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थायराइड समस्या से परेशान लोग रोज़ करें ये 7 योगासन
योग के कई शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं जो शरीर के कई रोगों को दूर कर देते हैं। यह, हाईपो या हाइपरथायराडिज्म को कम करने में भी मददगार साबित होते हैं।
बोल्डस्काई के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे योग आसनों के बारे में बताएंगे, जिन्हे करने से आपको होने वाली थॉयराइड की समस्या में राहत मिल सकती है।
थायराइड समस्या से परेशान लोग रोज़ करें ये योगासन
1. सर्वांगसन: थॉयराइड ग्रन्थियों के लिए सबसे प्रभावी आसन, सर्वांगसन होता है जिसमें कंधों को उठाना होता है। ऐसा करने से पॉवरफुल पॉश्चर के कारण ग्रन्थि पर दबाव पड़ता है। थॉयराइड, सबसे बड़ी रक्त आपूर्तिकर्ता ग्रन्थि होती है और इस आसन को करने से रक्त के परिसंचरण में सुधार होता है।
2. मत्स्यासन: सर्वांगसन के अलावा, आप मत्स्यासन भी कर सकते हैं इसमें आपको मछली की तरह पोज़ देना होता है यानि मछली की तरह बन जाएं। इस आसन को करने से गले में खिंचाव पड़ता है और थॉयराइड ग्रन्थि पर दबाव बनता है।
3. हलासन: सर्वांगसन और मस्त्यासन करने के बाद हलासन करने से थॉयराइड ग्रन्थि के लिए किऐ जाने वाले आसनों का एक पैकेज पूरा हो जाता है। ये तीन आसन सबसे प्रमुख होते हैं। इस आसन में आपको इस तरीके से करना होता है जैसे हल चलाकर रहे हों। ऐसा करने से आपकी गर्दन पर जोर पड़ता है और थॉयराइड ग्रन्थि पर दबाव पड़ता है।
4. विपरीतकरणी: विपरीत का अर्थ होता है उल्टा और करनी का अर्थ होता है किसके द्वारा। विपरीतकरनी नाम का यह आसन, थॉयराइड ग्रन्थि के लिए रामबाण होता है और इसमें सकारात्मक सुधार ला देता है। अगर आप ऊपर दिए गए तीन क्रमबद्ध आसनों को करने में सक्षम नहीं है तो इस आसन को करें, अवश्य लाभ मिलेगा। जब आपकी गर्दन और पीठ में किसी प्रकार की परेशानी हो उस समय इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। अगर आप अभ्यास करते हैं तो किसी कुशल प्रशिक्षक से अवश्य सलाह ले लें। मासिक धर्म के समय महिलाओं को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
5. उष्ट्रासन: "उष्ट्र" एक संस्कृत भाषा का शब्द है और इसका अर्थ "ऊंट" होता है। उष्ट्रासन को अंग्रेजी में "Camel Pose" कहा जाता है। उष्ट्रासन एक मध्यवर्ती पीछे झुकने-योग आसन है जो अनाहत (ह्रदय चक्र) को खोलता है। इस आसन में ऊंट की समान अपनी गर्दन हो करना होता है।
6. भुजंगासन: "भुजंग" शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। भुजंग का अर्थ सर्प होता है, इसलिए भुजंग-आसन को "सर्प आसन" भी कहा जाता है। भुजंगासन को अंग्रेजी में Cobra Pose कहा जाता है। इस आसन से गर्दन पर काफी खिंचाव आता है और थॉरूराइड गन्थि पर दबाव पड़ता है। सभी आसनों में से भुजंग आसन एक प्रसिद्ध आसन है।
7. सेतुबंध सर्वांगसन (ब्रिज फार्मेशन पोज़): यह आसन, थॉयराइड डिस्ऑर्डर के लिए सबसे महत्वपूर्ण आसन होता है। शीर्षासन के बाद अगर सेतुबंध किया जाये तो थाइरोइड के लिए बहुत प्रभावी है। इस आसन के करने से थाइरोइड ग्लैंड का अच्छी तरह से मसाज हो जाता है और थायरोक्सिन हॉर्मोन के स्रवण में मदद मिलती है जो थाइरोइड को रोकने में सहायक होता है।
थॉयराइड दूर करने के लिये क्या भोजन लें
- अपने भोजन में ढेर सारे फाइबर युक्त भोजन शामिल करें।
- अपने भोजन में कार्ब और वसा की मात्रा को कम से कम रखें।
- अपनी डाइट में रोज ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
- नॉन वेज भोजन, दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों का कम से कम सेवन ही ठीक है।