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अखबार से भी फैलता है कोरोना वायरस, जाने डब्लूएचओ की राय
कोरोना वायरस के तेजी से फैलने को लेकर कई तरह की मिथक फैल रहे हैं कि अखबार पढ़ने या बाहर से लाए गए दूध के पैकेट और डोरबेल का स्विच दबाने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है। इस समय में कई लोगों को इस चीज की गफलत में है कि इस समय में क्या छूना सही है क्या गलत है? क्या डिलीवर किया गया पैकेट छूना चाहिए? क्या ऑनलाइन डिलीवर किए गए ग्रॉसरी और खाने के पैकेट को ले सकते हैं? क्या न्यूजपेपर छूने से कोरोना फैलता है?
यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, जीवित कोशिकाओं के बाहर ज्यादातर सतहों पर कोरोना वायरस बहुत समय तक जिंदा नहीं रहता है। एक्सपर्ट का कहना है कि जब आप अखबार छूते हैं तो संक्रमण फैलने की आशंका तकरीबन न के बराबर होती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अखबार को असुरक्षित कहने का कोई तर्क नहीं है। अगर भीड़भाड़ वाली जगह पर अखबार पढ़ रहे हैं तो संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है लेकिन, इसकी वजह अखबार नहीं, बल्कि यह है कि आप सामाजिक दूरी बनाकर नहीं चल रहे है।
चिकित्सकों का मानना है कि अखबार से संक्रमण फैलने की आशंका न के बराबर है। लोगों को अफवाहों पर यकीन नहीं करना चाहिए। अखबार को छूना बिल्कुल सुरक्षित है और आज के दिनों में प्रमुख अखबार काफी उच्च तकनीक के साथ प्रिंट होते हैं। इसमें मानवीय हस्तक्षेप न के बराबर होता है। इसके अलावा आज के हालातों में अखबारों ने सुरक्षा के कुछ और उपाय भी किए है। इसके अलावा सुरक्षा के तौर पर आप अखबार पढ़ने के बाद हाथ सैनिटाइज कर सकते हैं और हाथ साबुन से धो सकते हैं। यदि कहीं बाहर जाकर डोर बेल स्विच का इस्तेमाल करते हैं तो आप हाथों को सेनिटाइजर कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ के अनुसार इस बात की संभावना कम है कि एक संक्रमित व्यक्ति का छुआ हुआ पैकेट भी संक्रमण ग्रस्त हो जाएगा, यह जोखिम भी बहुत कम है कि उससे किसी और को कोरोना संक्रमित करेगा। क्योंकि यह पैकेट कई माध्यमों, कई तापमान से गुजरते हुए आपके घर तक पहुंचता है। इसलिए दूध की थैली और अखबार से कोरोना का संक्रमण नहीं फैलता है फिलहाल ऐसे हालातों में देखते हुए अखबार, दूध के पैकेट वगैरह लेने के बाद आप साबुन से हाथ धो लें तो अच्छा रहेगा। डब्लूएचओ ने भी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी है।
शंका है तो हाथ धो लें
न्यूयॉर्क में 2017 में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, नोट पर 397 से ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। अगर फ्लू पीड़ित व्यक्ति के पास नोट रहता है तो उससे नोट पर आया वायरस 12 दिन तक जिंदा रह सकता है।vयहां ये बात काबिले गौर है कि सिर्फ वायरस के होने या जीवित होने से यह आपको भी संक्रमित कर देगा, इसकी संभावना बेहद कम है। अखबार, दूध के पैकेट वगैरह लेने के बाद आप साबुन से हाथ धो लें इतना काफी है।