For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

मन की शांति और सुकून के लिये करें सुखासन

|

अगर आप योगा करते हैं तो आपको पता होगा कि सुखासन करना कितना आसान होता है। जो लोग सुखासन करते हैं उनका मन एक दम शांत हो जाता है। चित्त की एकाग्रता से धारणा सिद्ध होती है। यह योग श्वास प्रश्वास और ध्यान पर आधारित है। यह योगा की सबसे आसान विधि है इसलिए इसे सुखासन के नाम से जानते हैं। इसको करने से घुटने 90 डिग्री मुडते हैं, जिससे उन्‍हें दर्द से आराम मिलता है। यह आसान प्रणायाम करने से पहले किया जाता है।

सुखासन से पैरों का रक्त-संचार कम हो जाता है और अतिरिक्त रक्त अन्य अंगों की ओर संचारित होने लगता है जिससे उनमें क्रियाशीलता बढ़ती है। यह तनाव हटाकर चित्त को एकाग्र कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। छाती और पैर मजबूत बनते हैं। वीर्य रक्षा में भी मदद मिलती है तथा रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है।

Yoga Pose: Sukhasana

कैसे करें सुखासन

  • इस योगा को करते वक्‍त आपका सिर और गर्दन एक सीध में होना चाहिये।
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा कर के बैठें और उसे बिल्‍कुल भी ना मोड़े।
  • अपने दोनों पैरों को तिरछा मोड़ कर बैठें और दोनों हाथों को अपने पैरों पर रखें।
  • इससे आपके चयपाचय क्रिया ठीक रहती है।

सावधानियां -
पैरों में किसी भी प्रकार का अत्यधिक कष्ट हो तो यह आसन न करें। साइटिका अथवा रीढ़ के निचले भाग के आसपास किसी प्रकार का दर्द हो या घुटने की गंभीर बीमारी में इसका अभ्यास न करें।

English summary

Yoga Pose: Sukhasana

The name comes from the Sanskrit words Sukha meaning "pleasure", and Asana (आसन, Āsana) meaning "posture" or "seat".
Story first published: Saturday, December 7, 2013, 11:34 [IST]
Desktop Bottom Promotion