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रूबीना दिलैक के पति अभिनव को है Dyslexia, इस वजह से याद नहीं रहती है नाम-तारीख, जानें इस बीमारी के बारे में
बिग बॉस फेम अभिनव शुक्ला ने सोशल मीडिया के जरिए खुद को 'बॉर्डरलाइन डिस्लेक्सिक' होने के बारे में बताया है। उन्होंने पोस्ट शेयर करते हुए कहा, 'मैं बॉर्डरलाइन डिस्लेक्सिक हूं। अब अब पब्लिक है। इसलिए मैं इस बारे में और खुलकर बोलूंगा.. इसमें किसी की गलती नहीं है, ना ही मेरी, इसलिए ये जैसा भी है ये है। मुझे इसे स्वीकार करने में दो दशक लग गए। अब मुझे नंबर्स और आंकड़े शर्मिंदा नहीं करते। मुझमें असाधारण क्षमता है। मैं दूसरी तरह से सक्षम हूं।' आइए जानते है इस बीमारी के बारे में-
क्या है डिस्लेक्सिया?
डिस्लेक्सिया एक मानसिक बीमारी है। ये जेनेटिक होने के साथ मस्तिष्क से जुड़ी होती है। डिस्लेक्सिया के तीन चरण हैं। डिस्लेक्सिया से पीड़ित लोगों को आमतौर पर शब्दों को सुनने और देखने-पढ़ने में मुश्किल होती है। इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते है। यह स्कूल जाने वाले बच्चों में दिखाई देते है।
डिस्लेक्सिया के तीन चरण हैं
प्राथमिक चरण में मरीज पढ़ने, लिखने में असमर्थ रहता है। दूसरे चरण में गर्भ में बच्चे के मस्तिष्क का सही से विकास नहीं हो पाता है। जबकि, तीसरे चरण में गंभीर बीमारी अथवा मस्तिष्क में चोट लगने से व्यक्ति डिस्लेक्सिया से पीड़ित हो जाता है।
इसके लक्षण
पढ़ने, लिखने और बोलने में दिक्कत
-समझने और याद रखने में दिक्कत
- दूसरी भाषा सीखने में परेशानी होना
-कठिन शब्दों के उच्चारण में तकलीफ
स्पेलिंग इश्यूज
शब्दों और नामों का गलत उच्चारण करना
याद रखने में असमर्थता
गणित की समस्याओं को हल करने में असमर्थता
चुटकुलों और भावों को समझने में समस्या
इलाज
वैसे अगर समय रहते डिस्लेक्सिया के लक्षण सामने आ जाएं तो कुछ लर्निंग थैरेपी की सहायता से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा अगर बच्चे को यह प्रॉब्लम है तो उनके पढ़ने स्टाइल पूरी तरह बदलें। उन्हें आसान तरीकें से और खेल-खेल में सीखाने की आदत डालें। इससे उन्हें आपकी बात जल्दी समझ आएगी। आप उन्हें पढ़ाने या कुछ भी समझाने के लिए पेंटिंग या कहानियों का सहारा ले सकते हैं। बच्चे को जिस चीज अक्षर को पहचानने या लिखने में दिक्कत होती हैं वह उन्हें बार-बार लिखवाएं। इसके अलावा उन्हें खिलौने के माध्यम से भी आप सिखा सकते हैं। ऑफ उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग भी करवा सकते हैं।