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इस नवरात्री के व्रत में नकली साबुदाना खाने से बचें, ऐसे करें पहचान
साबूदाना एक शाकाहारी प्रोसेस्ड फूड है, यही वजह है कि इसका सेवन व्रत के दौरान भी किया जाता है। साबूदाना टैपिओका कंद से निकाले गए स्टार्च से बनाया जाता है। साबूदाना को सगुदाना, जाववर्षि, चौवरी भी कहा जाता है। साबूदाना लगभग पूरे भारत में व्रत के खाने के रुप में जाना जाता है। इसी वजह से व्रत उपवासों में लोग साबूदाने का खूब सेवन करते हैं। लेकिन इन दिनों बाजार में असली की जगह नकली साबूदाना भी खूब मिल रहा है। ये देखने में काफी चमकदार और पॉलिश किए हुए सफेद मोतियों के समान दिखते हैं। आइए जानते है कैसे इनकी पहचान कर
ये है असली और नकली साबूदाना पहचानने का तरीका-
मिलावटी और असली साबूदाने में पहचान करने का आसान सा तरीका, हम आपको यहां बता रहे हैं-
-थोड़ा सा साबूदाना लें और इसे मुंह में रख कर कुछ देर तक चबाएं।
- अगर यह आपको किरकिरा महसूस कराता है तो यह मिलावटी है।
-जबकि नेचुरल साबुदाना को कुछ देर चबाने के बाद स्टार्च निकेगा और वो दांत के साथ थोड़ा चिपचिपा लग सकता है।
ये भी दूसरे तरीके
- इसे पानी में भिागोकर रखें कुछ समय अगर यह फूलता है तो यह शुद्ध है और अगर नहीं तो इसमें मिलावट है।
-इसके अलावा साबुदाने को कुछ देर जलाने से मिलावटी साबूदाना राख छोड़ देगा और असली साबूदाना राख नहीं छोड़ेगा।
-साथ ही असली साबूदाने को जलाने पर इसकी खुशबू आएगी और मिलावटी से धुंआ निकलने लगेगा।
बीमारों के लिए स्वस्थ आहार
साबूदाना में कार्बोहाइड्रेड की मात्रा अधिक और वसा कम होती है। साबूदाना को अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में पसंद किया जाता है क्योंकि यह स्टार्च से भरा होता है और इसमें कोई कृत्रिम मिठास या रसायन नहीं होता है। इसका उपयोग बीमारों के लिए स्वास्थ्य भोजन के रूप में भी किया जाता है क्योंकि यह त्वरित ऊर्जा देता है और पचने में आसान होता है।
मिलावटी साबूदाने खाने के नुकसान
मिलावटी साबूदाने को कई प्रकार के ब्लीचिंग एजेंट्स और कैमिल्स जैसे कि फॉस्फोरिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड के अलावा इसे सफेद और चमकदार मोती जैसा दिखाने के लिए कुछ आर्टिफिशियल व्हाइटनिंग एजेंट्स का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है। इसे खाने से शरीर में विषाक्तता पैदा हो सकता है, जिससे कि शरीर के कई अंग खराब हो सकते हैं या फिर लकवा मार सकता है। यह कैंसर और अन्य किडनी से जुड़ी बीमारियां और लिवर से जुड़ी बीमारियां पैदा कर सकता है। इसके अलावा दिल की बीमारियों और किडनी फेलियर होने की संभावना भी रहती हैं।