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शुक्राणु की संख्‍या बढ़ाने के लिये करें ये चमत्‍कारी योगासन

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इन दिनों यंग कपल्‍स में इंफर्टिलिटी की समस्‍या काफी आम रूप से सामने आ रही है। खराब लाइफस्‍टाइल, नींद की कमी, तनाव, जंक फूड आदि चीज़ें शुक्राणु की संख्‍या घटाने में अहम भूमिका निभाती हैं।

पुरुषों में, कम शुक्राणु की वजह मनोवैज्ञानिक और शारीरिक हो सकती है। वजह चाहे जो कुछ भी हो, लो स्‍पर्म काउंट उन कपल्‍स के लिये निराशा की बात हो सकती है जो बेबी के लिये प्‍लान कर रहे हों। तो अब इस समस्‍या से कैसे निजात पाई जाए? आप एक हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल और डाइट से इस समस्‍या से निजात पा सकते हैं।

आज कल आपने अपने आस पास देखा होगा कि हर उम्र के लोग योगा क्‍लास में जाने लगे हैं। ऐसे कई योगासन हैं जो स्‍पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके लिये आपको अपने योग गुरु से बात कर के समाधान निकालना पड़ेगा। योगा करने से आपकी बॉडी शांत होती है, दिमाग से तनाव हटता है, पूरे शरीर में खून का दौरा तेज होता है और प्रजनन ग्रंथि को ताकत मिलती है।

जिन लोगों को हाई बीपी, स्‍लिप डिस्‍क, दिल की बीमारी या अन्‍य समस्‍या हो, उन्‍हें अपने योग गुरू के संरक्षण में ही यह क्रियाएं करनी चाहिये। तो अगर आप भी इस चिंता में डूबे हुए हैं कि अपने शुक्राणुओं की संख्‍या में कैसे इजाफा किया जाए तो, जरुर पढ़ें और करें इन योगासनों को....

अग्निसार क्रिया

अग्निसार क्रिया

दोनों पैरों में एक से डेढ़ फुट का अंतर रखते हुए खड़े हो जाएं। थोड़ा आगे झुक कर हाथों को घुटनों से ऊपर जंघाओं पर रख लें। ऐसा करने से पेट की मांसपेशियां ढीली हो जाएंगी। अब अधिक से अधिक श्वास भीतर भरें , फिर उसे पूरा बाहर निकाल कर बाहर ही रोकें व पेट के निचले भाग को अंदर की ओर धकेल कर नाभि को मेरुदंड से लगाने की कोशिश करें। पुन : पेट को ढीला छोड़ें और अंदर की ओर धकेलें। यह अभ्यास यथाशक्ति करने के बाद धीरे से पेट को ढीला छोड़ दें व सांस भर कर सीधे खड़े हो जाएं।

सेतुबंध आसन

सेतुबंध आसन

पीठ के बल लेट जाएँ। दोनों बाजू सीधे और शरीर के बगल में रखें। हथेली को ज़मीन से सटाकर रखें. दोनों पैरों के घुटने मोड़ें ताकि पैर के तलवे ज़मीन से लग जाएं। ये सेतुबंध आसन की प्रारंभिक स्थिति है। सांस भरें, कुछ पल के लिए सांस रोकें और धीरे-धीरे कमर को ज़मीन से ऊपर उठाएँ। कमर को इतना ऊपर उठाएँ कि छाती ठुड्डी से स्पर्श करने लगे. साथ ही बाजुओं को कोहनी से मोड़ें और हथेलियों को कमर से नीचे लगाकर रखें। उंगलियों को रुख़ बाहर की ओर रहेगा. इस प्रकार कमर और शरीर का भार आपकी कलाइयों और हथेलियों पर आएगा। इस स्थिति में सांस सामान्य कर लें।

हलासन

हलासन

सबसे पहले नीचे पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को बगल में सीधा व जमीन से सटाकर रखें। फिर दोनों पैरों को आपस में मिलाकर रखें तथा एड़ी व पंजों को भी मिलाकर रखें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं, पैरों को उठाने के क्रम में पहले 30, 60 फिर 90 डिग्री का कोण बनाते हुए पैरों को सिर के पीछे की ओर जमीन पर लगाएं और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। अपने हाथ को सीधा जमीन पर ही टिका रहने दें। इस स्थिति में आने के बाद ठोड़ी सीने के ऊपर के भाग पर अर्थात कंठ में लग जायेगी। हलासन की पूरी स्थिति बन जाने के बाद 8 से 10 सैकेंड तक इसी स्थिति में रहें और श्वास स्वाभाविक रूप से लेते व छोड़ते रहें। फिर वापिस सामान्य स्थिति में आने के लिए घुटनों को बिना मोड़े ही गर्दन व कंधों पर जोर देकर धीरे-धीरे पैरों को पुन: अपनी जगह पर लाएं।

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम

सुखासन में बैठ जाएं। कमर, गर्दन, पीठ एवं रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर को बिल्कुल स्थिर रखें। इसके बाद बिना शरीर को हिलाए दोनों नासिका छिद्र से आवाज करते हुए श्वास भरें। फिर आवाज करते हुए ही श्वास को बाहर छोड़ें। अब तेज गति से आवाज लेते हुए सांस भरें और बाहर निकालें। यही क्रिया भस्त्रिका प्राणायाम कहलाती है। हमारे दोनों हाथ घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रहेंगे और आंखें बंद रहेंगी। ध्यान रहे, श्वास लेते और छोड़ते वक्त हमारी लय ना टूटे।

धनुरासन

धनुरासन

चटाई बिछा कर पेट के बल लेट जाएँ। सांस छोड़ते हुए दोनों घुटनों को एक साथ मोड़ें, एडियों को पीठ की ओर बढ़ाएं और अपनी बाँहों को पीछे की ओर तानें फिर बाएं हाथ से बाएं टखने को एवं दायें हाथ से दायें टखने को पकड़ लें। अब श्वास भरकर यथासम्भव उसे रोके रखें। अब सांसों को पूरी तरह निकाल दें और जमीन से घुटनों को उठाते हुए दोनों टाँगें ऊपर की ओर खींचें और उसी समय जमीन पर से सीने को उठायें। बांह और हाथ झुके हुए धनुष के समान शरीर को तानने में प्रत्यंचा के समान कार्य करते हैं। अब अपने सिर को ऊपर की ओर उठायें एवं यथासम्भव पीछे की ओर ले जाएँ ।

अश्विनी मुद्रा

अश्विनी मुद्रा

जिस तरह आप टॉयलेट में बैठते हैं, ठीक उसी अवस्‍था में बैठ कर अपने गुदाद्वार को अंदर खींच कर मूलबंध की स्थिति में कुछ देर तक रहें और फिर ढीला कर दें। पुन: अंदर खिंचकर पुन: छोड़ दें। यह प्रक्रिया यथा संभव अनुसार करते रहें और फिर कुछ देर आरामपूर्वक बैठ जाएं।

English summary

शुक्राणु की संख्‍या बढ़ाने के लिये करें ये चमत्‍कारी योगासन

One of the most common problems that young couples are facing today is infertility. With healthy lifestyle and diet, you can overcome this problem. Nowadays, people are inclining themselves towards yoga to solve many of such issues in them.
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