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जानें, स्लीप एपनिया की बीमारी के संकेतो के बारे में
नींद सम्बंधी गंभीर बीमारियों में से एक बीमारी, स्लीप एपनिया है जिसमें व्यक्ति नींद के दौरान सांस लेना बंद कर देता है और ऐसा वह कई बार करता है। ऐसा पूरी नींद में सौ बार भी हो सकता है।
यह समस्या व्यक्ति या यूं कहें कि रोगी में इसलिए होती है क्योंकि उसके ब्रेन तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का संचार नहीं हो पाता है। यह प्रमुखत: दो प्रकार की होती है: ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (जब गले के पीछे के नरम ऊतक जख्मी हो जाते हैं; जिसकी वजह से सांस पहुँचने में अवरोध उत्पन्न होता है।)
रातों में पैरों की एठन से कैसे पाएं छुटकारा?
और
सेन्ट्रल
स्लीप
एपनिया
(जिसमें
श्वसन
प्रणाली
पर
व्यक्ति
का
नियंत्रण
नहीं
रह
पाता
है
और
व्यक्ति
के
मस्ितष्क
को
पर्याप्त
ऑक्सीजन
न
मिलने
पर
वह
क्षण-क्षण
भर
के
लिए
बंद
हो
जाता
है।)
किसी भी उम्र के व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है। हालांकि, इसके खतरे भी होते हैं लेकिन जानलेवा बीमारी यह नहीं है। ज्यादा लम्बे समय तक यह समस्या होने पर गर्दन लम्बी हो सकती है या मोटापा बढ़ सकता है। 40 साल से अधिक उम्र के पुरूषों में यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है।
रात
में
बार-बार
टूटती
है
नींद,
तो
हो
सकती
है
बड़ी
बीमारी
जिन
लोगों
को
घेंघा
या
नाक
में
कोई
समस्या
होती
है
उन्हें
भी
यह
नींद
का
डिस्ऑर्डर
हो
सकता
है।
पूरी
रात
भर
में
यह
शुरूआती
दिनों
में
यह
दो
से
तीन
बार
ही
होता
है।
ऐसे
लोग
रात
में
जान
भी
नहीं
पाते
हैं
कि
उन्हें
क्या
समस्या
है।
लेकिन सुबह सिर में हल्का सा दर्द अवश्य महसूस होता है। वजन बढ़ना इसका प्रमुख लक्षण है। मूड बदलना या गुस्सा भी आता है।
बच्चों में भी यह दिक्कत हो सकती है जिस पर अभिभावकों को अवश्य ध्यान देना चाहिए। इस स्थिति में छोटे बच्चे, बिस्तर गीला कर देते हैं और खूब रोते हैं।