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सावधान! कोरोना के मरीज भूलकर भी न करें ये ब्रीदिंग एक्सरसाइज, बेहोशी चक्‍कर के अलावा घुट सकता है दम

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कोविड से बचाव के लिए एक्सपर्ट ब्रीदिंग एक्सरसाइज की सलाह दे रहे हैं लेकिन कुछ लोग अपनी मन-मर्जी से कुछ एक्सरसाइज कर रहे हैं। ऐसे कई सांस लेने वाले व्यायाम हैं जिन्हें आप संक्रमण से ग्रस्त होने के बाद कर सकते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिनसे आपको दूरी बनानी चाहिए। ऐसी एक्सरसाइज न सिर्फ आपके श्वसन पथ पर बहुत अधिक दबाव बढ़ा सकते हैं बल्कि कोरोना पॉजिटिव होने पर और या उससे ठीक होने के बाद भी आपकी सांस को फूला सकते हैं और अन्य समस्याओं का शिकार बना सकते हैं। इस लेख में हम आपको 3 एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको बचना चाहिए।

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें पहला शब्द कपाल, जिसका अर्थ है खोपड़ी और भाति का मतलब है चमकना। दरअसल ब्रीदिंग एक्सरसाइज को करने से शरीर में गर्मी पैदा होती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। इतना ही नहीं ये मेटाबॉलिक रेट में सुधार कर लिवर और किडनी के काम को बेहतर बनाती है। हालांकि ये एक तरह की एडवांस ब्रीदिंग टेक्नीक है, जो आपके शरीर के अंदरूनी अंगों पर ज्यादा दबाव डालने का काम करती है।

वहीं अस्थमा, हृदय संबंधी समस्याओं या फिर श्वसन संबंधी समस्या से पीड़ित लोगों को ये एक्सरसाइज न करने की सलाह दी जाती है। कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को ये एक्सरसाइज न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे आपको सांस फूलने और चक्कर आने की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर और अल्सर से परेशान लोगों को भी कपालभाति से बचना चाहिए।

मूर्छा प्राणायाम

मूर्छा प्राणायाम

मूर्छा शब्द के बारे में आपने कई बार पढ़ा होगा, जिसका अर्थ होता है "बेहोशी"। इस प्रकार की ब्रीदिंग एक्सरसाइज को "बेहोशी" ब्रीदिंग के रूप में भी जाना जाता है। इस एक्सरसाइज में व्यक्ति को धीरे-धीरे सांस लेनी होती है और सांस को लंबे समय तक रोकना होता है। मूर्छा प्राणायाम व्यक्ति में बेहोशी या तैरने की भावना को जगाती है, जिसे एक उन्नत किस्म की श्वास तकनीक माना जाता है। किसी भी आम व्यक्ति को ये एक्सरसाइज करने की सलाह नहीं दी जाती है। ये सिर्फ उन्हीं लोगों को करनी चाहिए, जिन्हें ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने में महारत हासिल हो। कोविड रोगियों को भी ये एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए क्योंकि उन्हें सांस रोककर रखने से चक्कर आ सकते हैं, जो संक्रामक रोगों का एक लक्षण है। इतना ही नहीं यह आपके फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव भी डालती है, जिससे हाल-फिलहाल में ठीक हुए रोगी को दिक्कत हो सकती है।

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम

कपालभाती के समान दिखाई देने वाला भस्त्रिका प्राणायाम की विधि बिल्कुल अलग है। इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज को करने के लिए आपको तेजी से सांस लेने और छोड़ने की जरूरत होती है। यह एक साधारण एक्सरसाइज है, जो शरीर में बहुत अधिक गर्मी पैदा कर देती है और फेफड़ों पर बहुत अधिक दबाव डालती है। इसे करने से एक हेल्दी व्यक्ति को भी चक्कर आ सकते हैं और वह हांफ सकता है। इसलिए ही कोरोना से पीड़ित मरीजों को इस एक्सरसाइज से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा जिन लोगों को दिल और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें भी इससे बचना चाहिए।

English summary

Dangerous Breathing Exercises Or Yoga Poses for Covid-19 Positive Patients

whenever a person is experiencing low oxygen, they should not be doing any heavy breathing exercises. For people who are COVID positive or patients with pre-existing respiratory ailments like asthma, Pranayam that involves forceful breathing is not advisable.
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