Just In
- 51 min ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 2 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- 3 hrs ago नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
- 5 hrs ago Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
Don't Miss
- Education पीएसईबी 10वीं रिजल्ट 2024 लिंक pseb.ac.in सक्रिय, कैसे डाउनलोड करें पंजाब बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट मार्कशीट
- Finance Gold Rate Today: सोने के दाम पर लोकसभा चुनाव के दौरान कैसा रहा असर, क्या किमतों में मिली राहत
- Technology बच कर रहें कहीं REMOTLY कोई फोन न हैक कर लें
- News फिर सुर्खियों में आई पीली साड़ी वाली मैडम Reena Dwivedi, वीडियो शेयर कर मतदाताओं से यूं की ये खास अपील
- Movies किसी आलीशान होटल में नहीं बल्कि इस मंदिर में शादी करेंगी गोविंदा की भांजी आरती, वेडिंग कार्ड की झलक आई सामने
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त और Best एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल, देखें पूरी लिस्ट
- Automobiles नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
सीता नवमी 2019: आज ही के दिन धरती से जन्मी थी सीता, जानें इस दिन पूजा करने के लाभ
वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल ये 13 मई को मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि आज ही के दिन राजा जनक ने संतान प्राप्ति के उद्देश्य से पूजा का आयोजन करवाया था। पुष्य नक्षत्र में जब राजा जनक ने यज्ञ भूमि तैयार करने के लिए उसे हल से जोता तब धरती मां की गोद से बालिका मिली। हल की नोक तथा जोती हुई धरती को सीता कहते हैं और उसके नाम पर ही उस बालिका का नाम सीता रखा गया।
आज के दिन पूरे देश में मां सीता की पूजा की जाती है। भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ आज उपवास रखते हैं और वो मां सीता से अपनी मनोकामना पूरी करने की गुजारिश करते हैं। जानते हैं सीता नवमी का महत्व और इस दिन पूजा तथा दान करने से भक्तों को क्या लाभ मिलते हैं।
ऐसे करें सीता नवमी पर पूजा
इस दिन श्रीराम और माता सीता की पूजा करने के लिए सबसे पहले तिल या घी का दीपक जलाएं। इसके बाद जानकी माता का सिंदूर लगाएं और प्रभु श्री राम को रोली लगाएं। फिर उन्हें चावल, धूप, दीपक और लाल रंग के फूल चढ़ाकर उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें।
इसके बाद आप उन्हें भोग लगाएं। इस पूजा में इन दो मंत्र का जाप अवश्य करें।
ॐ श्रीसीताये नमः ।।
और
'श्रीसीता-रामाय नमः।।
Most Read:अपनी राशि के आधार पर जानें कैसी होगी आपकी सास
अच्छे स्वास्थ्य और निरोगी काया के लिए आज जरूर करें पूजा
माता सीता अपने भक्तों की मनोकामनाएं तो पूरी करती ही हैं वो उन्हें धन, बुद्धि, सेहत और समृद्धि भी प्रदान करती हैं। सूर्य, अग्नि और चंद्र से माता सीता का स्वरूप माना गया है। ऐसा माना जाता है कि आज चांद की विशेष औषधीय किरणें धरती पर पड़ती हैं। सीता नवमी पर भक्तों के लिए ये बहुत लाभदायक होती हैं। सीता नवमी पर श्री राम और माता सीता के साथ चंद्र देव की पूजा भी अवश्य करें।
आज के दिन सुहाग का सामान जरूर करें दान
माता सीता ने अपना पूरा जीवन ही पतिव्रता धर्म निभाने में बीता दिया था। जानकी नवमी पर माता की पूजा सोलह श्रृंगार के साथ करें। उन्हें लाल रंग की साड़ी चढ़ाएं और साथ ही लाल और पीले रंग के फूल अर्पित करें। आज के दिन दान पुण्य का महत्व भी काफी होता है। आप अपने पति की लंबी आयु और अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सुहाग का सामान दान में दें। वहीं जो महिलाएं संतान सुख पाना चाहती हैं वो लोग आज पूजा के दौरान सीता स्त्रोत का पाठ जरूर पढ़ें।
Most Read:तुला और इस तीन राशि की लड़कियां पति को रखती है कंट्रोल में