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जानें कार्तिक मास के कौन से हैं वो 7 नियम, जिनके पालन से मिलता है लाभ ही लाभ

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Kartik Maas: Rules to follow | कार्तिक मास के 7 नियम, जिनका पालन करने से मिलेगा सुख | Boldsky

हिंदू धर्म में कार्तिक मास को बेहद शुभ माना जाता है। इस साल कार्तिक मास की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो चुकी है और यह 23 नवंबर को समाप्त होगा। इस माह को त्योहारों का महीना भी कहा जाता है। इस दौरान की गई पूजा उपासना और दान दक्षिणा का पुण्य कई गुणा मिलता है।

इस पूरे महीने के दौरान जो व्यक्ति संकल्प लेकर रोज़ाना सूर्य के उदय होने से पहले उठकर किसी धार्मिक स्थल, नदी या तालाब में जाकर स्नान करता है, अगर ऐसा संभव ना हो तो घर पर ही गंगाजल मिले पानी से स्न्नान करके प्रभु का स्मरण करता हो, उन पर भगवान की कृपा होती है। स्नान करने के बाद आप भगवान विष्णु और सूर्य देवता को विधिपूर्वक जल चढ़ाएं और साथ ही पितरों का तर्पण करें।

Rules to follow durin kartik month

ऐसी मान्यता है कि इस माह में पितरों का तर्पण करने के दौरान हाथ में तिल ज़रूर होना चाहिए। माना जाता है कि जितने तिल के दाने लेकर आप ऐसा करेंगे उतने ही वर्षों तक उस व्यक्ति के पितर स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त कर पाते हैं। इस पूरे माह जितना ज़्यादा समय आप भगवान के चिंतन में लगाएंगे उतना अच्छा ही लाभ होगा।

कार्तिक मास में आप अपने प्रयासों का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको कुछ नियमों का पालन भी अवश्य करना चाहिए। आज इस लेख में हम उन्हीं नियमों के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं।

तुलसी की करें पूजा

तुलसी की करें पूजा

घर में मौजूद तुलसी की तो हमेशा ही सेवा करनी चाहिए। लेकिन कार्तिक महीने में इनकी पूजा का लाभ कई गुणा बढ़ कर मिलता है। इस महीने में तुलसी का सेवन और पूजा बहुत लाभदायक होता है।

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दीपदान करना होता है शुभ

दीपदान करना होता है शुभ

कार्तिक महीने में दीपदान करना काफी महत्वपूर्ण माना गया है। विष्णु जी को समर्पित इस महीने में आप किसी नदी, तालाब में जाकर दीपदान कर सकते हैं। आप मंदिर में जाकर भी दिए जला सकते हैं। दूसरों द्वारा जलाए दीयों में आप तेल भरकर उन्हें बुझने से बचा सकते हैं। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

शरीर पर ना करें तेल का इस्तेमाल

शरीर पर ना करें तेल का इस्तेमाल

पूरे कार्तिक महीने में शरीर में तेल लगाने की मनाही होती है। आप इस माह के दौरान केवल नरक चतुर्दशी के दिन ही तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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ज़मीन पर सोना

ज़मीन पर सोना

इस माह जिन नियमों का पालन करना चाहिए उनमें एक है फर्श पर सोना। ये एक अहम काम है क्योंकि धरती पर सोने से मन मस्तिष्क में सात्विकता का भाव आता है और विकारों से छुटकारा मिलता है।

ना खाएं फलीदार चीज़ें और दालें

ना खाएं फलीदार चीज़ें और दालें

कार्तिक मास में द्विदलन अर्थात उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए। इनके अलावा करेला, बैंगन और हरी सब्जियां आदि भारी चीज़ों का भी त्याग करना चाहिए।

खुद पर संयम रखें

खुद पर संयम रखें

जो व्यक्ति व्रत रखता है उसका व्यवहार एक तपस्वी के समान होना चाहिए। जो अपने मन को नियंत्रण में रख सके। साथ ही उसे कम बोलना चाहिए और किसी की ना तो निंदा करनी चाहिए और उसे ना ही किसी विवाद में पड़ना चाहिए।

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ब्रह्मचर्य का करें पालन

ब्रह्मचर्य का करें पालन

इस पावन महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करना ज़रूरी है। ऐसा ना करने पर पति-पत्नी पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उन्हें अशुभ फल मिलता है। ब्रह्म में लीन होना ही ब्रह्मचर्य है। जिस व्यक्ति अपना ध्यान एकाग्र कर पाता है वही ब्रह्मचर्य का पालन कर सकता है।

English summary

Rules to follow during kartik month

The person observing the fasts in this month should follow certain rules and regulation to get good results, since it is believed that without following these rules the fast is not considered complete.
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