For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

चैत्र नवरात्रि में घट स्‍थापना से पहले ऐसे करें तैयारियां..

|
चैत्र नवरात्रा में जानें घट स्थापना के सही मुहूर्त | Shubh Mahurat for Kalash Sthapana | Boldsky

चैत्र नवरात्र पर इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर भक्तों के लिए सुख-संपत्ति लेकर आएंगी। हालांकि अभी चैत्र नवरात्रि शुरू होने में अभी कुछ ही दिन बाकी है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस दौरान नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

लेकिन कई बार जाने-अनजाने में देवी मां की पूजा की तैयारियां करते समय भूल हो जाती है जिससे पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है। नवरात्रियों में घट स्‍थापना का बहुत महत्‍व हैं, घट स्‍थापना के लिए अभिजीत मूहूर्त सबसे बढि़या रहता हैं। नवरात्रि शुरू होने से पहले आइए जानते हैं कैसे करें मां के आगमन की तैयारियां ताकि आपके घर में सुख और समृद्धि रहे।

 कलश स्‍थापना का मूहूर्त..

कलश स्‍थापना का मूहूर्त..

नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त इस बार सुबह 06:31 से 07:46 बजे तक हैं। इसके अलावा वृषभ लग्न में सुबह 9:30 मिनट से 11:15 मिनट तक का भी मूहूर्त हैं। घट स्‍थापना वैसे प्रतिपदा तिथि में होता हैं। प्रतिपदा तिथि 17 मार्च 2018, शनिवार 18:41 से आरम्‍भ होकर 18 मार्च 2018, रविवार 18:31 पर समाप्‍त होगी।

 साफ सफाई

साफ सफाई

मंदिर को अंदर और बाहर अच्छे से साफ करलें। भगवान की मूर्तियों को नींबू या पितांबरी से रगड़ कर साफ करलें इससे वह चमक उठेगी। भगवान के कपड़े पर्दे या अन्य चीजों को धोकर सुखा लें।

चौकी या पाटा लगा लें..

चौकी या पाटा लगा लें..

नवरात्र में पूजन के लिए श्रेष्‍ठ व शुभ मूहर्त में घटस्‍थापना की जाती हैं। इससे पहले लकड़ी को चौकी या पाटे पर माता का चित्र स्‍थापित कर दें।

दिशा का महत्‍व

दिशा का महत्‍व

वास्तुशास्त्र में देवी-देवताओं की पूजा में दिशा का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार देवी का क्षेत्र दक्षिण दिशा में होता है इसलिए माता की पूजा करते समय आपका मुख दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा में पूजा करने से चेतना जागृत होती है जबकि दक्षिण दिशा की तरफ करके पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है।

पूजा सामग्री

पूजा सामग्री

नवरात्रि की पूजा में शामिल होने वाली सामग्रियों को जोड़कर रखें। चौड़े मुँह वाला मिट्टी का एक बर्तन, पवित्र स्थान की मिट्टी, सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज), कलश, गंगाजल, कलावा/मौली, सुपारी, आम या अशोक के पत्ते (पल्लव), अक्षत (कच्चा साबुत चावल), छिलके वाला गीला नारियल, लाल कपड़ा, पुष्प और पुष्पमाला।

हल्‍के रंग का उपयोग करें

हल्‍के रंग का उपयोग करें

जिस स्थान पर कलश स्थापना की जाती है वहां पर माता की चौकी के पास हल्के रंग का उपयोग करना वास्तु शास्त्र में शुभ फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

स्‍वातिक का चिंह बनाएं

स्‍वातिक का चिंह बनाएं

किसी भी शुभ काम शुरू करने से पहले स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है इसलिए नवरात्रि शुरू होने से पहले घर के मुख्य दरवाजे और मंदिर पर स्वास्तिक का निशान बनना शुभ होता है।

English summary

Chaitra Navratri 2018 ghat sthapana Preparation here is all you should know

When thinking about Navratri & how to plan for it, making sure the house is clean & tidy will be a priority – read advice on how to prepare for Navratri here.
Story first published: Thursday, March 15, 2018, 13:28 [IST]
Desktop Bottom Promotion