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सिजेरियन डिलेवरी के बाद व्यायाम करते वक्त ना करें ये गल्तियां
माने तो सिजेरियन डिलेवरी के बाद करीबन 6-12 हफ्तों में अंदरूनी घाव ठीक होते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ एक्सपर्ट्स के बताए टिप्स बताएंगे।
नॉर्मल डिलेवरी के मुकाबले सिजेरियन डिलेवरी के बाद शरीर को रिकवर करने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है, इसलिए अक्सर सिजेरियन डिलेवरी के बाद उठने बैठने और चलने फिरने में ज्यादा प्रतिबंध लगा दिए जाते है।
ऐसा इसलिए क्योंकि इन सबका सीधा असर पेट पर और डिलेवरी के दौरान लगे टांकों पर पड़ता हैं। ऐसे में जब बात डिलेवरी के दौरान बढ़े वजन को कम कर फिर से फिट बनने की हो तो सिजेरियन डिलेवरी के बाद यह काम थोड़ा सा मुश्किल लगता है।
डॉक्टर्स की भी माने तो सिजेरियन डिलेवरी के बाद करीबन 6-12 हफ्तों में अंदरूनी घाव ठीक होते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ एक्सपर्ट्स के बताए टिप्स बताने के साथ ही यह भी बताएंगे कि सिजेरियन डिलेवरी के बाद एक्सरसाइज के मामले में क्या करें और क्या न करें?
1. सबसे पहले करवाएं चेकअप
सिजेरियन डिलेवरी के बाद किसी भी तरह कि एक्सरसाइज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें। साथ ही जहां आपके टांके लगें है, उस जगह कि अच्छे से जांच करवाएं क्योंकि वजन और पेट कम करने के दौरान इसी जगह पर सबसे ज्यादा जोर पड़ता है।
2. वॉकिंग इज़ बेस्ट
अमुमन सिजेरियन डिलेवरी के बाद वजन कम करने के लिए समय मिलते ही ज्यादा से ज्यादा वॉकिंग करने कि सलाह दी जाती है। हालांकि बोरिंग सी और सिम्पल वॉकिंग के दौरान मनचाहा रिजल्ट पाना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में आप अपने रूटिन वॉकिंग टाइम में थोड़ा समय ब्रिस्क वॉक (नॉर्मल वॉक से थोड़ा तेज और दौड़ने से थोड़ा कम) को देंगे तो इससे आपको रिजल्ट बहुत जल्द मिलने लगेगा।
3. टोनिंग व स्ट्रेन्थनिंग एक्सरसाइज पर दे जोर
अधिकतर महिलांए डिलेवरी के दौरान बढ़े बैली फैट को कम करने की कोशिश में रहती है। लेकिन बात जब सिजेरियन डिलेवरी की हो तो एक साथ एक्सरसाइज का पूरा जोर बैली पर डालना थोड़ा रिस्की हो सकता हैं। जबकि ऐसे में अपर बॉडी पर भी ध्यान देना होता है, क्योंकि डिलेवरी के दौरान ब्रेस्ट में भी चेंजेज आते है इसलिए इन्हें भी री-शेप करने लिए एक्सरसाइज करना जरुरी है। इसके अलावा जांघों और पैरों को भी एक्सरसाइज कर टोन करने की कोशिश करें, ऐसा करने से पूरी बॉडी एक साथ टोन होगी।
4. पीठ को न करें इग्नोर
किसी भी तरह की एक्सरसाइज में पीठ का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है क्योंकि यही हमें बॉडी का सही पॉश्चर बनाने में मदद करती है इसलिए डिलेवरी के बाद पीठ की एक्सरसाइज कर इसे फिर से मजबूत बनाने की कोशिश करें। इसके लिए एक्सरसाइज में रोज कैट और कैमल पॉश्चर बनाए और कोबरा योगा भी करें ताकि पींठ की मजबूती बनी रहे।
5. पेल्विक मसल्स पर भी रखें नजर
पेल्विक मसल्स यानी कि गर्भाशय, मूत्राशय और छोटी आंत को सहारा देने वाली मसल्स, इन्हें 'किगल मसल' भी कहा जाता है। डिलेवरी के दौरान यह पेल्विक मसल्स बहुत कुछ सहती है। इन पर बहुत जोर पड़ता है इसलिए इन्हें फिर से मजबूत करने के लिए किगल एक्सरसाइज
(जननांगों की एक्सरसाइज को कीगल एक्सरसाइज कहते हैं) बहुत फायदेमंद होती हैं। क्योंकि इससे पेल्विक एरिया की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
6. न करें एब्डोमिनल एक्सरसाइज
सिजेरियन डिलेवरी के बाद 8-12 हफ्तों तक पेट (एब्डोमिनल ) की एक्सरसाइज न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस तरह के व्यायाम करने से आपके एब्डोमिनल पर जोर पड़ता है, जिससे टाकों पर भी असर हो सकता है।
7. बॉडी की सुनें
बच्चे के जन्म के बाद, सबसे पहले आपको अपने शरीर की सुननी चाहिए क्योंकि डिलेवरी के बाद शरीर को रिकवर करने में बहुत टाइम लग सकता है इसलिए शुरूआत में थोड़े आराम से एक्सरसाइज करें और अगर लगे कि बीच में आराम लेने कि जरूरत है तो ब्रेक लेना न भूलें।