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गलत काम के आधार पर जानें नर्क में मिलेगी कौन सी सज़ा
कहते हैं हमारे सारे अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा जोखा ईश्वर के पास होता है और उसका फल हमें स्वर्ग और नर्क के द्वारा भुगतना पड़ता है। हमारे शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि हमारे अच्छे कर्म हमें जीवन में कई कठिनाइयों के बाद भी सफलता दिलाते हैं परन्तु हमारे बुरे कर्म मृत्यु के पश्चात भी हमारा पीछा नहीं छोड़ते क्योंकि मरने के बाद स्वयं ईश्वर को हमें इसका हिसाब देना पड़ता है।
गरुड़ पुराण में इस बात का वर्णन किया गया है कि मृत्यु के बाद अपने कर्मों के अनुसार मनुष्य को किस नर्क में जगह मिलती है और वह कैसे अपने पापों की सज़ा भुगतता है। आइए जानते हैं उन नर्क और उनमें मिलने वाली सज़ा के विषय में।
किसी की संपत्ति हड़पने वाले जाते हैं इस नर्क में
यदि किसी व्यक्ति ने छल से किसी दूसरे की संपत्ति को हड़प लिया है तो स्वयं यमराज उसे बंदी बनाकर तमिश्रम नामक नर्क में ले जाते हैं। वहां उसे मार मार कर बेहोश कर दिया जाता है। बाद में होश आने पर दोबारा उसे पीटा जाता है। यह सिलसिला तब तक चलता है जब तक कि उस व्यक्ति की सज़ा की अवधि समाप्त न हो जाए।
लोभी पति पत्नी जाते हैं इस नर्क में
कहते हैं शादी सिर्फ दो शरीरों का नहीं बल्कि दो आत्माओं का मिलन है। जो भी दंपति इस पवित्र रिश्ते की इज़्ज़त नहीं करता अथवा अपने साथी के मान मर्यादा का ख्याल नहीं रखता यमदेव उसे अंधात्मत्स्रम नमक नर्क में ले जाते हैं और यहां उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी जाती हैं।
दूसरों के संसाधनों पर कब्ज़ा करने वाले जाते है इस नर्क में
रौरवम में ऐसे लोग जाते हैं जो अपनी पूरी ज़िन्दगी दूसरों के संसाधनों पर राज करते हैं, जो स्वार्थी होते हैं साथ ही जिनके अंदर लालच, जलन, द्वेष और ईर्ष्या जैसे भाव होते हैं। ऐसी आत्माओं को इस नर्क में साँप से कटवाया जाता है और उन पर तरह तरह के अत्याचार किये जाते हैं।
जानवरों की हत्या करने वाले
कुंभीपाकम सबसे भयानक नर्क माना जाता है। इस नर्क में यमदेव उन आत्माओं को लाते हैं जो अपने फायदे के लिए जानवरों की हत्या कर देते हैं। यहाँ पर खौलते हुए तेल में डालकर दोषी आत्माओं को उबाला जाता है।
अपने से बड़ों का अनादर करने वाले
जो लोग अपने जीवनकाल में दूसरों का अपमान करते हैं खास तौर पर अपने से बड़ों का आदर सत्कार नहीं करते, ऐसे लोग कलासूत्रम नामक नर्क की सज़ा के पात्र होते हैं। इस नर्क में भीषण गर्मी होती है जिसका ताप सहना बहुत ही मुश्किल होता है। पापी आत्माओं को उनकी सज़ा की अवधि खत्म होने तक यहां रहना पड़ता है।
अपनी ज़िम्मेदारी से भागने वाले
असितापत्रम नामक नर्क में ऐसी आत्माएं लायी जाती हैं जिन्होंने कभी अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा न किया हो। जिनके अंदर सदैव आलस कूट कूट कर भरा रहा हो। ऐसे लोगों को इस नर्क में चाकू से गोद गोद कर छलनी कर दिया जाता है।
दूसरों पर अत्याचार करने वाले
जो लोग हमेशा दूसरों पर अत्याचार करते रहे हों, जिनके अंदर दया भाव न हो, जिन्होंने इंसान को कभी इंसान न समझा हो, ऐसे लोग मृत्यु के पश्चात सुकरमुखम नर्क में सज़ा भोगते हैं। यहां इन्हें लाकर कुचल दिया जाता है।
चोरी करने वाले
लोभी और चोर जिन्होंने कीमती वस्तुएं हीरा, सोना, चांदी आदि की चोरी की हो, ऐसे लोग तप्तमूर्ति नामक नर्क में लाए जाते हैं। यहां पर भी बहुत गर्मी होती जैसे आग बरस रहा हो।
वैतरणी
कहते हैं मृत्यु के पश्चात जब मनुष्य अपना शरीर त्याग देता है तब उसे वैतरणी नदी पार कर आगे जाना पड़ता है। यह नदी गन्दगी से भरी होती है जिन लोगों के पाप की कोई गिनती नहीं होती है और जिन्होंने अपनी सारी ज़िन्दगी में केवल गलत ही किया हो ऐसे लोगों को इसी नदी के घाटों पर रहना पड़ता है।
स्त्रियों का अपमान करने वाले
जिन पुरुषों ने अपने जीवनकाल में सदैव ही नारी का अपमान किया हो, उन्हें धोखा दिया हो या फिर बिना विवाह किसी स्त्री के साथ शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किए हों उन्हें मरने के बाद पुयोडकम नामक नर्क में जाना पड़ता है। यह नर्क एक प्रकार का कुंआ है जिसमें ढेर सारी गन्दगी है जैसे मनुष्य का मल, मूत्र आदि।
अपनी पत्नी पर अत्याचार करने वाले
जो
पुरुष
अपनी
पत्नी
पर
अत्याचार
करते
हैं,
उन्हें
उपयोग
की
समाग्री
समझते
हैं
या
फिर
शारीरिक
सम्बन्ध
बनाते
समय
उन्हें
अपना
वीर्य
अपने
मुख
में
डालने
के
लिए
मजबूर
करते
हैं,
ऐसे
पुरुष
ललाभक्षम
नामक
नर्क
में
जाते
हैं।
कहा
जाता
है
यह
नर्क
भी
एक
कुंआ
है
जो
वीर्य
से
भरा
हुआ
है
जब
तक
पापी
आत्माओं
की
सज़ा
खत्म
नहीं
हो
जाती
तब
तक
उन्हें
वीर्य
पर
ही
इस
नर्क
में
गुज़ारा
करना
पड़ता
है।
झूठे लोग
जो लोग अपने फायदे के लिए झूठ का सहारा लेते हैं या फिर जिनके झूठ से दूसरों का नुकसान होता है ऐसे लोग मरने के पश्चात अविसी नामक नर्क में आते हैं। यहां बुरी आत्माओं को ऊंचाई से नीचे फेंक कर दण्डित किया जाता है।