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इन 3 औरतों के कारण बापू ने मरते दम तक नहीं पहने थे कपड़े

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गांधी जी का पूरा जीवन वैसे तो दुखों से भरा हुआ रहा है। उन्होने देश को आजाद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सत्य, अहिंसा और धर्म मके रास्ते पर चलते हुए उन्होने अंग्रेजों को भारत से भगाकर ही दम लिया था। आपने गांधी जी के कई आंदोलनों के बारे में तो अवश्य ही सुना होगा। इन्ही में से एक था चंपारण आंदोलन।

आपको बता दें कि इस आंदोलन को अब 100 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन गांधी जी के लिए ये सफर आसान नहीं था। जब वे चंपारण आए थे तो यहां के आम लोग उन्‍हें जानते भी नहीं थे।

चंपारण आंदोलन के शुरुआती दिनों में बापू को कई प्रकार का संशय था। आपने बापू को जब देखा तो अक्सर धोती में ही देखा होगा।

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क्या आप जानते है कि इसके पीछे भी एक कारण था। दरअसल इसके पीछे क्या बात है कि बापू ने मरते दम तक सिर्फ धोती ही पहनी थी। आइए जानते है....

चंपारण से जाने का मिला नोटिस

चंपारण से जाने का मिला नोटिस

बापू जब चंपारण का आंदोलन कर रहे थे तब उनको बहुत परेशान किया जा रहा था। ऐसे में उनको कई तरह की परेशानियों और प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ा था। बापू ने तब भी जब उनकी बात ना मानी और आंदोलन में अडिग रहे तब सरकार के द्वारा उनको चंपारण से जाने का नोटिस आया था।

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ऑफिसरों ने मना किया

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गांधी जी ने जब मुजफ्फरपुर के कमिश्वर और एक आला अधिकारी से मुलाकात की तो उन लोगों ने इस बात को यहीं खत्म करने को कहा और चंपारण आंदोलन समाप्त करके किसानों की मदद करने को मना किया गया। बापू ने उनकी बातें मानने से मना किया और आगे बढ़ते रहे।

सत्याग्रह की शुरुआत

सत्याग्रह की शुरुआत

इसके साथ उन लोगों की बातें ना मानकर बापू ने किसानों के लिए सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत कर दी। इन दोनो अधिकारियों ने बापू को जब धमकाया तब ये बातें तीन औरतों को पता थी। और ये औरतें ही इसकी गवाह थी।

औरतों के पास नहीं थे कपड़े

औरतों के पास नहीं थे कपड़े

सत्याग्रह और चंपारण के आंदोलन के दौरान जो हुआ इसकी गवाही के लिए तीन औरतों को आना था। उन औरतों के पास आने के लिए साड़ी नहीं थी। उन तीनों के पास सिर्फ एक ही साबुत साड़ी थी। ऐसी समस्या होने के बात गवाही पर संकट के बादल उमड़ रहे थें जो कि बहुत जरूरी थी।

एक एक करके आई औरतें

एक एक करके आई औरतें

इसके बाद जो हुआ वो हमारे आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। दरअसल उन औरतों ने पहले तो आने से मना कर दिया फिर एक औरत आई जिसके पास साड़ी थी। उसकी गवाही के वो औरत वापस घर गई और दूसरी को अपनी साड़ी दी। ऐसे करके एक ही साड़ी पहन कर उन तीनों ने गवाही दी। इस बात को देखकर गांधी जी को काफी बड़ी धक्का लगा।

बापू ने कपड़ें ना पहनने की ली शपथ

बापू ने कपड़ें ना पहनने की ली शपथ

इसके बाद बताया गया ही गांधी जी ने देखा की उनके देश की जनता का कितना बुरा हाल है। गांधी जी ने कही कि वो भी आज के बाद कपड़े त्याग करके केवल धोती ही पहनेंगें। तब से लेकर अपने मरते दम तक बापू ने सिर्फ धोती ही पहनी।

English summary

When and why did Gandhi decide to wear dhoti

The whole life of Gandhiji is full of sorrows. He had left no stone unturned in liberating the country. While walking on the path of truth, non-violence and religion, he had to take the British away from India.
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