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Shane Warne Died Of Heart Attack; क्या होता है सीपीआर, कब इसे दिया जाता है और किन बातों का रखें ध्यान
ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न का 52 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने थाइलैंड के सामुई में अपनी आखिरी सांस ली। वो चार दोस्तों के साथ वहां हॉलिडे पर गए थे। 20 मिनट तक उनके दोस्त और मेडिकल एक्सपर्ट ने CPR देकर उनकी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बचा नहीं सके। यही बीस मिनट उनके जिंदगी के आखिरी पल साबित हुए। आइए जानते है क्या होता है सीपीआर और कब इसे दिया जाता है।
क्या होता है CPR?
CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) एक तरह की मेडिकल थैरेपी है, जो मरीज की जान बचाने के लिए इमरजेंसी हालत में दी जाती है। यह थैरेपी कार्डियक अरेस्ट आने या फिर सांस लेने में दिक्कत होने की स्थिति में दी जाती है।
सीपीआर देने का तरीका
सीपीआर एक तरह की प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति की सांस रुक जाने पर सांस वापस लाने तक या दिल की धड़कन सामान्य हो जाने तक छाती को दबाया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद वाला खून संचारित होने लगता है। साथ ही इस प्रक्रिया में मरीज के मुंह में मुंह से सांस भी दी जाती है। सीपीआर देने का खास तरीका होता है, जिससे कई लोगों को बचाया गया है और कई लोगों को बचाया जा सकता है।
कई बार दुर्घटना की स्थिति में मुंह पर चोट लग जाती है तो मुंह से सांस नहीं दी जा सकती, ऐसी स्थिति में नाक से भी सांस दी जाती है। हालांकि, इससे लिए पता होना आवश्यक है कि व्यक्ति को सीपीआर की आवश्यकता है या नहीं। अगर आप इसकी पहली ट्रेनिंग ले चुके हैं तो ही इसका इस्तेमाल करें।
बच्चों को सीपीआर देने का तरीका
बच्चों को सीपीआर देने के दौरान इन निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें। जैसे:
स्टेप 1: सबसे पहले बच्चे के पास घुटने के बल बैठ जाएं।
स्टेप 2: अगर नवजात शिशु को सीपीआर देने के लिए हाथों की हथेलियों की बजाए उंगलियों का इस्तेमाल करें।
स्टेप 3: छाती पर दवाब डालने के दौरान 1/2 से 2 इंच तक ही प्रेशर डालें।
अब इस स्टेप को दोहराएं और जल्द से जल्द बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर को जानकारी दें की आपने बच्चे को सीपीआर दिया है।
किन स्थितियों में दिया जाता है CPR
कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन निम्नलिखित स्थितियों में दिया जाना चाहिए। जैसे:
कोई व्यक्ति अचानक से बेहोश हो जाए और वह सांस लेने में सक्षम ना हो।
एक रिसर्च के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को बिजली का कंरट लगा हो और वो बेहोश होने लगे तो ऐसी स्थिति में भी सीपीआर दिया जा सकता है।
किसी एक्सीडेंट के दौरान व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो ऐसी स्थिति में माउथ टू माउथ ऑक्सीजन दिया जाता है।
अगर कोई व्यक्ति तैरते हुए डूब गया हो, तो उसे पानी से बाहर निकालने के बाद सबसे पहले माउथ टू माउथ ऑक्सीजन दें और इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाएं।
इन स्थितियों में सीपीआर दिया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें इसके बावजूद भी मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल लेकर जाएं।
बरतें ये सावधानी
सीपीआर देते समय सीपीआर देने वाला निम्नलिखित कुछ सावधानियां बरते और इन बातों का ध्यान रखे :-
1. यह बहुत जरूरी है कि सीपीआर देने वाला व्यक्ति मरीज की हालत देखते हुऐ अपने दिमाग का संतुलन ना खोये, उसे देखकर घबराये ना।
2. सीपीआर देने से पहले एंबुलेंस को फोन करना ना भूले या किसी और को फोन करने को कहे।
3. सीपीआर देने से पहले मरीज की कैरॉटिड पल्स जांच ले ताकि यह पता चल जाए कि उसकी सांस कैसे चल रही है।
4. यदि मरीज होश को कुछ होश है तो मरीज से बात करके उसकी समस्या को समझने की कोशिश करे।
5. यदि मरीज बेहोश है तो सीपीआर देने के लिये मरीज (बच्चा या बड़ा जो भी है) को फ्लोर पर पीठ के बल लिटा दें।
6. ध्यान रहे कि मरीज के हाथ और पैर मुड़ें नहीं।
7. सीपीआर देने वाला ध्यान रखे कि वह अपनी कोहनियों और हाथों को सीधा रखे। ये मुड़ने नहीं चाहियें अन्यथा छाती पर दबाव ठीक से नहीं पड़ेगा।
8. मुंह से सांस ठीक से दे।
9. एंबुलेंस आने पर चिकित्सक को मरीज की सही पोजीशन समझाये और यह भी बताये की उसने सीपीआर किस तरह दी है।