
सिर्फ इसलिए कि किसी उत्पाद को "ऑर्गेनिक" लेबल किया गया है, इसका मतलब ये नहीं है कि यह पोषक तत्वों से भरपूर है। इनमें से कुछ उत्पाद अभी भी अत्यधिक सेचुरेटेड खाद्य पदार्थ हैं जिनमें कैलोरी, अतिरिक्त चीनी, नमक और अतिरिक्त वसा शामिल हैं।