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सौंदर्य बढ़ाने के साथ‍ नेगेटिव एनर्जी से भी दूर रखती है ‘बिंदी’

सुहाग की निशानी हो या औरतों का श्रृंगार, माथे पर बिंदी न सिर्फ खूबसूरती में चार चाँद लगाती है ब‌ल्कि महिलाओं के लिए सेहत के लिहाज से भी बहुत जरूरी है।

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किसी स्त्री की सुंदरता में चार चांद तब लग जाते हैं जब वह पूर्ण श्रृंगार के साथ माथे पर बिंदी भी लगाए। वैसे तो बिंदी को श्रृंगार का एक आवश्यक अंग ही माना जाता है और इसी कारण से काफी महिलाएं बिंदी लगाती हैं।

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शास्त्रों में सुंदरता बढ़ाने के साथ ही बिंदी लगाने के कई अन्य लाभ भी बताए गए हैं। सुहाग की निशानी हो या औरतों का श्रृंगार, माथे पर बिंदी न सिर्फ खूबसूरती में चार चाँद लगाती है ब‌ल्कि महिलाओं के लिए सेहत के लिहाज से भी बहुत जरूरी है।

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एकाग्रता का संकेत

एकाग्रता का संकेत

स्त्रियां एक समय पर एक ही साथ कई विषयों पर मंथन करती रहती हैं। अत: उनके मन को नियंत्रित और स्थिर रखने के लिए बिंदी बहुत प्रभावोत्पादक साबित होती है। इससे उनका मन शांत और एकाग्र बना रहता है।

एक्‍यूप्रेशर व आयुर्वेदिक फायदे

एक्‍यूप्रेशर व आयुर्वेदिक फायदे

बिंदी लगाना आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से शुरू हुआ और सिर्फ भारत में नहीं विश्व भर में इसे अपनाया जा रहा है। एक्यूप्रेशर विधि से बिंदी के स्थान पर दबाव बनाकर सिरदर्द का उपचार किया जाता है। इस ‌बिंदु से नसें व रक्त कोशिकाएं सक्रिय होती हैं जिससे दर्द से तुरंत राहत मिलती है। साइनस के मरीजों के लिए भी बिंदी लगाना फायदेमंद है क्योंकि इस प्वाइंट पर दबाव से नाक की नली का सीधा संबंध और इस पर दबाव बनाने से म्यूकस निकलना आसान होता है।

मानसिक तनाव से निजात

मानसिक तनाव से निजात

बिंदी लगाने की सही जगह दोनों भौंहों के मध्य का बिंदु है जिसे आयुर्वेद में शरीर का सबसे महत्वपूर्ण चक्र - आज्ञा चक्र कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार, इस चक्र पर हल्के दबाव के जरिए मानसिक शांति और घबराहट के उपचार में मददगार हो सकता है। ऐसी स्थिति में बिंदी बहुमूल्य श्रृंगार है।

आंखों के विजन को बढ़ाता है।

आंखों के विजन को बढ़ाता है।

सुप्राट्रोकलियर नर्व माथे के पास से गुजरता है। यह तंत्रिका ललाट तंत्रिका की एक शाखा है, यह तंत्रिका आंखों के आस-पास सभी मांसपेशियों से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए माना जाता है कि यह तंत्रिका आंखों के स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ आंखों की दृष्टि को तेज करता है।

नकरात्‍मक प्रभाव

नकरात्‍मक प्रभाव

स्त्रियों के शरीर में इन आवृतियों का प्रवेश माथे पर स्थित आज्ञा चक्र के माध्यम से होता है, जिस कारण संबंधित नारी शरीर में रज-तम गुणों की वृद्धि होने लगती है। इसके अतिरिक्त माथे पर एक ही स्थान पर लगातार बिंदी लगाते रहने से वहां नकारात्मक ऊर्जा का संकेंद्रण हो जाता है।

बिंदी लगाने के कुछ ऐसे नकारात्मक प्रभाव भी बताए जाते हैं, जिन पर गौर करना आवश्यक है, जैसे: बिंदी लगाने में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ के कारण वातावरण की रज-तम प्रधान आवृतियां व्यक्ति की ओर आकर्षित होती हैं।

English summary

Healthy Reasons To Wear A Bindi

A Bindi is an Auspicious mark won by young girls and women in india. Bindi is a colorful dot that is placed on the forehead of both men and women in Hindu Dharma. There are many reasons as to why this practice started.
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