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क्या आप भी रॉ वेगन डाइट लेते है, तो जानें इसके साइडइफेक्ट के बारे में

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वेगन डाइट पिछले कुछ समय से कुछ ज्यादा ही चलन में है, खासकर उन लोगों में जो अपने सेहत में सुधार लाना चाहते है। इसे, वेट लॉस के लिहाज से फायदेमंद माना जाता है। इस डाइट में लोग फलों-सब्ज़ियों, हर्ब्स और स्प्राउट्स को कच्चा खाते हैं। दरअसल, भोजन पकाते समय विटामिन सी जैसे कुछ पोषक तत्व उड़ जाते हैं। इसीलिए, कच्चा खाने से हरी सब्ज़ियों और फलों के पोषक तत्व पूरी तरह से प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हार्ट डिज़ीज के रिस्क को कम करने और कोलस्ट्रोल लेवल घटाने में भी वेगन डाइट बहुत बड़ा रोल निभाती है। लेकिन कुछ लोग वेगन डाइट शुरू करने के बाद उन चीजों को अवॉइड करने लगते है जिनका सेवन हमारे शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचा सकता है। रिसर्चस की मानें तो लंबे समय तक वेगन डाइट लेने से स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ता है। आइए जानते है कैसे:

वेगन डाइट क्या है

वेगन डाइट क्या है

वेगन डाइट एक ऐसी वेजिटेरियन डाइट है जिसमें लोग पशु या डेयरी प्रोडक्ट नहीं खाते हैं। यानि ये लोग दूध, अंडे, मांस, पनीर या मक्खन जैसी किसी भी डेरी उत्पाद को अपने खाने में शामिल नहीं करते। लोग नैतिकता और पर्यावरण के लिए ऐसी डाइट को अपनाते हैं। वेगन डाइट में फलीदार पौधे, अनाज और बीज के अलावा फल, सब्ज़ियां नट्स और ड्राई फ्रूट्स शामिल होते है।

वेगन डाइट के अधिक सेवन से होने वाले साइडइफेक्ट

वेगन डाइट के अधिक सेवन से होने वाले साइडइफेक्ट

शरीर में आवश्यक न्यूट्रीशंस का रहता है अभाव

रिसर्च में ये बात सामने आई हैं कि पके हुए खाद्य पदार्थों की तुलना में कुछ कच्चे खाद्य पदार्थ स्वास्थ्यवर्धक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, खाना पकाने से ब्रसेल्स स्प्राउट्स और लाल गोभी अपने थायमिन सामग्री का 22% तक खो देते हैं। ये विटामिन बी1 का ही एक रूप है जो नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखता है। जहां कुछ सब्जियां को पकाने पर उसके पोषक तत्वों नष्ट हो सकते हैं, वहीं अन्य में पकाए जाने पर पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ पोषक तत्व सब्जियों की कोशिका भित्ति के भीतर बंधे होते हैं। खाना पकाने से कोशिका की दीवारें टूट जाती हैं, जिससे पोषक तत्व मुक्त हो जाते हैं और ये शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित हो जाते है। उदाहरण के लिए, जब पालक को पकाया जाता है, तो शरीर के लिए कैल्शियम को अवशोषित करना आसान हो जाता है। टमाटर पकाने से उसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा 28% कम हो जाती है, यह उनकी लाइकोपीन सामग्री को 50% से अधिक बढ़ा देता है। लाइकोपीन हृदय रोग, कैंसर और हृदय रोग सहित कई पुरानी बीमारियों के रिस्क को कम करता है। शतावरी, मशरूम, गाजर, ब्रोकोली, काले और फूलगोभी ये वो सब्जियों है जो पकाने के बाद अधिक न्यूट्रीशंस से भर जाती है।

एंटीऑक्सीडेंट की कमी

एंटीऑक्सीडेंट की कमी

पकी हुई सब्जियां शरीर को अधिक एंटीऑक्सीडेंट प्रदान कर सकती हैं। ये ऐसे अणु हैं जो एक प्रकार के हानिकारक अणु से लड़ सकते हैं जिन्हें फ्री रेडिकल कहा जाता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और समय के साथ बीमारी का कारण बन सकते हैं। कुछ सब्जियों (शतावरी, मशरूम, पालक, टमाटर और ब्रोकोली सहित) में हाई लेवल के एंटीऑक्सीडेंट बीटा-कैरोटीन (जिसे शरीर विटामिन ए में बदल देता है), ल्यूटिन और लाइकोपीन कच्चे होने की तुलना में पकाए जाने पर होता है। जबकि रॉ वेगन डाइट में कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स नहीं होते है - जैसे कि विटामिन बी 12 और डी, सेलेनियम, जिंक, आयरन और दो प्रकार के ओमेगा -3 फैटी एसिड। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये जरूरी विटामिन और मिनरल्स मीट और अंडे जैसी चीजों से मिलते है। ये सभी विटामिन एक हेल्दी इम्यून सिस्टम का समर्थन करने के साथ-साथ ब्रेन और नर्व सेल्स की स्ट्रक्च, डवलपमेंट और प्रोडक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रोटीन की कमी

प्रोटीन की कमी

प्रोटीन का मुख्य स्रोत मानी जाने वाली चीज़ें, जैसे- मीट, मछली, अंडे, दालें और सोयाबीन आदि बिना पकाए नहीं खाए जा सकते हैं। इसीलिए, अगर कोई व्यक्ति रॉ फूड डायट लेता है तो उसे, प्रोटीन की आवश्यक मात्रा नहीं मिल सकेगी। प्रोटीन की कमी के कारण मसल लॉस और कुपोषण जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

English summary

raw vegan diet health risk in hindi

ome raw foods can be healthier than cooked foods. For example, Brussels sprouts and red cabbage lose up to 22% of their thiamine content by cooking. It is a form of vitamin B1 which keeps the nervous system healthy. While some vegetables may lose their nutrients when cooked, others have more nutrients when cooked.
Story first published: Saturday, November 12, 2022, 11:00 [IST]
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