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ऐसे हुआ था मृत्यु का जन्म, खुल गया है ये राज

By Salman khan
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कहते जो इस संसार में जन्मा है उसका मरना तय है। मृत्यु के मुख से कोई ना तो बचा है और ना ही बचेगा। ये संसार का नियम है कि जो आया है उसकी मृत्यु कभी ना कभी किसी ना किसी बहाने से जरूर आएगी।

लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि आखिर मृत्यु का जन्म कब हुआ। ऐसा क्या हुआ की जीवन के बाद मृत्यु भी एक सच्चाई बन गई। आज हम जानेगे मृत्यु के जन्म के बारे में...

 जब बढ़ने लगा धरती पर बोझ

जब बढ़ने लगा धरती पर बोझ

इस दुनिया की रचना हुए तो अरबों साल बीत चुके है और तब से ही मृत्यु का ये प्रावधान चला आ रहा है। दरअसल जब ब्रम्हा जी ने इस संसार को बनाया था जब कोई भी मरता नहीं था।

इसके कारण धरती का बोझ लगातार बढ़ता ही जा रहा था। अगर इसको रोका ना जाता तो प्रथ्वी समुद्र तल में डूब जाती थी।

पूरे संसार को जलाने का दे दिया आदेश

पूरे संसार को जलाने का दे दिया आदेश

इस समस्या का उपाय खोज रहे ब्रम्हा जी को जब कोई भी रास्ता नजर नही आया।

उनके क्रोध ने एक अग्नि का रूप ले लिया और उस अग्नि को ये आदेश दिया गया कि वो समस्त संसार का विनाश कर दे।

देवता पहुंचे ब्रम्हा के पास

देवता पहुंचे ब्रम्हा के पास

ब्रम्हा जी का क्रोध देखकर सभी देवता उनके पास पहुंचते है और विनाश के पीछे का कारण पूंछते हैं।

तब ब्रम्हा उन्हे बताते है कि प्रथ्वी की देवी संसार के वजन से खतरे में और उनकी पीड़ा देखकर ही मै इसके विनाश के लिए प्रेरित हुआ हूं।

उत्पन्न की गई मृत्यु

उत्पन्न की गई मृत्यु

देवताओं ने ये ब्रम्हा जी को समझाया की इस तरह से समस्त दुनिया खत्म हो जाएगी और इसके लिए आपको दूसरा उपाय सोचना चाहिए। देवताओं के बार बार आग्रह करने पर ब्रम्हा जी का क्रोध शांत हुआ।

ब्रम्हा जी के इंद्रियों से एक स्त्री का जन्म हुआ जिसका नाम मृत्यु रखा गया और उसको ये काम दिया गया कि संसार में जन्मे हर व्यक्ति के प्राण तुम्हारे कारण ही निकलेगें।

English summary

do you know the history of beginning death

This is the rule of the world that the death of those who have come will surely come from some excuse. But you have never thought of when death was born.
Story first published: Tuesday, September 26, 2017, 13:19 [IST]
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