Just In
- 48 min ago सफेद कपड़ों पर पड़ गए है पीले दाग, तो लांड्री में बेकिंग सोडा का यूं करें इस्तेमाल
- 1 hr ago DIY Mosquito Repellent : मच्छरों के काटने से बच्चे का हो गया बुरा हाल, बचाने के लिए करें ये काम
- 2 hrs ago चेहरे का आकार बता सकता है कैसे इंसान हैं आप, यकीन नहीं होता तो ये टेस्ट आजमाकर देख लें
- 2 hrs ago Boyfriend को दिनभर में करती थी 100 बार फोन, पता चला Love brain बीमारी से जूझ रही हैं गर्लफ्रेंड
Don't Miss
- News हरियाणा: आगामी लोकसभा चुनाव के बीच सीएम नायब सिंह सैनी ने कुलदीप बिश्नोई के साथ की मुलाकात
- Movies अंकिता लोखंडे के बाद अब इस टीवी एक्ट्रेस की डोली हुई तैयार, दिल्ली में हुई सगाई तो BF ने किया ये काम
- Automobiles भारत में लॉन्च हुई 2024 Jeep Wrangler Facelift, शानदार डिजाइन और धांसू फीचर्स से है लैस, जानें कीमत?
- Technology Refrigerator Under 15000: इन 5 टॉप ब्रांड्स के फ्रिज बेहद कम दाम में लाएं घर, यहां जानें कीमत
- Education MP Board Sehore Toppers List 2024: सीहोर जिले के 10वीं, 12वीं के टॉपर छात्रों की सूची
- Finance Public Provident Fund Account: क्या आपको चाहिए 1 करोड़ रुपए का तगड़ा फंड? बस 5 मई से पहले ऐसे करना होगा निवेश
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
इन 3 औरतों के कारण बापू ने मरते दम तक नहीं पहने थे कपड़े
गांधी जी का पूरा जीवन वैसे तो दुखों से भरा हुआ रहा है। उन्होने देश को आजाद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सत्य, अहिंसा और धर्म मके रास्ते पर चलते हुए उन्होने अंग्रेजों को भारत से भगाकर ही दम लिया था। आपने गांधी जी के कई आंदोलनों के बारे में तो अवश्य ही सुना होगा। इन्ही में से एक था चंपारण आंदोलन।
आपको बता दें कि इस आंदोलन को अब 100 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन गांधी जी के लिए ये सफर आसान नहीं था। जब वे चंपारण आए थे तो यहां के आम लोग उन्हें जानते भी नहीं थे।
चंपारण आंदोलन के शुरुआती दिनों में बापू को कई प्रकार का संशय था। आपने बापू को जब देखा तो अक्सर धोती में ही देखा होगा।
एक पैर कट गया था, फिर भी एवरेस्ट पर चढ़कर लहराया तिरंगा, कौन है ये महिला
क्या आप जानते है कि इसके पीछे भी एक कारण था। दरअसल इसके पीछे क्या बात है कि बापू ने मरते दम तक सिर्फ धोती ही पहनी थी। आइए जानते है....
चंपारण से जाने का मिला नोटिस
बापू जब चंपारण का आंदोलन कर रहे थे तब उनको बहुत परेशान किया जा रहा था। ऐसे में उनको कई तरह की परेशानियों और प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ा था। बापू ने तब भी जब उनकी बात ना मानी और आंदोलन में अडिग रहे तब सरकार के द्वारा उनको चंपारण से जाने का नोटिस आया था।
इस दरगाह में जमीन से 2 इंच ऊपर तैरता है पत्थर, जानिए कहां है ये मजार
ऑफिसरों ने मना किया
गांधी जी ने जब मुजफ्फरपुर के कमिश्वर और एक आला अधिकारी से मुलाकात की तो उन लोगों ने इस बात को यहीं खत्म करने को कहा और चंपारण आंदोलन समाप्त करके किसानों की मदद करने को मना किया गया। बापू ने उनकी बातें मानने से मना किया और आगे बढ़ते रहे।
सत्याग्रह की शुरुआत
इसके साथ उन लोगों की बातें ना मानकर बापू ने किसानों के लिए सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत कर दी। इन दोनो अधिकारियों ने बापू को जब धमकाया तब ये बातें तीन औरतों को पता थी। और ये औरतें ही इसकी गवाह थी।
औरतों के पास नहीं थे कपड़े
सत्याग्रह और चंपारण के आंदोलन के दौरान जो हुआ इसकी गवाही के लिए तीन औरतों को आना था। उन औरतों के पास आने के लिए साड़ी नहीं थी। उन तीनों के पास सिर्फ एक ही साबुत साड़ी थी। ऐसी समस्या होने के बात गवाही पर संकट के बादल उमड़ रहे थें जो कि बहुत जरूरी थी।
एक एक करके आई औरतें
इसके बाद जो हुआ वो हमारे आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। दरअसल उन औरतों ने पहले तो आने से मना कर दिया फिर एक औरत आई जिसके पास साड़ी थी। उसकी गवाही के वो औरत वापस घर गई और दूसरी को अपनी साड़ी दी। ऐसे करके एक ही साड़ी पहन कर उन तीनों ने गवाही दी। इस बात को देखकर गांधी जी को काफी बड़ी धक्का लगा।
बापू ने कपड़ें ना पहनने की ली शपथ
इसके बाद बताया गया ही गांधी जी ने देखा की उनके देश की जनता का कितना बुरा हाल है। गांधी जी ने कही कि वो भी आज के बाद कपड़े त्याग करके केवल धोती ही पहनेंगें। तब से लेकर अपने मरते दम तक बापू ने सिर्फ धोती ही पहनी।