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हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई से बचाव के तरीके
हेपेटाइटिस बैक्टीरिया के फैलने वाला इंफेक्शन है, जो सीधे तौर पर लीवर में इंफेक्शन फैलता है। इसमें लीवर को हानी होने के बाद रिकवर होना मुश्किल हो जाता है। हेपेटाइटिस पांच प्रकार के होते हैं, हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई। फिलहाल दुनिया में सबसे ज्यादा लोग हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी के शिकार हैं। इस बीमारी की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि इसका पता जल्दी नहीं लगता और न ही कोई खास लक्षण नजर आते हैं जैसा की कैंसर में होता है। डॉक्टर इस बीमारी के कुछ लक्षण इस प्रकार मानते हैं - बॉडी और आंखों में पीलापन, पेशाब का रंग पीला होना, थकावट, उल्टी और पेट दर्द। बरसात में होने वाले फ्लू को रोकने के लिए 8 आसान नुस्खे
इसके
अलावा
असुरक्षित
यौन
संबंध
बनाने
से
भी
ये
रोग
फैलता
है।
कुछ
केस
में
ये
मां
से
होने
वाले
बच्चे
में
भी
हो
जाता
है
लेकिन
जरूरी
नहीं
सभी
बच्चों
को
ये
रोग
हो।
अगर
मां
इस
रोग
से
ग्रस्त
है
तो
उचित
इलाज
की
मदद
से
बच्चे
में
ये
रोग
होने
से
रोका
जा
सकता
है।
हेपेटाइटिस ए से बचाव :
- शौच के बाद अपने हाथ साबुन से धो लें
- तुरंत पका हुआ ही भोजन खाएं
- उबला हुआ पानी या बोतल बंद पानी ही पिएं
- छील कर खाने वाले फल ही खाए
- जितना हो सके कच्ची सब्जियों का सेवन करें
- हेपेटाइटिस ए का इंजेक्शन लगवा लें अगर आप ऐसी जगह जा रहे है जहाँ हेपेटाइटिस ए का खतरा है।
हैपेटाइटिस बी से बचाव :
- सुरक्षित यौन संबंध
- आपने साथी को सूचित करें या उससे पूछें कि कही वह हैपेटाइटिस बी से ग्रसित तो नहीं
- ऐसी सिरिंज का प्रयोग करें जिसका पहले प्रयोग ना किया गया हो
- टूथब्रश, छुरा, या मैनीक्योर किसी के साथ शेयर न करें
- हेपेटाइटिस बी के इंजेक्शन लगवाएं अगर आपको कोई खतरा मेहसूस हो रहा हो तो
- किसी भी तरह के टैटू और पियर्सिंग करवाने से पहले इक्विप्मन्ट अच्छे से जाँच लें
हेपेटाइटिस सी से बचाव :
- अपने घाव को खुला ना छोड़
- शराब पीना कम कर दें
- दवाई के उपकरण को शेयर न करें
- आपकी त्वचा में अगर पियर्सिंग या टैटू करवायें तो यह देख लें कि उपकरण अच्छे से साफ हों।
हेपेटाइटिस डी से बचाव : से संक्रमित है, जो व्यक्ति हेपेटाइटिस बी से संक्रमित वही हैपेटाइटिस डी से भी संक्रमित हो सकता है। इसलिए हेपेटाइटिस डी के लिए हेपेटाइटिस बी के ही दिशा निर्देशों का प्रयोग करें।
हेपेटाइटिस ई से बचाव : हेपेटाइटिस ई से संक्रमित लोगों के लिए हेपेटाइटिस ए के ही दिशा निर्देशों का पालन करें