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पहला बड़ा मंगल आज, जानें इस दिन की खासियत और हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि

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हनुमान भक्तों के लिए इस साल की 21 मई की तारीख बहुत ही खास है। ज्येष्ठ माह की ये तिथि बड़ा मंगल के नाम से देशभर में मनाई जा रही है। 21 के अलावा 28 मई और 4 तथा 11 जून को भी बड़ा मंगल मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान मंदिरों की खास सजावट की जाती है। कई मंदिर भक्तों को भी इस तैयारी का हिस्सा बनने का मौका देते हैं। इस लेख की मदद से जानते हैं कि आखिर बड़ा मंगल का क्या महत्व है और इस दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चोला कैसे चढ़ाएं।

जानें इसके पीछे की कहानी

जानें इसके पीछे की कहानी

ज्येष्ठ माह के मंगलवार को जो व्यक्ति बजरंगबली की आराधना करता है उसका जीवन सुखमय होता है और संकट से छुटकारा मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि नवाब सआदतअली खां बीमार हो गए थे तब उनकी माता छतर कुंवर ने हनुमान जी से मन्नत मांगी थी। मन्नत के पूरा हो जाने के बाद उन्होंने अलीगंज का पुराना हनुमान मंदिर बनवाया था। गौर करें तो आज भी उस मंदिर के ऊपर चांद का चिन्ह दिख जाएगा। लखनऊ में नवाब सआदतअली खां के समय से शुरू हुए मंगलवार की खास पूजा की रिवायत आज यहां हर मजहब के लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। बड़ा मंगल पर होने वाले कार्यक्रमों में हिंदू मुसलमान सभी हिस्सा लेते हैं।

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बड़ा मंगल से जुड़ी मान्यता

बड़ा मंगल से जुड़ी मान्यता

वहीं नए हनुमान मंदिर की स्थापना के बारे में ये कहा जाता है कि जाटमल नाम के व्यापारी ने स्वयं प्रकट हनुमान प्रतिमा से मन्नत मांगी थी कि यदि उसका केसर और इत्र बिक जाएगा तो वह राम भक्त हनुमान के भव्य मंदिर का निर्माण करवाएंगे। उस समय नवाब वाजिद अली शाह ने कैसरबाग बसाने के लिए जाटमल से ये दोनों ही चीजें खरीद ली। जाटमल ने अपनी मन्नत के पूरा हो जाने पर ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को अलीगंज के नए हनुमान मंदिर में प्रभु की प्रतिमा स्थापित करवाई। तब से ही ज्येष्ठ माह का हर मंगलवार बड़े मंगल के रूप में भक्तों के बीच मशहूर हुआ और अब हर साल बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

जानें चोला चढ़ाने की सही विधि

जानें चोला चढ़ाने की सही विधि

चोला चढ़ाने की प्रक्रिया में चमेली के तेल का इस्तेमाल करें।

हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर रखें और उसमें भी चमेली का तेल इस्तेमाल में लाएं।

यदि आप हनुमान जी की मूरत को सिंदूर का चोला चढ़ाने वाले हैं तो सबसे पहले उनकी प्रतिमा को शुद्ध जल से स्नान कराएं और फिर पूजा की सभी सामग्री अर्पित करें।

अब मंत्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर लगाएं या फिर आप पहले प्रतिमा पर सीधे ही घी की एक हल्की परत लगा दें और फिर उसपर सिंदूर का चोला चढ़ाएं।

सिंदूर का चोला चढ़ाने के बाद उनपर चांदी या सोने का वर्क चढ़ाएं।

चोला चढ़ाने वाले भक्त को आज का दिन सात्विक बिताना चाहिए। साथ ही मानसिक और शारीरिक रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

इस बात का ध्यान रखें कि चोला कभी भी एक या दो नहीं चढ़ाया जाता है। आपको चोला चढ़ाने से पहले संकल्प करना चाहिए। आप 5, 11, 21, 51 या फिर 101 चोला वो भी लगातार चढ़ाएं।

ऐसी मान्यता है कि 11 या 21 चोला चढ़ाने से बजरंगबली भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

जिस दिन आप चोला चढ़ाने वाले हैं उस दिन उनके लिए मंदिर का सिंदूर तिलक आप ही तैयार करें।

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हनुमानजी के उतरे हुए चोले को संभालें

हनुमानजी के उतरे हुए चोले को संभालें

बजरंगबली के उतरे हुए चोले को आप किसी डिब्बे में संभाल लें और इसे अपने घर, दुकान या किसी तिजोरी में रख सकते हैं। मगर ध्यान रहे कि हर महीने पूर्णिमा के दिन इसे हनुमान जी के सामने रखें और धूप-बत्ती दिखाएं।

English summary

Significance of Bada Mangal and how to offer sindoor chola to hanuman

There is a custom of offering oil and sindur (Vermilion) to Hanuman on bada mangal day. Lord Hanuman is considered as kaliyuga bramha. To overcome complex problems in life one should worship Hanuman.
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