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कंधे और रीढ़ की हड्डी मजबूत बनाए वीरभ्रदासन I

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वीरभद्रासन की तीन विधियां होती हैं, लेकिन आज हम आपको इसकी पहली विधि की जानकारी देगें। इस आसन को करने के अनेको लाभ हैं जैसे, यह आसान आपके बाजुओं, कंधे, जांघ और रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करने का कार्य करता है।

इस आसन का नाम वीरभद्र, जो कि एक शक्‍तिशाली योद्धा थे, उन्‍हीं के ऊपर ही रखा गया है। वीरभद्र भगवान शिव के अवतार थे। वीरभद्र की कहानी जीवन के अनमोल मुल्‍यों को सिखाती है।

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शुरआत में इस आसन को करने में थोड़ी दिक्‍कत आती है क्‍योंकि पैरों को बैलेंस करना थोड़ा मुश्‍किल होता है, लेकिन नियमित अभ्‍यास से ये काम भी हो जाता है। अब आइये जनाते हैं वीरभ्रदासन 1 करने की विधि।

Benefits Of Warrior I (Virabhadrasana) Pose

करने की विधि -
सबसे पहले अपने दोनों पैरों पर सीधे खड़े हो जाएं। ध्यान रहे कि दोनों पैरों के बीच कम से कम 3 से 4 फीट की दूरी रहे। अब अपने बाएं पैर को सीधा रखें, इसे हल्का बाएं ओर ही घुमाए रखें। दाएं पैर को थोड़ा आगे बढ़ाएं और इसके बाद दोनों पैरों को ठीक उतना ही मोड़ें जितना तस्वीर में नजर आ रहा है। अपने हाथों को नमस्‍ते का आकार देते हुए ऊपर की ओर रखें। थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें और दोबारा इसी क्रिया को करें।

सावधानियां-
वे लोग जिन्‍हें हाई ब्‍लडप्रेशर, हार्ट समस्‍या, कंधे में दर्द, गर्दन में दर्द आदि है उन्‍हें इसे बड़ी ही सावधानी के साथ करना चाहिये।

English summary

Benefits Of Warrior I (Virabhadrasana) Pose

The asana is pronounced as Vee- Ra- Bha- Dra-aasana. Benefits Of Warrior I (Virabhadrasana) Pose is that it strengthens the arms, shoulders, thighs and back muscles, all in one go.
Story first published: Monday, November 2, 2015, 15:17 [IST]
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