Just In
- 6 min ago Crispy Chicken Strips : इफ्तार के लिए इस तरह बनाएं टेस्टी-टेस्टी क्रिस्पी चिकन स्ट्रिप्स, पढ़ें पूरी रेसिपी
- 1 hr ago Good Friday 2024 Quotes Messages: गुड फ्राइडे के मौके पर शेयर करें यीशु के विचार
- 8 hrs ago Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- 9 hrs ago कौन थे पंजाबी रॉकस्टार अमरसिंह चमकीला? जिनकी मौत के 35 साल बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी
Don't Miss
- News MP Weather News: मध्य प्रदेश में मौसम के तीखे तेवर, मार्च के महीने में शुरू हुई लू, भोपाल में पारा 40.5 डिग्री
- Movies Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
जानिए मई में आने वाली पूजा और व्रत की तिथियां
संकष्टी चतुर्थी, विनायक चतुर्थी 3 मई
चन्द्र मास पर आधारित हिंदू पंचांग में हर महीने में दो चतुर्थी होती है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्लपक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार ये दोनों चतुर्थी तिथि प्रथम पूजनीय श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन भक्त पूरे विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करते हैं और से व्रत रखते हैं।
आपको बता दें इस बार संकष्टी चतुर्थी 3 मई 2018 को है।
अपरा एकादशी- 11 मई
पद्म पुराण के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है जो कि बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि व्रत और पूजा करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है।
इस दिन भूल कर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही अपरा एकादशी पर दान पुण्य का बड़ा ही महत्व होता है। आपको बता दें इस बार अपरा एकादशी 11 मई, 2018 को है।
भद्रकाली जयंती -11 मई
कहते हैं जब शिव जी को माता सती की मृत्यु की सूचना मिली तो उनके अंदर क्रोध की ज्वाला दहकने लगी। तब महादेव की जटाओं में से महाकाली की उत्त्पति हुई थी। देवी का यह अवतार धरती पर से समस्त पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को भद्रकाली जयंती के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन लोग महाकाली की पूजा अर्चना करते हैं। हरियाणा, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भद्रकाली जयंती को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। आपको बता दें इस बार भद्रकाली जयंती 11 मई, 2018 को है।
प्रदोष व्रत- 13 मई
यह व्रत 13वें दिन यानी त्रयोदशी को होता है। त्रयोदशी अथवा प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार आता है- एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सुहागन औरतें यह व्रत अपने पति की लम्बी आयु और परिवार में सुख और शान्ति के लिए रखती हैं।
इस महीने प्रदोष व्रत 13 मई, सोमवार को है। सोमवार को आने वाले प्रदोष व्रत को चंद्र प्रदोष व्रत कहा जाता है, अगर यह व्रत मंगलवार को आता है तो इसे भौम प्रदोषम कहा जाता है। शनिवार को आने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। इस व्रत की कथा दिन के अनुसार होती है यानी प्रत्येक दिन की अलग अलग कथा होती है।
मासिक शिवरात्रि- 13 मई
हिंदू धर्म के लोगों के लिए महाशिवरात्रि बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना गया है लेकिन इसके अतिरिक्त भी साल में 12 शिवरात्रि आती है जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हर माह आने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के बाद भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय होता है मासिक शिवरात्रि पर विधिपूर्वक इनकी पूजा अर्चना करना।
आपको बता दें इस बार मासिक शिवरात्रि 13 मई, 2018 को है।
वृषभ संक्रांति- 15 मई
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली संक्रांति को वृषभ संक्रांति व ज्येष्ठ संक्रांति भी कहते हैं। वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करता है। मराठी, गुजराती, तेलुगु और कन्नड़ कैलेंडर के अनुसार ये पर्व वैशाख के महीने में आता है। वहीं उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार यह ज्येष्ठ के महीने में पड़ता है।
इस दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ख़ास तौर पर ब्राह्मणों को गौ दान करना। वृषभ संक्रांति पर शिव जी की पूजा की जाती है। पूरी के जगन्नाथ मंदिर में इस पूजा की धूम देखने वाली होती है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव की भी पूजा करते हैं। इसके अलावा अपने पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए लोग इस दिन पितृ तर्पण भी करते हैं।
इस बार वृषभ संक्रांति 15 मई, 2018 को है।
वट सावित्री व्रत- 15 मई
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। लेकिन अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार ये व्रत पूर्णिमा के दिन पड़ता है इसलिए यह व्रत उत्तर भारत में मनाने के ठीक 15 दिन बाद दक्षिण भारत में मनाया जाता है।
इस दिन सुहागन औरतें अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं। कहते हैं इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे। स्त्रियां वट के वृक्ष पर धागा बाँध कर परिक्रमा करती हैं और वहीं बैठकर इस व्रत की कथा सुनती हैं।
आपको बता दें इस बार यह व्रत 15 मई, 2018 को है।
शनि जयंती- 15 मई
शनि जयंती ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है इस शुभ अवसर पर लोग व्रत रखते हैं और शनि देव के मंदिर में जाकर इनकी पूजा अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति शुभ नहीं है तो शनि जयंती का दिन इस ग्रह की शान्ति के पूजन के लिए अत्यंत उत्तम है।
ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन पूरे विधि विधान से शनि देव की पूजा अर्चना करता है उसके जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है।
आपको बता दें इस बार शनि जयंती 15 मई, 2018 को है।
भौमवती अमावस्या- 15 मई
पौराणिक धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वर्षभर में प्रत्येक मास में एक अमावस्या होती है। मंगलवार के दिन आने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान मंगल यानी मंगल ग्रह के स्वामी की पूजा की जाती है।
भौमवती अमावस्या के दिन पितृ तर्पण कार्यों को करने का विधान माना जाता है। अमावस्या को पितरों का निमित पिंडदान और तर्पण किया जाता है। कहते हैं भौमवती अमावस्या के दिन पितरों के निमित पिंडदान और तर्पण करने से पितृ और देवताओं का आशीष मिलता है।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है इस बार भौमवती अमावस्या 15 मई, 2018 को है।
चंद्र दर्शन- 16 मई
अमावस्या के ठीक अगले दिन चन्द्र दर्शन पड़ता है। इस दिन चन्द्र देव की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन भक्त व्रत भी रखते हैं। कहते हैं अमावस्या के बाद का पहला चाँद बहुत ही शुभ होता है। आपको बता दें इस बार चन्द्र दर्शन 16 मई, 2018 को है।
रोहिणी व्रत- 17 मई
27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र रोहिणी है और इस नक्षत्र में किये जाने वाले व्रत को रोहिणी व्रत कहते हैं। जैन समुदाय के लोगों के लिए यह व्रत उनके प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति के अच्छे स्वास्थ और लम्बी आयु की कामना करती हैं। ये व्रत रोहिणी नक्षत्र के दिन शुरू होकर मार्गषीर्ष नक्षत्र में समाप्त हो जाता है।
इस बार यह व्रत 17 मई, 2018 को है।
दुर्गा अष्टमी- 22 मई
प्रत्येक माह आने वाली दुर्गा अष्टमी को मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता है। इस दिन माँ दुर्गा की आराधना की जाती है। भक्त इस दिन पूजा के साथ व्रत भी रखते हैं।
आपको बता दें इस बार दुर्गा अष्टमी 22 मई, 2018 को है।
गंगा दशहरा- 24 मई
गंगा दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को दशहरा कहते हैं। माना जाता है कि इस दिन स्वर्ग से गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा के दिन सभी गंगा मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।
साथ ही इस दिन देवी गंगा की भी पूजा की जाती है। भक्त गंगा नदी या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करते है। नहीं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल डाल देते है। इस दिन दान करना बहुत ही लाभकारी होता है। आपको बता दें इस बार गंगा दशहरा 24 मई, 2018 को है।
पद्मिनी एकादशी- 25 मई
प्रत्येक वर्ष में 24 एकादशी आती है किंतु अधिमास में ये 26 हो जाती है और अधिमास की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है। अधिमास के शुक्ल पक्ष में यह एकादशी आती है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। आपको बता दें इस बार यह व्रत 25 मई को है।
श्री सत्यनारायण पूजा- 29 मई
हर माह की पूर्णिमा को श्री सत्यनारायण की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनुष्य के जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है।
आपको बता दें इस बार यह पूजा 29 मई, 2018 को है।