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कॉपर के टंग क्‍लीनर से जीभ साफ करने के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

By Lekhaka
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मुंह में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं जिनसे आपको कई तरह की मौखिक बीमारियों का खतरा होता है। इसलिए नियमित रूप से दांतों और खासकर जीभ को साफ करना बहुत जरूरी है।

कई अध्ययन इस बात की सलाह देते हैं कि रोजाना जीभ की सफाई करके आप कई रोगों से बच सकते हैं। टंग स्क्रैपिंग आपके दांतों को ब्रश करने से पहले अपनी जीभ को साफ करने का सरल अभ्यास है।

अध्ययनों से पता चला है कि यह साधारण तकनीक है। इससे मुंह में बैक्टीरिया को कम करने में मदद मिलती हैजिससे मसूड़े, दांत और मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।

Tongue Cleaning: गन्दी जीभ ऐसे करें साफ़ | How to properly clean tongue | Boldsky

इतन ही नहीं यह वोलाटाइल सल्फर कंपाउंड्स (वीएससी) को कम करता है, जो मुंह के बैक्टीरिया से बनते हैं और इससे सांस की बदबू शुरू होती है।

स्वाद की उत्तेजना में सुधार करता है और टंग कोटिंग कम कर देता है। घुलनशीलता को कम करने और बैक्टीरियल लोड को कम करके मुंह के परिवेश को बदलता है।

 क्‍या कहता है आयुर्वेद

क्‍या कहता है आयुर्वेद

परंपरागत रूप से, आयुर्वेदिक ग्रंथों में से एक, चरक संहिता के अनुसार, टंग स्क्रैपर्स को सोने, चांदी, तांबे, टिन या पीतल से बना होना चाहिए। जीभ के पीछे टोक्सिन (अमा) इकट्ठा हो सकता है जिससे श्वसन और सांस की बदबू पैदा हो सकती है।

सांस की बदबू को खतम करता है

सांस की बदबू को खतम करता है

जब जीभ पर कुछ जीवाणु और मौखिक गुहा में मुँह में कुछ प्रोटीन टूट जाते हैं, तो वोलाटाइल सल्फर कंपाउंड्स (वीएससी) को छोड़ देते हैं जिसके चलते सांस की बदबू होती है। अध्ययन ने वीएससी को कम करने के लिए प्रभावी तरीके के रूप में टंग स्क्रैपिंग के लाभों की पुष्टि की है।

कॉपर ही क्यों?

कॉपर ही क्यों?

परंपराओं और आयुर्वेदिक साहित्य के अनुसार टंग स्क्रैपर कॉपर, सिल्वर, गोल्ड या टिन के बनी होनी चाहिए। गोल्ड और सिल्वर के स्क्रैपर बजट से बाहर की चीज है। इसलिए अध्ययन कॉपर टंग क्लीनर की सलाह देते हैं। प्राचीन काल से कॉपर का बैक्टीरिया-प्रतिरोधी धातु के रूप में प्रयोग किया जाता है और इसलिए, इससे जीभ को साफ करने से कई लाभ मिलते हैं।

मुंह के बैक्‍टीरिया को भगाए

मुंह के बैक्‍टीरिया को भगाए

आपके मुंह में बैक्टीरिया भरे होते हैं और कॉपर टंग क्लीनर से साफ करने से बैक्टीरिया कम करने में मदद मिलती है। इससे ना केवल मुंह से टॉक्सिन को बल्कि हानिकारक बैक्टीरिया को भी बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह कॉपर के एंटीबैक्टीरियल गुण हैं, जो इसे इफेक्टिव टंग क्लीनर बनाते हैं और ओरल हेल्थ में सुधार करते हैं।

मौखिक स्वच्छता क्यों जरूरी है?

मौखिक स्वच्छता क्यों जरूरी है?

एक गिलास पानी पीने से ना केवल मौखिक स्वच्छता, टंग स्क्रैपिंग और ब्रशिंग में मदद मिलती है बल्कि पाचन प्रक्रिया को बेहतर रखने का भी एक बेहतर तरीका है। टंग स्क्रैपिंग से ना केवल जीभ का स्वाद बेहतर होता है बल्कि खाद्य पदार्थों को सही तरीके से पचाने में भी मदद मिलती है। इतना ही नहीं इससे बाउल मूवमेंट में सुधार होता है।

एक कॉपर टंग से न केवल मौखिक स्वच्छता बेहतर बनाये रखने में मदद मिलती है बल्कि जब इसका प्रयोग नहीं किया जाता, तब भी यह बैक्टीरिया जमा होने से रोकती है। इसके फायदेमंद गुणों के कारण, कॉपर टंग दूसरी पसंद होती है। हालांकि स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल भी बेहतर है।

स्‍टेप 1)

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सुबह उठने के ठीक बाद में, अपनी जीभ को स्क्रैप करें। सबसे पहले आपको येही करना चाहिए। यहां तक कि अगर आप रात के बीच में जागते हैं, तो एक गिलास पानी के बाद जीभ को स्क्रैप करें, इससे अमा(विषाक्त पदार्थ) कम हो सकता है।

स्‍टेप 2)

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एक शांत जीभ के साथ, अपने यू-आकार की टंग स्क्रैपर का उपयोग करके, जीभ के पीछे धीरे-धीरे पहुंचें और जीभ को पीछे से सामने खिसकाएं। इसे 5-10 बार दोहराएं। गरारे जर्ने से गले के पीछे से कुछ बलगम और अमा को लाने में मदद कर सकता है।

स्‍टेप 3)

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ब्रशिंग (गैर-फ्लोराइड टूथपेस्ट के साथ), फ्लॉसिंग, और एक बड़े गिलास पानी के साथ टंग स्क्रैप का पालन करें।

स्‍टेप 4)

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एक आयुर्वेदिक मौखिक स्वच्छता की नियमितता पूरी करने के लिए, ऑयल पुलिंग के बाद इसका पालन किया जा सकता है। निश्चित रूप से इसके बाद दांतों को ब्रश से साफ करने की आवश्यकता होगी।

स्‍टेप 5)

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रोजाना ब्रश करने से पहले अपनी जीभ को स्क्रेप करने की आदत डालें।

English summary

The Science of Tongue Scraping with Copper

Tongue scraping is the simple practice of scraping your tongue before brushing your teeth. Studies have shown that this simple technique:
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