Just In
- 38 min ago Boyfriend को दिनभर में करती थी 100 बार फोन, पता चला Love brain बीमारी से जूझ रही हैं गर्लफ्रेंड
- 1 hr ago तपती गर्मी में झटपट इस तरह बनाएं वाटरमेलन जूस, यह रही रेसिपी
- 2 hrs ago Vastu Tips: कर्ज के जंजाल में बुरी तरह फंस चुके हैं आप, तो इन वास्तु उपायों की जल्द लें मदद
- 4 hrs ago पिछले 5 सालों से OMAD डाइट पर हैं ये एक्टर, इनकी उम्र सुन चौंक जाएंगे आप!
Don't Miss
- News Lok Sabha Chunav 2024: ओवैसी ने राहुल से की सीक्रेट डील? UP में AIMIM के चुनाव नहीं लड़ने को लेकर बड़ा दावा
- Finance Pradhan Mantri Awas Yojana घर बनाने का ख्वाब होगा पूरा, जानिए क्या है ये स्कीम
- Technology Whatsapp में हुई PassKey फीचर की एंट्री, बिना पासवर्ड कर सकेंगे लॉग-इन
- Movies Tamannaah Bhatia पर पुलिस ने कसा शिकंजा, इस मामले में भेजा एक्ट्रेस को भेजा समन
- Automobiles Jeep Wrangler Facelift Review Video : जानें पहले से कितनी बदल गई नई ऑफ-रोडर SUV? डिजाइन में हुए ये अपडेट
- Education JEE Advanced 2024 के लिए 2.50 लाख छात्र हुए क्वालिफाई, देखें श्रेणी-वार उम्मीदवारों की सूची
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
कत्थे से दूर करें बीमारियां, जानिये इसके औषधीय प्रयोग
अगर आप पान खाने के शौकीन हैं तो कत्थे के बारे में भी जरुर जानते होंगे। कत्थई रंग के दिखने वाले इस कत्थे के बिना, पान कभी स्वाद नहीं दे सकता। पर क्या आप जानते हैं कि पान में लगाया जाने वाला कत्था औषधीय गुणों से भरा होता है?
READ: जानिये पान खाने से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं दूर
कत्था, खैर के वृक्ष की लकड़ी से निकाला जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कत्था, ठंडा, कडुवा, तीखा व कसैला होता है। यह कुष्ठ रोग, मुख रोग, मोटापा, खांसी, चोट, घाव, रक्त पित्त आदि को दूर करता है।
मगर हां, कत्थे का अधिक सेवन करने से नपुंसकता भी हो सकती है। इसके अलावा कत्थे के अधिक सेवन से किड़नी स्टोन भी बनता है। इसलिये कत्थे का चूर्ण 1 से 3 ग्राम तक ही प्रयोग करें। अब आइये जानते हैं कि कत्था किस तहर से रूप-रंग निखार कर हमें बेहतर स्वास्थ प्रदान कर सकता है।
READ: हर तरह की बीमारी के लिये गुणकारी है शिलाजीत
ध्यान रखें: सफेद कत्था औषधि और लाल कत्था पान में प्रयोग किया जाता है। पान में लगाया जाने वाला कत्था बीमारियों को दूर करने के लिये पय्रोग ना करें।
मलेरिया का बुखार
मेलरिया के बुखार के लिये सफे इसके सेवन के बराबर की गोलियां बना लें। इसकी एक गोली खाएं, आपको बुखार नहीं आएगा। यह गोली बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को ना दें।
दांतों की बीमारी
कत्थे को मंजन में मिला कर दांतों व मसूढ़ों पर रोज सुबह शाम मलने से दांत के सारे रोग दूर होते हैं।
दांतों के कीड़े
कत्थे को सरसों के तेल में घोल कर रोजाना 3 से 3 बार मसूढ़ों पर मलें। इससे खून आना तथा बदबू आनी दूर हो जाएगी।
खट्टी डकार
300 से 700 मिली ग्राम कत्था का सुबह शाम सेवन करने से खट्टी डकार बंद हो जाती है।
दस्त
पत्थे को पका कर प्रयोग करने से दस्त बंद होता है। साथ ही इसके प्रयोग से पाचन शक्ति भी ठीक होती है। इसका 300 से 700 मिली ग्राम की मात्रा तक प्रयोग करें।
बवासीर
सफेद कत्था, बड़ी सुपानी और नीलाथोथा बराबर मात्रा में लें। पहले सुपारी व नीलाथोथा को आग पर भून लें और फिर इस में कत्थे को मिला कर पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को मक्खन में मिला कर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को रोज सुबह-शाम शौच के बाद 8 से 10 दिन तक मस्सों प लगाने से मस्से सूख जाते हैं।
गले की खराश
300 मिलीग्राम कत्थे का चूर्ण मुंह में रख कर चूसने से गला बैठना, आवाज रूकना, गले की खराश और छाले आदि दूर हो जाते हैं। इसका दिन में 5 से 6 बार प्रयोग करना चाहिये।
खांसी
दिन में तीन बार कत्था, हल्दी और मिश्री 1-1 ग्राम की मात्रा में मिलाकर चूसने से खांसी दूर होती है।
कान दर्द
सफेद कत्थे को पीस कर गुनगुने पानी में मिला कर कानों में डालने से कान दर्द दूर होता है।
कुष्ठ रोग
कत्थे के काढ़े को पानी में मिलाकर प्रति दिन नहाने से कुष्ठ रोग ठीक होता है।
घाव
यदि घाव में से पस निकल रहा हो तो कत्थे को घाव पर बुरकने से पस निकलना बंद हो जाता है तथा घाव सूखने लगता है।
योनि की जलन और खुजली
5 ग्राम की मात्रा में कत्था, विण्डग और हल्दी ले कर पानी के साथ पीस कर योनि पर लगाएं। इससे खुजली और जलन दोनों ठीक हो जाएगी।