Just In
- 55 min ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, सेफ रहने के लिए हाइड्रेड रहें और ये काम न करें
- 2 hrs ago तपती गर्मी में भी नहीं सूखेगा तुलसी का पौधा, बस अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स
- 3 hrs ago Crispy Chicken Strips : इफ्तार के लिए इस तरह बनाएं टेस्टी-टेस्टी क्रिस्पी चिकन स्ट्रिप्स, पढ़ें पूरी रेसिपी
- 5 hrs ago Good Friday 2024 Quotes Messages: गुड फ्राइडे के मौके पर शेयर करें यीशु के विचार
Don't Miss
- News 33 साल बाद कांग्रेस के दादा भानु और भाजपा के मामा शिवराज के बीच फिर होगा मुकाबला, जानिए कौन है किस पर भारी
- Travel एडवेंचर के शौकिनों के लिए खुशखबरी, 5 महीने बाद शुरू होगी तीस्ता रिवर राफ्टिंग, Details
- Movies सोहेल खान के साथ दिखा डॉली चायवाला, इसलिए भड़क गए लोग, बोले- 'अब इसको अनफॉलो करो'
- Education एनआईओएस कक्षा 10वीं, 12वीं हॉल टिकट 2024 हुए जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
- Finance जुर्माने से बचने के लिए जल्दी निपटा लें अपने यह पांच काम, 31 मार्च है आखिरी डेट
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Technology Realme ला रहा नया धांसू स्मार्टफोन, इन तगड़े फीचर्स से होगा लैस, सामने आईं डिटेल्स, 4 अप्रैल को होगा लॉन्च
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड स्कैन का क्या प्रयोग?
चिकित्सा सोनोग्राफी (अल्ट्रासोनोग्राफी) एक अल्ट्रासाउंड आधारित मेडिकल इमेजिंग तकनीक है जिसका इस्तेमाल कर मानव शरीर के अंदर की मांसपेशियों और कई आंतरिक अंगों को देखा जा सकता है। प्रेगनेंसी के समय अल्ट्रासाउंड करवाने से आपके भ्रूण की सारी हरकतें साफ पता चलेगीं। हांलाकि अभी इस बात पर बहस चल रही है कि अल्ट्रासाउंड की किरणें शिशु के लिये अच्छी हैं या नहीं।
वहीं पर एक ठीक प्रकार से किया गया अल्ट्रासाउंड अंदर की सारी जानकारियों का खुलासा करेगा। प्रेगनेंसी के समय अल्ट्रासाउंड बहुत जरुरी है और यह उन महिलाओं के लिये तब सबसे ज्यादा जरुरी बन जाता है जब उन्हें गर्भावस्था के दौरान अंदर परेशानी होती है।
प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड स्कैन का क्या प्रयोग?
1. जिंदा भ्रूण: पहला अल्ट्रासाउंड जो किया जाता है वह केवल हार्ट बीट और भ्रूण को देखने के लिये किया जाता है। बेबी की हार्ट बीट की संख्या को प्रति मिनट के अनुसार मापा और दर्ज किया जाता है। इससे सुनिश्चित किया जाता है कि आपका बच्चा स्वस्थ्य है या नहीं।
2. भ्रूण की स्थिति: अल्ट्रासाउंड स्कैन भ्रूण यह निर्धारित करने के लिये किया जाता है कि भ्रूण सही ढंग से तैनात है कि नहीं।
3. नाल की स्थिति: अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग नाल की स्थिति पता लगाने के लिए एक उत्कृष्ट पसंद है। गर्भावस्था के दौरान नाल गर्भाशय किसी भी भाग पर हो सकता है।
4. डाउन्स सिंड्रोम: गर्भावस्था के 11-14 हफ्तों में किया गया स्कैनिंग ये देखने के लिये होता है कि कहीं बच्चे को डाउन्स सिंड्रोम होने का खतरा तो नहीं है। यह नाक की हड्डी और बच्चे की गर्दन के पीछे पर त्वचा की मोटाई की लंबाई माप कर के किया जाता है।
5. जन्म दोष: 18 से 20 सप्ताह के बीच में किया गया अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग आमतौर पर यह देखने के लिये की जाती है की कहीं बच्चे में कोई जन्म दोष तो नहीं है। साथ ही 20 सप्ताह के बाद बच्चे का लिंग भी स्पष्ट हो जाएगा। भ्रूण संरचनाओं का विकास जैसे रीढ़, अंग, मस्तिष्क और आंतरिक अंगों के रूप में इस तरह की जाँच की जाएगी।