Just In
- 47 min ago Vastu Tips: कर्ज के जंजाल में बुरी तरह फंस चुके हैं आप, तो इन वास्तु उपायों की जल्द लें मदद
- 2 hrs ago पिछले 5 सालों से OMAD डाइट पर हैं ये एक्टर, इनकी उम्र सुन चौंक जाएंगे आप!
- 3 hrs ago केक में सैकरीन की मिलावट से गई पटियाला में बच्ची की जान, कितना खतरनाक हैं ये आर्टिफिशियल स्वीट्नर?
- 6 hrs ago World Malaria Day Slogans and Quotes: इन संदेशों के साथ अपनों को करें मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक
Don't Miss
- Education JEE Advanced 2024 के लिए 2.50 लाख छात्र हुए क्वालिफाई, देखें श्रेणी-वार उम्मीदवारों की सूची
- News Vivek Bindra Case: फिर बढ़ी संदीप माहेश्वरी की मुश्किल, कोर्ट ने इस मामले में भेजा नोटिस, 28 मई को पेशी
- Technology Elon Musk लॉन्च करेंगे नया ऐप, YouTube से होगा मुकाबला
- Automobiles Jeep Wrangler Facelift Review : चलाने में कैसी है ऑफ-रोडर SUV? नए डिजाइन और परफॉर्मेंस के साथ हुए ये बदलाव
- Finance Heat Stroke Symptoms : हीट स्ट्रोक के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, नहीं तो खड़ी हो जाएगी गंभीर बीमारी
- Movies 'डिंपल कपाड़िया के बच्चे आपके हैं या ऋषि कपूर के..?' जब राजेश खन्ना की बदतमीजी पर इस हसीना ने दिया जवाब..
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
जानिये क्या है जेनाइटल और ओरल हर्पीस, और इससे बचने के घरेलू उपाय
हर्पीस क्या है : हर्पीस दो व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से आसानी से फैल सकता है। जेनाइटल हर्पीस यौन संबंध बनाने से फैलता है जबकि ओरल हर्पीस मुंह के संपर्क में आने में आने से फैलता है।
हर्पीस होने पर होंठ, मुंह के आसपास, जननांगों और गुदा मार्ग में छोटे-छोटे छाले पड़ जाते हैं। यह इसका सबसे सामान्य लक्षण है।
इसके इन्फेक्शन से बचने के लिए हर्पीस से पीड़ित व्यक्ति से ओरल कॉन्टैक्ट नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा उनके सामानों जैसे लिपस्टिक का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
इसके अलावा जेनाइटल हर्पीस से पीड़ित व्यक्ति से यौन संबध बनाने से बचना चाहिए। कंडोम का इस्तेमाल करने से यह खतरा कम हो सकता है। लेकिन इसके बाद भी कुछ जगहों पर छाले पड़ सकते हैं। इस आर्टिकल में हम हर्पीस के प्राकृतिक उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं।
एमिनो एसिड :
आर्जिनिन और लाइसिन जैसे एमीनो एसिड युक्त भोजन करने से हर्पीस के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके अलावा फूलगोभी, ब्रोकली, बीट और आलू जैसी सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट जैसे दही और पनीर, सेब, अंजीर और नाशपाती आदि फलों में एमीनो एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। हर्पीस से बचने का यह सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।
विटामिन इ :
विटामिन ई कोल्ड सोर के घावों को काफी तेजी से ठीक करता है। इसके अलावा यह दर्द से भी राहत देता है। हर्पीस के इलाज के लिए यह सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार है।
लेमन बाम :
लेमन में पाए जाने वाला ऑयल हर्पीस के वायरस को खत्म कर देता है। स्टडी में भी साबित हो चुका है कि नीबू की पत्तियों के अर्क से बने बाम लगाने से थोड़े ही समय में हर्पीस का इन्फेक्शन ठीक हो जाता है। इसके अलावा यह संक्रमण को फैलने से बचाता है और खुजली, जलन, झुनझुनी और सूजन को कम करता है।
बी ग्लू :
मधुमक्खी का ग्लू या प्रोपोलिस एक ऐसा रेजीन है जिसे मधुमक्खियां अपना छत्ता बनाने के लिए उपयोग करती हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में फ्लेवोनोइड होता है। इसका यह गुण हर्पीस के कारण यौन अंगों में हुए छाले के इलाज में काफी प्रभावी है। इसलिए मधुमक्खी के ग्लू का प्रयोग हर्पीज के इलाज में किया जाता है।
लिकोरिस :
लिकोरिस में ग्लाइसीरीजिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हर्पीस के वायरस को नष्ट करता है। इसलिए प्रभावित जगहों पर लिकोरिस लगाने से इन्फेक्शन ठीक हो जाता है। हर्पीस को ठीक करने का यह सबसे अच्छा प्राकृतिक इलाज है।
गर्म पानी से नहायें :
वार्म बॉथ लेने से जेनाइल हर्पीस में राहत मिलता है। रोजाना नहाने से खुजली की समस्या नहीं होती है। नहाने के पानी में दो कप ग्राउंड ओटमील या आधा कप बेकिंग सोडा मिलाने से हर्पीस का इन्फेक्शन दूर हो जाता है।