Just In
- 1 hr ago Suhana Khan Beauty Tips : खुल गया सुहाना खान की खूबसूरती का राज, बेदाग त्वचा के लिए रखती हैं ऐसे ख्याल
- 3 hrs ago गर्मी में पेट को शांत रखता है यूपी-बिहार का सन्नाटा रायता, ये हैं फायदे और बनाने का तरीका
- 4 hrs ago Mangal Gochar 2024: ग्रहों के सेनापति मंगल ने किया मीन राशि में प्रवेश, इन 3 राशियों के लिए शुरू हुआ बुरा समय
- 5 hrs ago मूंछों की वजह से 10वीं टॉपर का बना मजाक, इस बीमारी से लड़कियों के फेस उगते है बाल
Don't Miss
- News "जीजाजी की नज़र लोकसभा सीट पर है साले साहब क्या करेंगे?'' स्मृति ईरानी ने राहुल पर साधा निशाना
- Finance Gold or Silver Investment: क्या इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड और सिल्वर को अभी शामिल करना होगा सही?
- Movies VIDEO: बिना चोली पहले किया डांस, और फिर सज-संवरकर किया हैरान... वायरल वीडियो से हिला लोगों का दिमाग
- Travel आजाद भारत का एक रेलवे ट्रैक, जिसपर भारत नहीं आज भी अंग्रेजों का है कब्जा, क्यों?
- Education Jharkhand JPSC Pre Result 2024: झारखंड जेपीएससी सीसीई प्रारंभिक परीक्षा परिणाम 2023 जारी, करें PDF डाउनलोड
- Automobiles चिलचिलाती गर्मी में लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिला खास हेलमेट, अब और एक्शन में नजर आएगी पुलिस
- Technology भारत में लॉन्च हुआ Redmi Pad SE टैबलेट, कीमत से लेकर जाने सारी जानकारी
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Facts: देसी नहींं विदेशी है आलू, जाने भारत तक पहुंचने का सफर
आलू आज हमारे खाने का एक अहम हिस्सा बन गया। कई सब्जियां बिना आलू के अधूरी हैं। आलू के बिना किचन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। जब आलू के दाम आसमान छूते हैं तो पूरे भारत में हंगामा मच जाता है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज से 500 साल पहले इसी आलू का कोई अस्तित्व ही नहीं था। भारत में पहली बार जहांगीर के जमाने में आलू आया था। भारतीयों को आलू का स्वाद चखाने का श्रेय यूरोपीय व्यापारियों को जाता है, जो भारत में आलू लेकर आए और यहां उसका जमकर प्रचार किया।
कैसे हुआ आलू का जन्म?
आलू का जन्म भारत में नहीं हुआ है। इसके जन्म दक्षिण अमेरिका की एंडीज पर्वत श्रृंखला में स्थित टिटिकाका झील के पास हुआ था। वो समुद्र से करीब 3,800 मीटर उंचाई पर स्थित है। भारत में आलू को बढ़ावा देने का श्रेय वारेन हिस्टिंग्स को जाता है जो 1772 से 1785 तक भारत के गवर्नर जनरल रहे।
भारत में आलू कब आया?
7000 साल पहले पेरु में शुरू हुआ था आलू का इस्तेमाल
अमेरिकन वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक, आलू का इस्तेमाल करीब 7000 साल पहले मध्य पेरु में हुआ था। हालांकि, दावा किया जाता है कि आलू की खेती कैरिबियन द्वीप पर शुरू हुई थी। तब इसे 'कमाटा' और 'बटाटा' कहा जाता था। 16वीं सदी में यह बटाटा स्पेन पहुंचा। स्पेन के जरिए इसने यूरोप में एंट्री ली। यूरोप पहुंचने के बाद बटाटा का नाम बदलकर पटोटो हो गया।
भारत में आलू कब आया?
भारत में आलू यूरोप के व्यापारी लेकर आया। बताया जाता है कि आलू की एंट्री भारत में जहांगीर के समय में हुई। भारत में आलू को बढ़ावा देने का श्रेय वारेन हिस्टिंग्स को जाता है, जो 1772 से 1785 तक रहे। इस दौरान आलू को खूब प्रचार-प्रसार मिला। उस वक्त आलू की तीन किस्में थीं। पहली किस्म के आलू का नाम फुलवा था, जो मैदानी इलाकों में उगता था। वहीं, दूसरे का नाम गोला था, क्योंकि वो आकार में गोल होता था और तीसरे आलू का नाम साठा था, क्योंकि वो 60 दिन बाद उगता था। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि इसका असर मुगल बादशाहों पर खूब पड़ा। खासकर बंगाल के नवाब पर। इसलिए आलू का असर भी बंगाली खाने पर जबरदस्त तरीके से पड़ा है।
चौथी सबसे ज्यादा पैदावार वाली खाद्य फसल
भारत में आने से पहले भी आलू की पैदावार की जाती थी। यूरोप के साथ-साथ अमेरिका जैसी जगहों पर भी आलू होता था। वहीं, उस वक्त रूस में आलू को 'शैतान का सेब' कहा जाता था। आज सबसे ज्यादा आलू चीन में पैदा होता है, जबकि इसके बाद रूस और भारत का नंबर आता है। दुनिया में गेहूं, चावल और मकई के बाद आलू ही एक ऐसी खाद्य फसल है जो पैदा की जाती है।
पटोटो से आलू कब हुआ?
बताया जाता है कि आलू को जब यूरोपीय व्यापारी कोलकाता में बेचना शुरू किए, तो इसके नाम में बदलाव हो गया। इसे आलू कहा जाने लगा। मौजूद जानकारी के मुतबिक, आलू की खेती की शुरुआत भारत में नैनीताल में हुई। यह भी एक किस्म से अंग्रेजों की देन थी। और धीरे-धीरे आलू भारत में लोकप्रिय होता गया। हालात ये है कि हम ना सिर्फ आलू के अनगिनत व्यंजन बनाते हैं, बल्कि चीन और रूस के बाद दुनिया के तीसरे बड़े आलू उत्पादक देश भी हैं।