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सीरियल किलर...इस बच्चे को पसंद था लोगों की जान से खेलना.. 8 साल की उम्र में 3 लोगों का किया कत्ल
अभी तक आपने कई सीरियल किलर के बारे में सुना होगा, कई दिल दहला देने वाली सीरियल किलिंग की घटनाएं सुनी होगाी। जिसमें से निठारी का नर पिशाच सुरेंद्र कोली तो ताजा उदाहरण है। अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटकर देखेंगे तो दुनिया और देशभर में एक से बढ़कर एक दिल दहला देने वाले किस्से सुनने को मिलेंगे। लेकिन आज हम आपको एक सीरियल किलर के बारे में बताने जा रहे है जिसने सिर्फ 8 साल की उम्र में एक के बाद एक करके तीन हत्याएं कर डाली। सुनकर आश्चर्य में पड़ गए न सिर्फ 8 साल की उम्र में तीन हत्याएं।
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जी हां इसे दुनिया का सबसे कम उम्र का सीरियल किलर माना जाता है, इसके अलावा ये बिहार के "मिनी सीरियल किलर" के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते है इस मिनी सीरियल किलर के बारे में कि कैसे ये पुलिस के हत्थे चढ़ा।
बिहार से है ये मिनी सीरियल किलर
अमरजीत सादा नामक ये लड़का दिखने में तो मासूम लेकिन हरकतें किसी मंझे हुए किलर से कम नहीं। बिहार के बेगुसराय में 1998 में पैदा हुआ अमरजीत अपने परिवार के साथ बेगुसराय के गांव मुसहरी में रहता था। इसके पिता मजदूरी करके घर चलाया करते थे।
खुद की बहन को मार दिया..
इस मिनी सीरियल किलर का शिकार सिर्फ छोटे बच्चें होते थे। जो कि मुश्किल से कुछ महीनों के होते थे। जब इसने पहले बच्चें को मारा तो उसके बाद इसका दूसरा शिकार इसकी खुद की बहन बनी। जब अमरजीत के मां बाप को इस बारे में मालूम चला उन्होंने इसके इस घिनौने अपराध को तब तक छिपाकर रखा जब तक कि इसने तीसरा मर्डर करके पुलिस के हाथ नहीं लग गया।
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2007 में आया था मामला सामने
बात सन 2007 की है, बिहार के बगूसराय का मुसहरी गांव एक के बाद एक दो मासूम बच्चों की हत्याओं से दहल उठा। किसी को नहीं पता था कि इन कत्ल को कौन अंजाम दे रहा है. इसी बीच एक जवान शख्स का कत्ल हो जाता है। मामला पुलिस तक पहुंचता है। पुलिस की छानबीन में जो तथ्य सामने आता है, उसे सुनकर पूरे गांव के लोग दंग रह जाते हैं। एक मासूम बच्चा इस वारदात को अंजाम दे रहा है।
छह महीनें की बच्ची को बेरहमी से मार दिया
मिनी सीरियल किलर के रूप में चर्चित इस लड़के अमरजीत सदा के नाम का जिक्र आते ही उसके हमउम्र दोस्त कांप उठते हैं। उसने अपने गांव की छह महीने की बच्ची को पत्थर मार-मार कर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद उसकी लाश एक खेत में ले जाकर दफना दिया। वह बताता है कि उसे कत्ल करने में मजा आता है, इसलिए ऐसा करता है।उसने मजे के लिए ही तीनों कत्ल किए हैं।
उसने जो बताया सुनकर चौंक जाएंगे आप
जब पुलिस को लगा कि कहीं न कहीं इन तीनों खून के पीछे अमरजीत का हाथ है तो उसने पुलिस को बिना जोर जबरदस्ती के पूरे घटनाक्रम को खुद ही बताया कि उसने कब और कैसे कहां पर उस बच्ची की हत्या की। बिना संकोच के उसने सारी घटनाक्रम पुलिस को बता दी।
मानसिक बीमारी से ग्रस्त
जब डॉक्टर ने इस बच्चें की मानसिक हालात का जायजा लिया तो मालूम चला कि ये बच्चा किसी कंडक्ट डिसऑर्डर की बीमारी से जुझ रहा है। एक मनोविशेषज्ञ ने बताया कि ये बच्चा बहुत ही उदास रहता है इसे लोगों को चोट पहुंचाकर खुशी मिलती है। और कई विशेषज्ञों ने बताया कि इस बच्चें को अभी तक अच्छे और बुरे की पहचान नहीं है। लेकिन इसे हिरासत में लेने के बाद इस बच्चें की मेडिकल जांच चलती रही थी।
माना जाता है कि ये नाम बदलकर रह रहा है..
भारतीय कानून के अनुसार आठ साल की उम्र में इसे भारतीय संहिता से इसके गुनाहों के लिए कोई सजा नहीं मिलती। इसलिए अदालत ने इसके ईलाज के लिए इसे मनोरोगी अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। इसके बाद माना जाता है कि आज अमरजीत अपने ईलाज के बाद बाहर किसी दूसरे नाम के साथ जिंदगी बसर कर रहा है।