Just In
- 1 min ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 1 hr ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- 2 hrs ago नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
- 4 hrs ago Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
Don't Miss
- News दक्षिण चीन सागर में आज से भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती! चीन के दुश्मन के हाथ होगा आज का 'ब्रह्मास्त्र'
- Education JAC 10th Result Marksheet Download: झारखंड बोर्ड 10वीं मार्कशीट कैसे डाउनलोड करें?
- Movies Loksabha Elections 2024: रजनीकांत से लेकर विजय तक, इन सितारों ने आम लोगों संग लाइन में खड़े होकर डाले वोट
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल
- Automobiles नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- Technology Samsung Galaxy M35 भारत में 6000mAh बैटरी के साथ होगा लॉन्च, यहां जानें सबकुछ
- Finance Bangalore के लोगों को मिल सकती है चिलचिलाती गर्मी से राहत, आज हो सकती है तेज बारिश
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
पद्मासन करने के लाभ और विधि
पद्मासन को अंग्रेजी में लोटस पोज भी कहते हैं। यह आसन पेट को दुरुस्त और दिमाग की एकाग्रता बढाने के लिये लाभकारी माना जाता है। इसे पद्मासन इसलिये कहते हैं क्योंकि इस आसन में बैठने के बाद हमारी मुद्रा बिल्कुल कमल की भांति बन जाती है। इसलिए इसे कमलासन भी कहते हैं। इस आसन को करना बड़ा ही आसान है, इसलिये आप इसे बिस्तर पर बैठे - बैठे भी कर सकते हैं। यह आसन मन को प्रसन्न करता है तथा चिंता को दूर कर एकाग्रता के प्राप्ति में लाभकारी होता है। गर्दन में दर्द रहता है तो करें ये आसन
पुराने जमाने में योगी और ऋषिमुनि आदि इसी आसन में बैठ कर अपना ध्यान लगया करते थे। यह आसान उन लोगों को नहीं करना चाहिये जिसके पैरों में दर्द हो। साइटिका अथवा रीढ़ के निचले भाग के आसपास किसी प्रकार का दर्द हो या घुटने की गंभीर बीमारी में इसका अभ्यास न करें। एक बात जरुर ध्यान रखें कि पैरों में किसी भी प्रकार का अत्यधिक कष्ट हो तो यह आसन न करें। आँखे दीर्घ काल तक खुली रहने से आँखों की तरलता नष्ट होकर उनमें विकार पैदा हो जाने की संभावना रहती है।
विधि: जमीन पर बैठकर बाएँ पैर की एड़ी को दाईं जंघा पर इस प्रकार रखते हैं कि एड़ी नाभि के पास आ जाएँ। इसके बाद दाएँ पाँव को उठाकर बाईं जंघा पर इस प्रकार रखें कि दोनों एड़ियाँ नाभि के पास आपस में मिल जाएँ।
मेरुदण्ड सहित कमर से ऊपरी भाग को पूर्णतया सीधा रखें। ध्यान रहे कि दोनों घुटने जमीन से उठने न पाएँ। तत्पश्चात दोनों हाथों की हथेलियों को गोद में रखते हुए स्थिर रहें। इसको पुनः पाँव बदलकर भी करना चाहिए। फिर दृष्टि को नासाग्रभाग पर स्थिर करके शांत बैठ जाएँ।
लाभ :
- पद्मासन करने से हमारी रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रहती है यानी पॉश्चर सुधरता है।
- कुछ देर पद्मासन में बैठने के बाद आसन खोलने पर जोड़ों में रक्त का प्रवाह तेज़ हो जाता है।
- जमा विषैले पदार्थ और संक्रमण खून के तेज़ प्रवाह के साथ बह जाते हैं जिससे बीमारियों का ख़तरा कम हो जाता है।
- माहवारी की तकलीफों को दूर करने में सहायक है।
- यह आसन लगाने से रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से पर जो प्रभाव पड़ता है, वह पूरे तंत्रिका तंत्र के लिए आरामदायक होता है।
- पद्मासन से एकाग्रता बढ़ती है।