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नवजात बच्चे के सेहत के लिए हानिकारक है पनीर! जानें खिलाने का सही समय

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Cheese For new Born

नवजात बच्चों और छोटे बच्चों को लेकर माता-पिता के मन में अक्सर उनके खान-पान, उनकी हेल्थ को लेकर टेंशन में रहते हैं। छोटे बच्चों को कैसे संभाला जाएं, उन्हें क्या खिलाया जाए इन बातों को लेकर माता-पिता के मन में कई तरह के सवाल आते रहते हैं। जिसमें से एक सवाल इन छोटे बच्चों को पनीर खिलाने को लेकर आता है। कि उन्हें किस उम्र में पनीर खिलाना ठीक रहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक पनीर बच्चों के लिए एक हेल्दी और संतुलित डाइट का हिस्सा बन सकता है। क्योंकि पनीर कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक छोटे बच्चे एक साल की उम्र के बाद फुल-फैट चीज यानि पानीर खा सकते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक जब बच्चा एक साल का हो जाता है, तो उसे पनीर से खिलाना सबसे अच्छा विकल्प है। क्योंकि एक साल के बाद बच्चा का पाचन तंत्र विकसित हो चुका होता है और वे पनीर को आसानी से पचा सकते हैं। एक साल से कम उम्र के बच्चों में पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है, ऐसे में उन्हे पनीर खिलाने की सलाह जरूर दी जाती है। क्योकि नवजात बच्चों को पनीर खाने से एलर्जी हो सकती है।

पनीर खाने से बच्चों में एलर्जी के लक्षण

बच्चों को दूध के पनीर खाने से होने वाली एलर्जी के लक्षणों में बच्चे के होठ या मुंह के पास खुजली या झुनझुनी होने लगती है, बच्चे को खांसी या सांस लेने में परेशानी हो सकती है, बच्चे के स्किन पर पित्ती और पनीर खाकर उल्टी जैसी समस्या का भी सामना कर सकते हैं। पीडियाट्रिशियन के मुताबिक छोटे बच्चे को पनीर खिलाने की एलर्जी में खूनी दस्त, पेट में ऐंठन, आंखों से पानी निकलना, पेट में दर्द होना भी शामिल है, लेकिन इन लक्षणों को विकसित होने में ज्यादा समय लग सकता है। इतना ही नहीं पनीर खाने से बच्चों को जकड़न, सांस लेने में मुश्किल, स्वेलिंग फेस, ब्लड प्रेशर में गिरावट जैसी समस्या हो सकती है। अगर बच्चे को इस तरह की समस्या हो तो उन्हे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाए।

बच्चों को खिलाएं पाश्चराइज्ड पनीर

बच्चों को खिलाए जाने वाला पनीर फुल-फैट और पाश्चराइज्ड होना चाहिए। बच्चों को मार्केट का पनीर खिलाने से बचे। अगर आप बच्चे को पनीर खिला रहे है, तो घर में बना पनीर ही उन्हें खिलाएं। बच्चों को बकरी के दूध का बना पनीर, या इस तरह के हैवी पनीर छोटे बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। पाश्चराइज्ड के बिना बनी चीज में बैक्टीरिया, वायरस ज्यादा पाए जाते हैं। छोटे बच्चों को ये पनीर आसानी से पचता नहीं है। जिसके बच्चों को ऐसा पनीर खिलाने से उनकी हेल्थ पर गलत असर पड़ सकता है।

ध्यान रखें ये बातें

एक माता-पिता होने के नाते बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल रखना आपकी पहली जिम्मेदारी है। ऐसे में आपके लिए इस बात की ओर ध्यान रखना जरूरी है कि, आप बच्चे को जो पनीर खिलाती हैं, वो पाश्चराइज्ड होना चाहिए। बच्चे के बनाएं पनीर में सोडियम की मात्रा कम होनी चाहिए।

बच्चे को कब और कैसे खिलाएं पनीर

बच्चे को सुबह या दोपहर के समय पनीर खिलाएं। क्योकिन इस दौरान बच्चा काफी एक्टिव रहता है। इस समय पनीर खाने से बच्चा आसानी से पनीर को पचा पाएगा। इस समय पनीर खाने से बच्चे को एलर्जी होने की संभावना कम होती है। शाम के समय या बच्चे के सोने से पहले उन्हें पनीर खिलाने से बचें। क्योकि बच्चे इस समय पनीर पचाने से बच सकते हैं। बच्चे को अगर आप पहली बार पनीर खिला रहे है, तो बच्चे को छोटे-छोटे क्यूब बनाकर पनीर के टुकड़े खिलाएं। बच्चों के लिए सब्जी, अंडे, पास्ता, पराठें में भी मिलकर बच्चो को पनीर खिला सकते हैं।

English summary

Cheese is harmful for the health of the newborn baby! Know the right time to feed in hindi

Cheese can be very harmful for the health of newborns. Let us find out what is the right time and way to feed cheese to a small child.
Story first published: Saturday, December 17, 2022, 14:58 [IST]
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