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जानिये छींक को कभी क्यों नहीं रोकना चाहिये
छींक शरीर में प्रवेश करने वाले संक्रमण से बचने का एक प्राकृतिक तरीका है। जब हम छींकते हैं तो शरीर में प्रवेश करने का प्रयत्न करने वाले बैक्टीरिया या हानिकारक कण 160 किमी./घंटा की गति से बाहर आ जाते हैं। इस प्रकार छींक आपको गंभीर संक्रमण से बचाती है। लोगों के बीच छींकने से न केवल छींकने वाला व्यक्ति असुविधाजनक महसूस करता है बल्कि उसके आसपास के लोगों को भी इससे तकलीफ होती है। यही कारण है कि जब हम छींकते हैं तो “एक्सक्यूज़ मी” कहते हैं।
हालाँकि क्या कभी आपने सोचा है कि जब आप छींकते हैं तो सामने वाला व्यक्ति “गॉड ब्लेस यू” क्यों बोलता है। इसका कारण यह है कि यदि हम छींक को रोकते हैं तो हमारी जान भी खतरे में आ सकती है। जी हाँ, यह सच हैं।
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छींक को कभी भी रोकने की कोशिश न करें क्योंकि इससे आपके शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है। छींक रोकने से जो दबाव आता है वह शरीर के अन्य अंगों जैसे कान, ब्रेन, गर्दन, डायफ्राम आदि को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। छींक को रोकने से होने वाले स्वास्थ्य को होने वाले नुकसानों के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें। तो अगली बार जब छींक आए तो उसे रोकने का प्रयत्न न करें।
छींक को रोकना नुकसान दायक क्यों है?
छींक के कारण नाक से 160 किमी./घंटा की गति से हवा निकलती है। जब आप छींक को रोकते हैं तो यह दबाव शरीर के अन्य भागों की ओर चला जाता है जिसके कारण ईयरड्रम फट सकता है और आपको सुनाई देना बंद हो सकता है। छींक को रोकने से अन्य कई नुकसान भी हो सकते हैं। छींक शरीर में प्रवेश करने वाले कई हानिकारक बैक्टीरिया को रोकने का काम भी करती है। यदि आप अपनी छींक रोकते हैं तो ये रोगाणु शरीर के अंदर ही रह जाते हैं और बीमारी का कारण बनते हैं।
छींक
रोकने
से
होने
वाले
अन्य
नुकसान
जब
आप
अपनी
छींक
रोकते
हैं
तो
हवा
अंदर
ही
रह
जाती
है
जिसके
कारण
आँखों
को
नुकसान
हो
सकता
है
क्योंकि
बढे
हुए
दबाव
के
कारण
आँखों
की
रक्त
केशिकाओं
को
नुकसान
पहुँच
सकता
है
तथा
आप
सुनने
की
क्षमता
भी
खो
सकते
हैं।
इसके
कारण
गरदन
में
भी
तकलीफ
हो
सकती
है
तथा
डायफ्राम
को
भी
नुकसान
पहुँच
सकता
है।
कुछ
मामलों
में
मस्तिष्क
की
नस
भी
फट
सकती
है।
हम
छीन
कब
रोकते
हैं?
जब
हम
किसी
सार्वजनिक
स्थान
पर
या
ऐसे
स्थान
पर
होते
हैं
जहाँ
छींकना
लज्जाजनक
हो
सकता
है
वहां
हम
अपनी
छींक
को
रोकते
हैं।
छींक
को
रोकना
दिखने
में
बहुत
अच्छा
और
सभ्य
लगता
है
क्योंकि
इससे
दूसरों
का
बचाव
होता
है।
हालाँकि
यह
आपके
स्वास्थ्य
के
लिए
अच्छा
नहीं
होता।
छींक
को
कभी
भी
न
रोकें
क्योंकि
इससे
जान
को
खतरा
हो
सकता
है।
यदि
आपको
छींकने
में
शर्म
महसूस
हो
रही
हो
तो
अपनी
नाक
पर
रुमाल
रख
लें
तथा
फिर
छींकें।
आप
छींकने
का
तरीका
भी
बदल
सकते
हैं
जैसे
बहुत
धीमी
आवाज़
में
छींके।
आप
अपने
हाथ
से
भी
नाक
और
मुंह
को
ढंक
सकते
हैं।
इस
प्रकार
से
आप
महसूस
करेंगे
कि
आपका
छींकने
का
तरीका
अनुचित
नहीं
है।