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12 की उम्र में मेरे पिता के बेस्टफ्रेंड ने मेरा रेप किया और वो चुप रहें!
बात तब की है जब मैं 12 साल की थी, हमारा परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, तभी उस शख्स को हमारी जिंदगी में आने का रास्ता मिल गया, जिसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। नादान उम्र और तकलीफो के बोझ से जहां परेशानियों से गुजर रही थी।
लेकिन उस शख्स के मेरे जीवन में आने के बाद मेरी जिंदगी भयावह हो गई, जिसने छोटी सी उम्र में मेरे अंदर से जिंदगी जीने की सारी उम्मीदें छीन ली। इसके बाद जो मेरे साथ हुआ मेरी जिंदगी नर्क से भी बदत्तर हो गई।
वो कौन था?
वो मेरे पिता का खास दोस्त था। वो पढ़ने में काफी अच्छा था, इसलिए उसने मेरे पिता को इस बात के लिए मना लिया कि वो मुझे प्राइवेट ट्यूशन के लिए उनके घर पढ़ने के लिए भेज दे।
उसने मुझे गलत नीयत से छूना शुरु कर दिया
मैं बहुत छोटी थी, भोली और बेवकूफ सी थी। इसलिए मैं जिंदगी की उन खौफनाक सच्चाइयों से वाकिफ होने जा रही थी, जिनके लिए अभी मेरी उम्र बहुत छोटी थी।
मुझे आज भी याद है कि उसके चेहरे के हावभाव कैसे बदल जाते थे, जब वो इधर उधर छूने लगता था और मुझे गलत जगह चुटकी भर देता। अब धीरे धीरे वो मुझे चूमने लगा और मुझे गलत जगह छूने लगा। मुझे अब बहुत डर लगने लगा था इसलिए मैंने अपनी मम्मी को बता दिया कि मुझे वो पसंद नहीं है। लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। मैं अभी भी वहां जा रही थी ये जानने के बाद भी वहां जाने के बाद उसके घर में मेरे साथ क्या होता है। मैं रोजाना भगवान से प्रार्थना करती थी कि वो मुझे चोट न पहुंचाए!
और एक दिन....
एक दिन उसने मेरे ऊपर बीयर की बोतल मारने की कोशिश की। जब मैं जोर से चिल्लाई। मुझे गुस्सा आ गया और मुझे एक लकड़ी का डंडा मिला मैं गुस्से में उसे मारती रही जब तक कि वो गिर नहीं गया। उसके बाद मैं भागकर घर आ गई।
मेरे पैरेंट्स ने नहीं किया मेरा विश्वास
जब मेरे पैरेंट्स घर वापस आए तो उन्होंने मुझसे उसके बारे में बताया। उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हुआ उल्टा वो मुझे उससे माफी मांगने के लिए कहने लगे, उनके दबाव में आकर मैंने उससे माफी मांग ली। उसके बाद जो उसने मेरे साथ किया उसने मेरी जिंदगी उजाड़ दी।
उसने पहली बार मेरा रेप किया
जब उसने देखा कि मेरे पैरेंट्स को मुझ पर भरोसा नहीं है तो उसकी हिम्मत बढ़ गई। उसके अगले दिन ही उसने मेरा रेप किया। और फिर उसके बाद वो रोजाना मेरा साथ रेप करता।
जब मैं 16 साल की हुई
वो मेरा रेप करता और जबरदस्ती मुझे दवाईयां खिलाता, वो फिर मुझसे जबरदस्ती करता। वो मेरे साथ तब तक करता रहा। जब तक मैं 16 साल की हुई। एक दिन मैं बहुत ही ज्यादा बीमार महसूस कर रही थी, अपने बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही थी। मेरी भयानक वाली ब्लीडिग शुरु हो गई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मेरी मां ने देखा मेरे पास खून का सैलाब बन चुका था और उन्होंने तुरंत एम्ब्युलेंस को फोन लगाया।
जब हॉस्पीटल पहुंचकर मालूम चला
अस्पताल पहुंचकर मालूम चला कि मेरी योनि बुरी तरह से चोटिल हो चुकी थी, मेरा यूटेरस बहुत बुरी तरह जख्मी हो चुका था।
मेरा मलाशय और गुदा भी बुरी तरह डेमेज हो चुके थे। डॉक्टर भी मेरी हालात देखकर बहुत हैरान थे, उन्होंने मेरे पैरेंट्स से इस बारे में पूछा भी। लेकिन संवेदनाएं खो चुके मेरे पैरेंट्स को सब कुछ मालूम होने के बावजूद भी वो चुप रहें। आज तक मैं उनके साथ रहती हूं। वो आदमी अब मर चुका है। उसे कैंसर था।
अब बदल गई मेरी जिंदगी
मैं हर सुबह उठती हूं, इंसानियत के नाते अपने पैरेंट्स के साथ रहती हूं उनका ख्याल रखती हूं। मैं आशा करती हूं कि उन्हें कभी अपने किए पर पछतावा हो। मुझे विश्वास है कि भगवान निष्पक्ष है, वो मेरे पैरेंट्स को भी सजा जरुर देंगे। क्योंकि वो चाहते तो बहुत कुछ मेरे साथ होने से रोक सकते थे।