Just In
- 53 min ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 1 hr ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 3 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 4 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- News Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में सभी 6 सीटों पर 64 फीसदी मतदान, छिंदवाड़ा जीत पाएगी बीजेपी?
- Movies VIDEO: कैटरीना कैफ ने मिसेज खान बनने का मौका दिया, सलमान खान ने भरी महफिल में उड़ाई खिल्ली
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Education ग्राफिक डिजाइन कोर्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
शादी के दिन हर दुल्हे के मन में उठते हैं ये 9 सवाल
विवाह के बारें में बहुत सी बातें कहीं और लिखी गर्इ हैं। अक्सर सारे मामलों में हम दुल्हन के सपनों के बारें में पढ़ते हैं और सुनते रहते हैं मगर दूसरी ओर हम दुल्हे को अपनी सुविधा अनुसार इससे पूरी तरह नज़रअंदाज कर देते है।
READ: अच्छा दामाद बनने के लिये पढ़ें ये टिप्स
मगर शादी ना केवल लड़कियों की ही जिंदगी बदलती है बल्कि लड़कों के जीवन को भी पूरी तहर से बदल देती है।
READ: शादी करने के बाद हर लड़की जरुर महससू करती है ये परिवर्तन
उस समय जब दुल्हा विवाह की पोशाक पहनता हैं, उसके मस्तिष्क में विचारों और भावी चिंताओं का द्वंद्व चलता रहता है। आइये, हम उन विचारों के बारें में पढ़ते हैं जो शादी के दिन दुल्हे के मन में तूफान की तरह उठते रहते हैं।
1. क्या यह लड़की मेरे लिये सही है?
विवाह की परम्पराएं निभाते समय अधिकांश दुल्हों के मन में यह विचार जरुर आता है कि जिसके साथ वो जीवन भर के लिए बंधने जा रहा है, वह उसके लिए उपयुक्त जीवन साथी होगी या नहीं। सप्ताह, महीने और कर्इ वर्ष बीत जाने पर भी उसके मन में इस विचार का द्वंद्व हमेशा चलता रहता है। विवाह संबंधी अपने अंतिम निर्णय का विश्लेषण वह हमेशा करता रहता है।
2. क्या मैनें सभी रिवाजों को ठीक से निभाया?
विवाह की अनेका रस्में होती है, जिन्हें दुल्हे को अकेले या अपनी दुल्हन के साथ निभानी रहती है। चूंकि सभी की निगाहें उस पर टिकी रहती है, इसलिए वह चाहता है कि वह हर अगला कदम सही ढंग से उठायें। जैसे-जैसे विवाह का मुहूर्त नज़दीक आता है, तब वह सारी रस्मों को पूरी करने के लिए थोड़ा सचेत रहता है। दुल्हन के घर से ढे़रों मेहमान उसे देखने आते हैं, तब अपना प्रभाव उन पर जमाने का वह अच्छा मौका होता है।
3. सालियों को कितने पैसे देने पड़ेंगे?
विवाह स्थल से ले कर जूता छुपाने की रस्म निभाने तक दुल्हें को अपनी सालियों को नेग देने के लिए बहुत सारे रुपयों की जरुरत होती हैं। खैर, मनोरंजन से भरपूर इन रस्मों से दुल्हे को आनन्द की अनुभूति होती है और वह चाहता है इसके लिए वह पर्याप्त धन राशि उन्हें भेंट दें। दुल्हन की ओर से जो कुछ किया जाता है वह काफी प्रभावी होता है और वह नहीं चाहता है कि वह भी उनके सामने अपने आपको दिवालियां या कंजूस घोषित करें।
4. मुझे आशा है कि मैं भी सुंदर दिख रहा हूं
दुल्हन की तरह उसके लिए भी वह जीवन का बड़ा दिन होता है। वह भी चाहता है कि उस दिन वह भी अच्छा दिखार्इ दें। चाहे वह शेरवानी पहने, सूट पहने या अन्य पोषाक पर सबकुछ ऐसा होना चाहिये कि फैशन के प्रति उसकी जागरुकता और उसके प्रभावी व्यक्तित्व की अमीट छाप पड़ जाय।
5. मैं खर्चों का प्रबन्धन कैसे करुंगा ?
यह कहने में कोर्इ संकोच नहीं होगा कि विवाह के बाद वित्तीय जिम्मेदारियां बढ़ जाती है। यदि उसकी पत्नी भी कमाती है, फिर भी हमारी सामाजिक मान्यता के अनुसार परिवार का वित्तीय भार और परिवार की सुरक्षा के लिए उसे ही जिम्मेदार माना जाता है। कल्पना कीजिये कि सारी बड़ी जिम्मेदारियां उसे विवाह के दूसरे दिन ही ओढ़नी पड़ जाय, तब उसके मन पर क्या बीतती है, इसका अनुमान ही लगाया जा सकता है। अत: एक समझदार युगल की तरह आपको मिल बैठ कर खर्चे से संबंधित योजनाएं कैसे बनानी जाय, इस पर विचार करना चाहिय, ताकि आज से ही जिंदगी के अच्छे दिन खुशी से व्यतीत किये जा सकें।
6. क्या ये मेरे परिवार के साथ एडजस्ट हो पाएगी?
यह सम्भव है कि दो परिवारों की परम्पराएं एक जैसी हो सकती है, किन्तु वे समान कभी नहीं होती। और जब पत्नी उसके जीवन में और साथ ही उसके घर में प्रवेश करती है, तब दुल्हें को इन परम्पराओं को ले कर थोड़ी सी परेशानी हो सकती है। अंतत: यह उसकी जिम्मेदारी है कि दो परिवारों की परम्पराओं के बीच जो भी अन्तर है, उसकी पूर्ति वह स्वयं करें
7. मुझे आशा है कि मैं एक अच्छा पति बनूंगा
हम सभी का जीवन में यह उद्धेश्य होता है कि हम एक अच्छी जिंदगी जिएं। हमें जीवन में एक पति, भार्इ और मित्र का जो रोल निभाने के लिए मिले ,उसे अच्छी तरह निभाना चाहिये। इसी तरह एक दुल्हा हमेशा यह इच्छा करता है कि वह एक अच्छा पति बनें। और जब एक पति बनने में कुछ ही घंटे बाकी रहते हैं, तब उसके मस्तिष्क में अपनी भावी पत्नी को हमेशा खुश और संतुष्ट रखने के कर्इ विचार आौर योजनाएं आती रहती हैं।
8. क्या मैं सब कुछ सही से कर पाऊंगा?
सम्भवत: आप यह सोचते होंगे कि शादी के बाद की प्रथम रात्रि केवल दुल्हन के लिए हीं चिंताजनक होती है, परन्तु ऐसा नहीं है- दुल्हा भी समान रुप से इस बारें में परेशान रहता है। उस दिन उसे अपने जीवन साथी को अपना परिचय पुन: देना रहता है, जिसे भावी वैवाहिक जीवन की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन वह ऐसी कोर्इ गलती नहीं करना चाहता है, जिससे कोर्इ बुरा प्रभाव पड़े। अत: ऐसे विचार उसके मन में आना स्वाभाविक है।
9. अब हनीमून के लिए और ज्यादा इंतजार नहीं हो रहा
विवाह के बाद अपनी पत्नी के साथ प्रथम मिलन की उत्कंठा दुल्हे मन में रहती है, किन्तु कर्इ वैवाहिक रस्मों रिवाज निभाने के कारण उन क्षणों के लिए युगल को इंतज़ार करना रहता है। अत: जीवन में जब वह बहुप्रतिक्षित विशेष दिन आता है, तब हनीमून को ले कर मन में जो भी विचार उठते हैं, उन्हें शादी के दिन नहीं रोका जा सकता।