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सुबह आने वाली कमजोरी को दूर करने के उपाय

By Aditi Pathak
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गर्भावस्‍था हर महिला के जीवन का सबसे अच्‍छा समय होता है। जब कोई महिला गर्भवती होती है तो वह हमेशा इस दुनिया में आने वाले बच्‍चे के बारे में सोचती है और उसे अपनी गोद में खिलाने वाले पलों का इंतजार करती है। लेकिन इस दौरान, महिलाओं को पूरे नौ महीने तक कई प्रकार की शारीरिक समस्‍याओं को झेलना पड़ता है। इनमें से एक समस्‍या मार्निंग सिकनेस होती है यानि गर्भवती महिलाओं को सुबह के समय मतली या उल्‍टी की समस्‍या काफी ज्‍यादा होती है।

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वाकई में देखा जाएं तो यह लक्षण, एक अच्‍छा संकेत होता है। इससे पता चलता है कि आपके गर्भ धारण करने के बाद बच्‍चे का सही विकास हो रहा है और आपके शरीर के हारमोन्‍स भी सही परिवर्तित हो रहे है। गर्भावस्‍था के दौरान महिला के शरीर में हारमोन्‍स एचसीजी, ओईस्‍ट्रोजन और थायरॉक्‍सीन उत्‍पन्‍न होते है, जिसके द्वारा बॉडी कंट्रोल में रहती है। गर्भावस्‍था के 12 से 14 वें सप्‍ताह तक मतली और उल्‍टी लगने की समस्‍या होती है, उसके बाद महिला को नॉर्मल लगने लगता है। जानिए, सुबह आने वाली कमजोरी को दूर करने के उपाय :

आराम करें

आराम करें

जब महिला गर्भवती हो, तो उसे भरपूर आराम करना चाहिये। इससे उसे और उसके बच्‍चे को आराम मिलेगा। गर्भावस्‍था में कम से कम आठ घंटे की नींद लेना चाहिये ताकि महिला का शरीर थककर टूटने न लगे। सोने से पहले सिर्फ अच्‍छा ख्‍याल मन में लाने चाहिये और मुस्‍कराकर सोना चाहिये।

आराम से सोकर उठें

आराम से सोकर उठें

गर्भावस्‍था के दौरान कभी भी हडबडाहट में नहीं उठना चाहिये, हमेशा आराम से उठना चाहिये। अपने शरीर को पर्याप्‍त आराम देने के बाद ही उठें और तापमान का ख्‍याल रखें। अगर आपका रूम गर्म है तो अचानक से सर्दी में बाहर न निकलें। इससे आपके अंदर पनप रहे बच्‍चे को किसी भी प्रकार की दिक्‍कत नहीं होगी।

अच्‍छा खाएं

अच्‍छा खाएं

गर्भावस्‍था के दौरान सुबह आने वाली मतली को दूर करने के लिए वही खाएं जो अच्‍छा लगे। ज्‍यादा तीखा या चटपटा न खाएं पर मन को अच्‍छा लगने वाला खाएं। कोशिश करें कि आप सुबह - सुबह खाली पेट, चाय या कॉफी न पिएं, वरना इससे एसिड बनने के चांस ज्‍यादा रहते है।

फीजिकल एक्टिव

फीजिकल एक्टिव

गर्भावस्‍था के दिनों में महिला को एकदम से नहीं बैठना चाहिये, उसे कुछ न कुछ करना चाहिये और फीजिकल एक्टिव रहना चाहिये ताकि उसका शरीर एकदम से स्‍थुल न हो जाएं। फीजिकल एक्टिव रहने के प्रसव के दौरान भी ज्‍यादा समस्‍या नहीं आती है।

ज्‍यादा देर कम्‍प्‍यूटर पर न बैठें

ज्‍यादा देर कम्‍प्‍यूटर पर न बैठें

गर्भावस्‍था के शुरूआत में जब महिला परेशान हो, तो उसे सुबह के दौरान कम्‍प्‍यूटर और टीवी से दूर रह चाहिये, ताकि वह ज्‍यादा ध्‍यान न लगाएं। अगर आपको काम करना ही है तो कम्‍प्‍यूटर स्‍क्रीन की ब्राइटनेस कम कर लें। फॉन्‍ट को जूम रखें और ज्‍यादा ध्‍यान लगाकर देर तक न बैठें। इससे आपको सुबह के समय होने वाली तकलीफ में आराम मिलेगी।

अदकर और लिक्विड

अदकर और लिक्विड

मतली या उल्‍टी जैसी किसी भी समस्‍या में अदरक का जूस सबसे फायदेमंद होता है। अदरक के सेवन से पेट में होने वाली लगभग सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं। गर्भावस्‍था में अदरक के जूस को आधा गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से आराम मिलता है। इससे शरीर में डिहाईड्रेशन भी दूर जाता है और महिला रिलैक्‍स हो जाती है।

English summary

Remedies to fight extreme morning sickness

Nausea is in fact a good sign; it means your pregnancy hormone levels are high allowing your baby to grow. It may actually control you but a proper rest and negating a few things from your diet can prove to be good for you. Let’s see how to fight extreme morning sickness observed during pregnancy.
Story first published: Monday, February 3, 2014, 11:30 [IST]
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