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सोरायसिस के इलाज के लिए ओलिव ऑयल का ऐसे करें इस्तेमाल
ओलिव ऑयल के अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं। क्या आप जानते हैं कि इसका इस्तेमाल त्वचा संबंधी रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है? यह सोरायसिस के इलाज के लिए भी बहुत प्रभावी है।
ओलिव ऑयल के अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं। क्या आप जानते हैं कि इसका इस्तेमाल त्वचा संबंधी रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है? यह सोरायसिस के इलाज के लिए भी बहुत प्रभावी है।
सोरायसिस स्किन से जुड़ा रोग है। इस रोग के सर्दियों के मौसम में होने के ज्यादा चांस होते हैं। इसमें त्वचा पर लाल रंग के दाग धब्बे पड़ जाते हैं।
ये धब्बे हाथ, पैर, कोहनी, घुटनों और पीठ पर सबसे अधिक होते हैं। चूंकि इस रोग का कोई इलाज नहीं इसलिए सुरक्षा ही बचाव है। डॉक्टर जयश्री शरद कुछ सुझाव आपको दे रही हैं जिनके जरिए आप इसे होने से रोक सकते हैं।
ओलिव ऑयल ही क्यों?
ओलिव
ऑयल
चार
तरह
के
होते
हैं-
एक्स्ट्रा
वर्जिन
ओलिव
ऑयल,
वर्जिन
ओलिव
ऑयल,
रिफाइंड
ओलिव
ऑयल
और
प्योर
ओलिव
ऑयल.
सोरायसिस
के
इलाज
के
लिए
एक्स्ट्रा
वर्जिन
ऑयल
का
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
इस
तेल
का
त्वचा
के
प्रभावित
हिस्से
पर
एक
सुखदायक
प्रभाव
पड़ता
है
और
यह
स्किन
न्यूरॉरिज़र
के
रूप
में
भी
काम
करता
है।
इसका
ऐसे
करें
इस्तेमाल
तेल
को
थोड़ा
गर्म
कर
लें
उसके
बाद
एक
कॉटन
की
बॉल
से
प्रभावित
हिस्से
पर
लगाएं.
बीस
मिनट
बाद
हिस्से
को
धो
लें
और
उसके
बाद
अतिरिक्त
तेल
को
साफ
कर
लें।
इस
प्रक्रिया
को
नियमित
रूप
से
दोहराया
जाना
चाहिए।
ओलिव ऑयल और मिल्क-
मिल्क एक बेहतर स्किन मोश्चर है। दूध में लैक्टिक एसिड की उपस्थिति कई प्रकार की त्वचा रोगों के उपचार के लिए सहायक है। ओलिव ऑयल और दूध का मिश्रण स्किन के लिए बेहतर है। इसे ऐसे करें इस्तेमाल- अपने बाथ तब में दूध और जैतून का तेल डालकर बीस मिनट तक छोड़ दें। धीरे-धीरे प्रभावित हिस्से की मसाज करें।
ओलिव ऑयल और चीनी-
चीनी का स्किन पर बेहतर प्रभाव पड़ता है। यह स्किन को सोफ्ट करती है और रोम छिद्रों को बंद किये बिना स्किन को फ्रेश करता है। इसके अलावा यह स्किन को ड्राई करने से बचाता है।
इसका ऐसा करें इस्तेमाल- जैतून का तेल और चीनी को बराबर मात्रा में मिलाकर इसे त्वचा के पैच पर लगाने से सकारात्मक परिणाम मिलेगा। इसके बाद क्षेत्र को गुनगुने पानी से साफ करना चाहिए। बाद में कुछ मॉइस्चराइज़र लगा लें।
ओलिव ऑयल और टी ट्री ऑयल-
टी ट्री ऑयल का त्वचा पर बेहतर प्रभाव पड़ता है। इस तेल के जीवाणुरोधी, रोगाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक और एंटी-इन्फ्लॉमरेटरी गुण सोरायसिस के लक्षणों को कम करते हैं।
ऐसे करें इसका इस्तेमाल- नहाने से पहले पानी में 1 और 10 के अनुपात में टी ट्री ऑयल और ओलिव ऑयल मिला लें। इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इसके आधे घंटे बाद गुनगुने पानी से धो लें। इसे क्रिया को नहाने से पहले दोहराएं।