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हाथों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये नेचुरल तरीके
अपने हाथों को देखकर कभी आपको यकीन भी नहीं होगा कि यह 27 हड्डियों, मांसपेशियों, नसों और स्नायुओं से बनी एक जटिल संचरना है।
हाथो के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि हर एक काम में हमें हाथों की ज़रूरत पड़ती है।
हाथ की इंजरी जैसे हड्डी ब्रेक और फ्रैक्चर होने पर हम कुछ समय तक अपना कोई भी काम नहीं कर पाते हैं लेकिन अगर हाथ में किसी तरह की चोट न लगी हो और केवल सामान्य सा दर्द हो तो आप क्या करेंगे?
आपको बता दें कि कई कारणों की वजह से हाथों में दर्द होने लगता है इसलिए ज़रूरी है कि दर्द के सही कारणों का पता लगायें और फिर उसका इलाज करें।
कार्पल टनल सिंड्रोम :
हाथ की लंबी नर्व को मीडियन नर्व कहते हैं। यह हाथ की कोहनी तक फैली होती है और कलाई के नैरो कॉरीडोर से गुजरती है जिसे कार्पल टनल कहा जाता है। अधिक समय तक जब हमारा हाथ या कलाई एक ही गति को बार-बार दोहराता है तो कार्पल टनल में सूजन, दर्द और सिकुड़न होने लगता है जिससे कि नर्व कमजोर पड़ जाता है। इसके अलावा हाथ सुन्न हो जाता है और सनसनाहट होने लगती है और अंगूठे और हथेली में हल्का दर्द शुरू हो जाता है।
आर्थराइटिस : यह बीमारी आमतौर में युवा और वयस्क दोनों लोगों में हो सकती है। इसमें पूरे शरीर के ज्वाइंट्स प्रभावित होते हैं। हालांकि वयस्क अक्सर अपनी ऊंगली और कलाई के ज्वाइंट्स में सूजन और दर्द महसूस करते हैं। रूमैटॉयड और ऑस्टिओआर्थराइटिस में हाथों में दर्द होता है खासतौर से तब जब आप कोई वस्तु पकड़ने और छीनने की कोशिश करते हैं।
टेंडन में सूजन :
टेंडन अंगूठे के बेस पर कलाई के आसपास स्थित होता है और लंबे समय तक इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से इसमें सूजन आ जाती है। जैसे ही टेंडन में सूजन शुरू होती है वैसे ही नर्व और टिश्यू पर इसका दबाव पड़ने लगता है। इसकी वजह से सिर्फ हाथों में ही नहीं बल्कि कोहनी में भी दर्द होता है। इस तरह की चोट में सिर्फ सामान पकड़ने और उठाने में ही दर्द नहीं होता बल्कि मुट्ठी बांधने में भी काफी कठिनाई होती है।
ट्रिगर फिंगर : अगर हाथों के टेंडन की बात की जाए तो जो लोग अपनी उंगली को मोड़ते और सीधा करते हैं उनमें वास्तव में हड्डियों और टेंडन की स्मूथ ग्लाइडिंग और गति के लिए थिक मेंम्ब्रेन का एक आवरण होती है। इस आवरण में जब सूजन आ जाती है तो टेंडन को मोड़ने में काफी कठिनाई होती है। तब उंगली मुड़ी रह जाती है और जब आप इसे सीधा करने की कोशिश करते हैं तो इसमें परेशानी होती है। इससे उंगलियों को मोड़ने में दर्द होता है।
हाथ के दर्द के लिए प्राकृतिक उपचार :
हाथ के दर्द के इलाज के लिए कई प्राकृतिक तरीके मौजूद हैं। इन्हें ठीक करने के लिए पेन किलर जैसी दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ती है। वास्तव में ऐसे कई प्राकृतिक उपचार हैं जिनसे काफी लाभ होता है।
ब्रेसिंग या स्पिलिंटिंग : ब्रेस या स्पलिंट पहनकर आप कुछ ही देर में हाथ के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। हालांकि यह इस पर भी निर्भर करता है कि आपके हाथ में किस तरह का दर्द है। यह चोट लगे हिस्से को ठीक करता है और घाव या दर्द बढ़ने से रोकता है। यह सूजन को भी कम करने में मदद करता है।
जैसे छोटा और हल्का ट्रिगर थंब ब्रेस पहनने से यह आपके अंगूठे और उंगलियों को सीधा रखता है और उन्हें दोबारा लॉक नहीं होने देता है। ठीक उसी तरह कार्पल टनल ब्रेस नर्व के दबाव को कम कर पूरी कलाई और हाथ के निचले हिस्से को खींचता है और दर्द से राहत देता है।
आइस थेरेपी:
सूजे हुए टेंडन, ज्वाइंट या मसल्स पर आइस पैक रखने से यह उस हिस्से को अस्थायी रूप से सुन्न ही नहीं करता बल्कि ब्लड वेसल्स को भी संकुचित कर देता है जिससे सूजन कम होता है और दर्द से राहत मिलता है।
बर्फ हटा लेने पर ब्लड वापस आ जाता है और खराब बाइप्रोडक्ट और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलने लगते हैं और ये हाथ और ज्वाइंट के कमजोर टिश्यू को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते हैं जिससे धीरे-धीरे दर्द से राहत मिलने लगती है।
मलहम :
विशेषरूप से आर्थराइटिस के दर्द के लिए क्रीम, जेल, मलहम आदि लगाने से यह एनाल्जेसिक प्रभाव उत्पन्न करता है और दर्द से राहत देता है। कभी-कभी प्राकृतिक पौधों से बनी सामग्री जैसै ऑर्निका, मेंथॉल और कैप्सैसिन लगाने से यह ज्वाइंट और मसल्स के दर्द से राहत देता है। लेकिन यह दर्द से लंबे समय तक राहत नहीं देता। आइस थेरेपी और स्पलिंटिंग के साथ अगर इनका उपयोग किया जाए तो ये ज्यादा प्रभावी होते हैं।
मसाज :
मसाज करने से पीठ से पैर और पैर से गर्दन सहित पूरे शरीर पर दबाव पड़ता है और राहत महसूस होती है। इसी प्रकार हाथ से मसाज करने पर आपको दर्द से राहत औऱ काफी आराम मिलता है।
हाथ के ज्वाइंट और मसल्स की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और जोड़ों की जकड़न और टेंडन के दर्द को कम करता है। आइस थेरेपी के जरिए हैंड मसाज करने से ओस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित समस्या दूर हो जाती है।
एक्सरसाइज:
हाथ और पैरों के अलावा अपनी उंगलियों को भी फैलाने की एक्सरसाइज करें। यह हाथ और उंगलियां के अलावा कमजोर टिश्यू और हाथ के टेंडन को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा स्टिफ ज्वाइंट और मसल को लंबा और ढीला बनाता है। मजबूत हाथों का मतलब है कि अगर आपके हाथ में हल्की चोट भी लगी हो तो आप किसी वस्तु को आसानी से पकड़, उठा, संभाल और छोड़ सकें।