Just In
- 27 min ago केक में सैकरीन की मिलावट से गई पटियाला में बच्ची की जान, कितना खतरनाक हैं ये आर्टिफिशियल स्वीट्नर?
- 3 hrs ago World Malaria Day Slogans and Quotes: इन संदेशों के साथ अपनों को करें मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक
- 12 hrs ago Nitin Gadkari Health : पहले भी कई दफा बेहोश हो चुके हैं नितिन गडकरी, कहीं शुगर तो वजह नहीं?
- 13 hrs ago Cow Dreams Meaning: सपने में गाय देखना शुभ या अशुभ, जानें क्या कहता है स्वप्न शास्त्र
Don't Miss
- Finance OPINION: राज्य हित, देश हित के साथ विश्व कल्याण की सोच रखती है हरियाणा सरकार
- Movies Viral Video- रशियन लड़की ने भोजपुरी गाने पर लगाए ठुमके, इंडिया गेट से वायरल हुआ मजेदार वीडियो!
- News RCB vs SRH: आरसीबी-सनराइजर्स हैदराबाद के बीच जोरदार टक्कर आज, जानिए पिच और वेदर रिपोर्ट
- Education JEE Main Topper List 2024: 56 छात्रों को मिला 100 NTA Score, देखें छात्रों की पूरी सूची, JEE Result सीधा लिंक
- Technology OPPO Find X7 Ultra Camera Deep-Dive: स्मार्टफोन पर फोटोग्राफी की सीमाओं को आगे बढ़ाने का नया उपाय
- Automobiles मिडिल क्लास की पसंदीदा है Hero की ये बाइक, कीमत सिर्फ 75 हजार रुपये, माइलेज भी है शानदार..
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
ज्यादा देर तक शोर-शराबे के सम्पर्क में रहने से पुरुषों में बढ़ सकती है फर्टिलिटी
शोधकर्ताओं ने पाया कि रात के शोर का स्तर 55 डेसिबल (डीबी) के बराबर या उसके बराबर होता है और यह बांझपन में वृद्धि कर सकता है।
ऐसे पुरुष जिनका घर एक ऐसे रोड के पास है जहां बहुत ज्यादा शोर होता है, उन्हें बांझपन यानि इनफर्टिलिटी का अधिक खतरा होता है। ऐसा दावा जर्नल एनवायरनमेंटल पोल्यूशन में प्रकाशित एक अध्ययन में किया गया है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि रात के शोर का स्तर 55 डेसिबल (डीबी) के बराबर या उसके बराबर होता है और यह बांझपन में वृद्धि कर सकता है। आपको बता दें कि शोर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग और मानसिक बीमारी से भी जुड़ा हुआ है।
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता के अनुसार,स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य व्यय पर अप्रत्याशित प्रतिकूल प्रभावों के कारण बांझपन एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा बन रहा है।
अगर ऐसा ही रहा, तो भविष्य में मनुष्य सामान्य गर्भावस्था और प्रसव के लिए सक्षम नहीं होंगे। अगर आप पुरुष हैं और आप इनफर्टिलिटी से पीड़ित हैं, तो आपको पर्यावरण प्रदूषण के जोखिम पर विचार करना चाहिए।
अध्ययन के लिए, टीम ने 20-59 आयु वर्ग के 206,492 पुरुष का विश्लेषण किया। उन्होंने पुरुषों के डाक कोड के साथ मिलकर नेशनल नॉइज़ इन्फोर्मेशन सिस्टम से जानकारी का उपयोग करते हुए नॉइज़ एक्सपोजर लेवल की गणना की।
साल 2006 से 2013 यानि आठ सालों तक किये गए इस अध्ययन में यह पता चला कि 3,293 व्यक्तियों का इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज किया गया।
आयु, आय, बीएमआई और धूम्रपान जैसे डेटा को इकठ्ठा करने के बाद, उन्होंने पाया कि इनफर्टिलिटी का निदान होने की संभावना रात में 55 डीबी से अधिक शोर से निकले पुरुषों में काफी अधिक थी।