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प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग और डिस्चार्ज की प्रॉब्लम
प्रेग्नेंसी के दौरान आखिरी समय में ब्लीडिंग की समस्या होने पर उसे बिल्कुल भी इग्नोर न करें। इस समय में हल्की ब्लीडिंग होना सामान्य है - 10 में से 1 महिला को ऐसी दिक्कत होती ही है, जब वह पूरे नौ महीने की गर्भावस्था में होती है। अगर ब्लीडि़ंग होती है तो उसका मतलब यह नहीं होता है कि मिस्कैरेज यानि गर्भपात हो गया।
किसी भी प्रकार की असामान्य घटना होने पर अपनी डॉक्टर से सम्पर्क करें। इसमें डर जैसी कोई बात नहीं होती है लेकिन फिर भी जरूरी होता है कि आप अपने और अपने बच्चे का परीक्षण करवा लें। अगर आपकी योनि से कुछ निकल रहा है पानी जैसा या कुछ चिपचिपा सा पदार्थ, तो उसकी जांच अवश्य करवा लें, कई बार ऐसा डिस्चार्ज, मृत प्रसव का कारण बन जाता है या बच्चे की जान जाने का खतरा हो जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान, नॉर्मल म्यूकस लुब्रीकेशन बढ़ जाता है क्योंकि उस दौरान शरीर में ब्लड़ का फ्लो ज्यादा होता है लेकिन अगर बदबूदार, परेशान करने वाला और प्रोफ्यूज डिस्चार्ज निकलता है तो उसकी जांच करने की जरूरत है।
अगर आपको गर्भावस्था के दौरान खून आता है तो परेशान न हों, शांत रहें। ध्यान दें कि क्या आपको ज्यादा दर्द है या फिर ब्लड़ ज्यादा निकल रहा है। इस बात को अपने डॉक्टर को सही - सही बताएं, जिससे वो आपको सही राय और उपचार दे सकें।
लक्षण क्या होते है?
योनि से निकलने वाले खून या डिस्चार्ज का रंग और महक पर ध्यान जरूर देना चाहिए, साथ वह कितनी तेजी से बहता है, गाढ़ा है सा पतला आदि को भी ध्यान में रखना चाहिए। इसके लक्षण निम्म प्रकार होते है :
- - हल्के गुलाबी/ लाल या भूरे रंग का डिस्चार्ज
- - पीरियड्स की तरह दर्द होना।
- - पेट में तेज दर्द होना।
- - तेजी से गाढ़े लाल रंग का खून निकलना।
- - खून के गाढ़े थक्के निकलना।
-
-
अन्य
दिनों
से
ज्यादा
दर्द
या
खून
बहना।
किसे
ऐसी
समस्या
होती
है?
चार में से एक महिला को इस तरह की दिक्कत गर्भावस्था से पहले होती है और दस में से एक को गभर्ावस्था के बाद ऐसी समस्या होती है।
इसके
पीछे
कारण
क्या
होता
है?
वॉम
के
सिरे
पर
नुकसानदायक
परिवर्तन
इसका
प्रमुख
कारण
हो
सकते
है
और
इसकी
वजह
से
खून
भी
आ
सकता
है।
इस
तरह
में
खून
कम
-
कम
आता
है
लेकिन
उसमें
रेशे
होते
है।
कुछ
महिलाओं
को
पीरियड
की
डेट
पर
हल्का
खून
आता
है
इसके
लिए
आपको
हर
महीने
जांच
के
लिए
जाना
चाहिए,
ताकि
बच्चा
सुरक्षित
रहे।
अंडे
का
इम्पलीमेंटिंग
होना
प्रेग्नेंट
होने
के
बाद
पहले
महीने
में
पीरियड्स
के
दिनों
में
हल्का
सा
ब्लड़
आ
सकता
है
क्योंकि
महिला
के
वॉम
में
अंडे
का
इम्पलीमेंटेशन
हो
रहा
होता
है।
यह
काफी
कम
और
एक
दिन
से
भी
कम
होता
है।
सरवाइकल
संक्रमण
सरवाइकल
इंफेक्शन
आपको
तक
भी
हो
सकता
है
जब
आप
प्रेग्नेंट
न
हो।
इसका
परीक्षण
करवाना
बेहद
आवश्यक
होता
है।
सेक्स
से
सेरविक्स
में
जलन
हो
सकती
है
और
थोड़ा
सा
ब्लड़
भी
आ
सकता
है।
इस
तरह
की
ब्लीडिंग
आमतौर
पर
संभोग
के
बाद
होती
है
और
तुंरत
रूक
भी
जाती
है।
म्यूकस
प्लग
लेबर
में
पहुंचे
से
पहले
गर्भवती
महिला
म्यूकस
प्लग
छोड़
देती
है
जो
सेरविक्स
से
निकलता
है।
यह
खूनी
दिखता
है
और
आपको
सचेत
करता
है
कि
आप
जल्द
ही
प्रसव
पीड़ा
में
पहुंचने
वाली
है।
प्लेसेंटल
एब्रूपशन
एक
ऐसी
स्थिति
जहां
आपकी
नाल
आंशिक
रूप
से
गर्भ
की
परत
से
दूर
आती
है।
प्लेसेंटा
प्राविया
एक
ऐसी
स्थिति
जहां
आपकी
प्लेसेंटा,
आपके
वॉम
के,
आपकी
सेरविक्स
के
निकट
पहुंच
जाते
है।
ऐसे
में
सिजेरियन
डिलीवरी
करनी
पड़
सकती
है।
एक्टोपिक
प्रेग्नेंसी
ऐसा
तब
होता
है
जब
आपके
वॉम
के
बाहरी
हिस्से
में
अंडे
का
निषेचन
होता
है,
खासकर
फेलोपियन
ट्यूब
में।
इससे
आपको
हल्की
सी
ब्लीडिंग
हो
सकती
है
लेकिन
भयानक
दर्द
हो
सकता
है।
यह
मेडीकल
इमरजेंसी
कंडीशन
होती
है
और
इस
पर
तुंरत
ध्यान
देने
की
आवश्यकता
होती
है।
गर्भपात
एक
थोड़ा
सा
ब्लड
का
थक्का
भी
गर्भपात
की
निशानी
होता
है।
लेकिन
गर्भावस्था
के
तीसरे
महीने
के
बाद
ऐसा
होने
की
संभावना
बहुत
कम
होती
है।