Just In
- 4 hrs ago Happy Birthday Sachin Tendulkar Wishes: अपने फेवरेट सचिन के 51वें जन्मदिन के मौके पर शेयर करें ये संदेश
- 5 hrs ago Hashimoto : एक्ट्रेस स्मृति खन्ना को प्रेग्नेंसी में हुई ये खतरनाक बीमारी, सीधा गर्भाशय पर करती है हमला
- 6 hrs ago नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
- 8 hrs ago ये शख्स हैं चलता-फिरता शराबखाना, इस अनोखी बीमारी की वजह से पेट में बनती है शराब
Don't Miss
- News ऋतुराज गायकवाड़ ने इस मामले में धोनी को पछाड़ा, ऐसा करने वाले बने CSK के पहले कप्तान
- Education UK Board Result 2024: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट कब आएगा? चेक करें डेट और टाइम
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Automobiles KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Teacher's Day: ये रहे हैं इतिहास के दिग्गज शिक्षक
शिक्षा किसी भी व्यक्ति के द्वारा अर्जित की गई सबसे बड़ी सम्पत्ति होती है जिसे आप किसी को भी दे सकते हैं और आपके पास से कुछ भी नहीं जाता है बल्कि बढ़ता है।
शिक्षकों को इसका सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता है। हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का महत्वपूर्ण स्थान होता है।
पूर्व काल से लेकर वर्तमान समय तक समाज में शिक्षकों को विशेष स्थान दिया गया है। इन शिक्षकों ने कई महान लोगों को पढ़ाया और उन्हें उनके मुकाम तक पहुँचाया। ऐसे ही कुछ महान शिक्षकों के बारे में इस लेख में जानिए:
1. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
भारत में शिक्षक दिवस उनके ही जन्मदिवस के उपलब्ध में मनाया जाता है। राधाकृष्णन को भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से गिना जाता है। उनका जन्म भारत में तमिलनाडु के थिरूट्टानी में 1888 में हुआ था। उन्होंने 21 वर्ष की आयु में दर्शनशास्त्र में परास्नातक पूरा कर लिया था।
उन्होंने आध्यात्मिक शिक्षा को महत्व दिया और दर्शनशास्त्र की सबसे कठिन अवधारणाओं को समझने और उन्हें साझा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने मैसूर प्रेसीडेंसी कॉलेज, मैसूर विश्वविद्यालय में छात्रों को ज्ञान दिया था और यहां तक कि आंध्र विश्वविद्यालय के एक वाइस चांसलर के रूप में भी काम किया था।
उन्होंने यूके और यूएस में अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में कलकत्ता विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया और उन्होंने तुलनात्मक धर्म पर ऑक्सफ़ोर्ड में एक व्याख्यान दिया। उनका अपने छात्रों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार था। वो विद्यालय और घर, दोनों ही स्थानों पर पढ़ाते थे। उनके जैसा महान शिक्षक, आज भी कई शिक्षकों के लिए प्रेरणा है। उनका निधन 1975 में हो गया था।
2. सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले को भारत की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत में क्रांति ला दी, और अपने पति के साथ मिलकर 1848 में एक स्कूल को खोला जहां उन्होंने समाज की अस्पृश्य लड़कियों को दाखिला दिया। बहुत सारे लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन वो घबराई नहीं और स्कूल में शिक्षा देती रहीं। बाद में उन्होंने इसी तरह के पांच और स्कूल खोले।
एक शिक्षक के रूप में उनकी यात्रा आसान नहीं थी क्योंकि वह अक्सर उच्च जाति के द्वारा अपमानित की जाती थी। उनके इस प्रयास को ब्रिटिश सरकार ने सराहा था। वह आधुनिक मराठी कविता की संस्थापक के रूप में भी जानी जाती हैं।
3. ऐनी सुलिवन
इस अमेरिकन टीचर को हेलन केलर की मेंटोर के रूप में भी जाना जाता है। जैसाकि सभी को ज्ञात है हेलन, बहरी और अंधी थीं। सुलिवन 20 वर्ष की थीं जब उन्होंने शिक्षा देना आरंभ किया। उस समय हेलर मात्र 6 साल की थी। उसके बाद अगले 49 साल तक वो उनके साथ रहीं और उन्होनें इस तरह के दिव्यांग लोगों के लिए विशेष संकेतों को इज़ाद किया। उसने हेलन को पढ़ाने के लिए एक विशेष प्रकार की साइन भाषा का उपयोग करके इतिहास बनाया, जिसमें उसकी हथेली पर लेखन शामिल था।
उनके प्रयास से हेलन, पहली छात्र बन गई जिसने अपाहिज होने के बावजूद भी कला में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। सुलिवन ने विकलांग बच्चों को शिक्षित करने के महत्व को समझकर शिक्षा में एक छाप छोड़ी।
4. मदन मोहन मालवीय
मदन मोहन मालवीय का जन्म 1861 में वाराणसी में हुआ था। वह एक शिक्षाविद् और एक स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। उन्होंने एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की, और वे करीब दो दशकों के लिए उसके चांसलर भी थे।
इस विश्वविद्यालय ने विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, कानून, कृषि, कला और प्रदर्शन कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में करीब 35,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया। वह भारत के "सत्यमेव जयते" के नारे को लोकप्रिय बनाने वाले एक व्यक्ति थे।
5. डाक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
हालांकि कलाम को एक वैज्ञानिक के रूप में अच्छी तरह से जाना जाता था, लेकिन वह ज्ञानदाता भी थे। उन्होंने लाखों बच्चों को प्रेरित किया कि वो अपने जीवन में आगे बढें। वो भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। उन्हें भारत के परमाणु और अंतरिक्ष इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए मिसाइल मनुष्य के रूप में भी जाना जाता था।
वो एक ऐसे शिक्षक थे जो छात्रों के स्तर को समझते थे और उनकी ही तरह सोचकर उन्हें बताते थे। बच्चों के साथ समय बिताना उन्हें बेहद पसंद था। वो अपने अंतिम समय तक बच्चों को व्याखान देते रहे। आईआईएम शिलांग में व्याखान के लिए जाते हुए उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया था।